मुंबई : तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और पंजाबी समेत हिंदी फिल्मों के जरिए फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाने वाले अभिनेता सोनू सूद आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं.
फिल्मों में एक्टर को उनके नेगेटिव किरदारों के लिए खूब सराहा जाता है. लेकिन इस कोरोना काल में सोनू प्रवासी मजदूरों के बीच विलेन नहीं बल्कि हीरो बनकर उभरे हैं.
इन दिनों हर किसी के दिलों पर राज करने वाले सोनू सूद के जन्मदिन पर आइए उनके बारे में जानते हैं कुछ दिलचस्प बातें...
सोनू के परिवार का एक्टिंग की दुनिया से कोई लेना-देना नहीं था. इस इंडस्ट्री में उन्होंने अपने मेहनत और लगन से अपनी खास पहचान बनाई है.
सोनू के लिए तमिल सिनेमा हमेशा से ही खास रहा है, क्योंकि उन्होंने एक तमिल फिल्म कालज़घर से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया. जिसमें उन्होंने नकारात्मक किरदार निभाया था.
फिर 2002 में रिलीज हुई फिल्म 'शहीद-ए-आजम' से सोनू ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा. इस फिल्म में एक्टर ने भगत सिंह का किरदार निभाया था. हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं दिखा पाई लेकिन सोनू की एक्टिंग को खूब सराहा गया.
जिसके बाद 2008 में सोनू की फिल्म 'जोधा अकबर' आई, आशुतोष गोवारिकर की इस फिल्म में जोधा के भाई सुजामल की भूमिका के लिए सोनू की काफी तारीफ हुई. इस रोल के लिए सोनू फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए भी नॉमिनेट हुए थे.
जिसके बाद फिल्म दबंग से अभिनेता ने लोकप्रियता के शिखर को छुआ. दबंग में छेदी सिंह के किरदार को खूब पसंद किया गया. इस किरदार के लिए सोनू को बेस्ट एक्टर का अप्सरा अवार्ड और आईफा अवॉर्ड से नवाजा गया.
सोनू ने अनीस बज़्मी की फिल्म सिंह इज किंग में लखन सिंह की अपनी भूमिका के साथ भी सभी के दिलों पर राज किया.
पुरानी दुनिया के डरावने और नए-पुराने विशेष प्रभावों वाली तेलुगू ब्लाकबस्टर फिल्म 'अरूंधति' ने खूब धमाल मचाया. जिसमें सोनू सूद के साथ अभिनेत्री अनुष्का शेट्टी ने अहम किरदार निभाया था.
इस फिल्म के लिए सोनू को बेस्ट विलेन का आंध्रपदेश का नंदी पुरस्कार दिया गया और सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार- तेलुगू भी दिया गया.
बता दें, तेलुगू इंडस्ट्री में नंदी अवॉर्ड को फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी बढ़कर माना जाता है और सोनू पहले ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने बॉलीवुड से होते हुए भी नंदी अवॉर्ड जीता है.
2009 में ही रिलीज हुई एक दुबई बेस्ड इंग्लिश फिल्म 'सिटी ऑफ लाइफ' में भी एक्टर ने बहुत अच्छा काम किया. फिर साल 2014 की हॉलीवुड फिल्म 'द लीजेंड ऑफ हरक्यूलिस' के हिंदी डबिंग में हरक्यूलिस के किरदार के लिए सोनू ने अपनी आवाज दी थी.
सबको एंटरटेन करने के अलावा लोगों की मदद करने में भी सोनू सबसे आगे रहते हैं. इसका सबसे बड़ा सबूत लॉकडाउन में देखने मिला है. जो कि अभी भी जारी है. वह अब तक अपने प्रयास से हजारों की तादाद में मजूदरों को उनके घर पहुंचा चुके हैं.
ट्विटर पर लोगों ने सोनू से तमाम मदद मांगी और अभिनेता बिना हिचकिचाए उनके लिए आगे आए. सोनू ने ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर पाने के लिए ट्विटर पर एक हेल्पलाइन नंबर भी शेयर किया है ताकि लोग उनसे आसानी से संपर्क कर सकें.
देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फंसे कुछ लोगों ने एक्टर को ट्वीट कर घर पहुंचाने को कहा और सोनू ने उनकी मदद भी की.
हाल ही में एक बार फिर सोनू ने दरियादिली दिखाते हुए एक परिवार को ट्रैक्टर दिया था. उस परिवार के पास बैल या ट्रैक्टर ना होने के कारण घर की बेटियों को हल जोतना पड़ता था. सोनू के पास यह खबर जाते ही उस परिवार के घर ट्रैक्टर पहुंच गया. जिससे उस परिवार की बेटियां खेत में काम करने के बजाय पढ़ाई में अपना समय दे सकें.
अपनी आगे आने वाली फिल्मों और इस नेक काम से उन फिल्मों के किरदारों में आने वाले बदलाव को लेकर सोनू ने कहा...
सोनू के ट्विटर हैंडल को देखकर यह समझा जा सकता है कि वह एक सेलेब्रिटी के तौर पर नहीं, बल्कि एक आम इंसान बनकर इस दुख की घड़ी में लोगों का साथ निभा रहे हैं.
आज सोनू सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि किसी के भाई तो किसी के बेटे हैं. कोरोना काल में इंसानियत की जो छवि सोनू ने पेश की है, वह वाकई में काबिले तारीफ है.