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सोनू सूद ने याद किए मुंबई में अपने संघर्ष के दिन - सोनू सूद मुंबई संघर्ष के दिन याद

लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने के चलते पूरे देश में मसीहा बने अभिनेता सोनू सूद ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया. उन्होंने बताया कि कैसे वह सिर्फ 5,500 रुपये लेकर मुंबई आए थे. और किस तरह उन्हें सफलता मिली.

Sonu recalls his initial days of struggle
Sonu recalls his initial days of struggle
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Published : Aug 14, 2020, 12:43 PM IST

मुंबई: अभिनेता सोनू सूद को महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने के चलते पूरे देश में मसीहा के रूप में जमकर सराहा गया. हालांकि उनके लिए चीजें हमेशा से इतनी आसान नहीं थी.

एक डांस रिएलिटी शो के आजादी स्पेशल एपिसोड की शूटिंग के दौरान सोनू ने अपनी फिल्मी यात्रा को लेकर पुरानी यादें साझा कीं.

अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए सोनू ने कहा, "मैं एक इंजीनियर हूं और अपनी ग्रेजुएशन करने के बाद जब मैं अपने परिवार के पास वापस गया, तो मैंने सोचा कि मैं वहां पारिवारिक व्यवसाय करूंगा. लेकिन मैं हमेशा से मुंबई आना चाहता था. शुरू में मैंने सोचा था कि मेरे माता-पिता मुझे मुंबई जाने से रोकेंगे क्योंकि मैं उनका इकलौता बेटा हूं, लेकिन मेरी मां ने मुझे अपने सपनों को हासिल करने के लिए कहा."

उन्होंने आगे कहा, "मुझे अभी भी याद है जब मैं पहली बार मुंबई आया था, मेरे पास 5,500 रुपये थे जो मैंने बचाकर इकट्ठा किए थे. मैं 400 रुपए खर्च करके फिल्म सिटी गया लेकिन मुझे गेट पर ही रोक दिया गया. मुझे लगता था कि अगर मैं फिल्म सिटी में घूमता रहूंगा तो किसी न किसी एक निर्देशक या एक निर्माता मुझे देखेगा और मुझे अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर लेगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ. यह केवल मेरे माता-पिता के आशीर्वाद के कारण है कि मैं यहां हूं."

सूद ने 1999 में तमिल फिल्म 'कल्लाजगर' से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी.

इनपुट-आईएएनएस

मुंबई: अभिनेता सोनू सूद को महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने के चलते पूरे देश में मसीहा के रूप में जमकर सराहा गया. हालांकि उनके लिए चीजें हमेशा से इतनी आसान नहीं थी.

एक डांस रिएलिटी शो के आजादी स्पेशल एपिसोड की शूटिंग के दौरान सोनू ने अपनी फिल्मी यात्रा को लेकर पुरानी यादें साझा कीं.

अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए सोनू ने कहा, "मैं एक इंजीनियर हूं और अपनी ग्रेजुएशन करने के बाद जब मैं अपने परिवार के पास वापस गया, तो मैंने सोचा कि मैं वहां पारिवारिक व्यवसाय करूंगा. लेकिन मैं हमेशा से मुंबई आना चाहता था. शुरू में मैंने सोचा था कि मेरे माता-पिता मुझे मुंबई जाने से रोकेंगे क्योंकि मैं उनका इकलौता बेटा हूं, लेकिन मेरी मां ने मुझे अपने सपनों को हासिल करने के लिए कहा."

उन्होंने आगे कहा, "मुझे अभी भी याद है जब मैं पहली बार मुंबई आया था, मेरे पास 5,500 रुपये थे जो मैंने बचाकर इकट्ठा किए थे. मैं 400 रुपए खर्च करके फिल्म सिटी गया लेकिन मुझे गेट पर ही रोक दिया गया. मुझे लगता था कि अगर मैं फिल्म सिटी में घूमता रहूंगा तो किसी न किसी एक निर्देशक या एक निर्माता मुझे देखेगा और मुझे अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर लेगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ. यह केवल मेरे माता-पिता के आशीर्वाद के कारण है कि मैं यहां हूं."

सूद ने 1999 में तमिल फिल्म 'कल्लाजगर' से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी.

इनपुट-आईएएनएस

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