मुंबई : हिंदी सिनेमा का बेताज बादशाह, जिसके रोमांटिक अंदाज की हर हसीना कायल थी. एक ऐसा अभिनेता जिन्होंने उमंग और उत्साह के भाव को बड़े पर्दे पर बखूबी निभाया है. अपनी जीवन की मस्ती को अपने किरदार में जींवत करने वाले शम्मी कपूर आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है.
जी हां...शम्मी कपूर की फिल्मों पर नजर डालने पर पता चलता है कि उन पर फिल्मायें गीतों में गायकी संगीत संयोजन और गीत के बोलों में मस्ती की भावना पिरोयी रहती थी.
'बार बार देखो हजार बार देखो' और 'चाहे मुझे कोई जंगली कहे' जैसे गीतों से आज भी उनकी बागी छवि की तस्वीर सिनेप्रेमियों के जेहन में उतर आती हैं. शम्मी कपूर को रिबेल स्टार (विद्रोही कलाकार) की उपाधि इसलिए दी गई क्योंकि उदासी, मायूसी और देवदास नुमा अभिनय की परम्परागत शैली को बिल्कुल नकार करके अपने अभिनय की नयी शैली विकसित की.
हाल ही में ऋषि कपूर ने शम्मी कपूर को याद कर उनके लिए एक ट्वीट किया है. साथ ही ऋषि कपूर ने शम्मी कपूर की एक फोटो भी शेयर की है. ऋषि लिखते हैं कि शम्मी कपूर को याद कर रहा हूं. वे हमें 14 अगस्त 2011 को अलविदा कह गए थे. उनके जैसा स्टार कोई नहीं.
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Remembering Shammi Kapoor. Left us 14th August 2011. Never a star like him! pic.twitter.com/PMKV0fe3i8
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- कुछ यूं हुई फिल्मी सफर की शुरूआत...
21 अक्टूबर 1931 को मुंबई में जन्में शम्मी कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर फिल्म इंडस्ट्री के महान अभिनेता थे. घर में फिल्मी माहौल होने पर शम्मी कपूर का रूझान भी अभिनय की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने का ख्वाब देखने लगे.
- इस अलग अंदाज से लूटा सबका दिल.....
शम्मी कपूर जब फिल्म इंडस्ट्री में आये तो उनका फिगर आड़ी तिरछी अदायें और बॉडी लैंग्वज फिल्म छायांकन की दृष्टि से उपयुक्त नहीं थे, लेकिन बाद में यही अंदाज लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बन गया. उनके लिए संगीतकारों ने फड़कता हुआ संगीत, युवा मन को बैचेन करने वाले बोल और गीतकारों को संगीतकारों के तैयार की गयी धुन का बारीकी से अध्ययन करके गीत लिखने पड़े.
- गीताबाली और शम्मी की दिलचस्प है कहानी...
वर्ष 1955 में शम्मी कपूर ने फिल्म अभिनेत्री गीताबाली से शादी कर ली. यह शादी जिन परिस्थतियों में हुई वे काफी दिलचस्प हैं. फिल्म इंडस्ट्री में गीताबाली उनसे काफी सीनियर थीं. शम्मी कपूर और गीताबाली की जोड़ी फिल्म मिस कोका कोला के दौरान सुर्खियों में आई थी. इसके बाद दोनों ने साथ में केदार शर्मा की फिल्म, रंगीन रातें, में भी काम किया.
- इस फिल्म ने बदल ही जिंदगी...
शम्मी कपूर के अभिनय का सितारा निर्देशक नासिर हुसैन की वर्ष 1957 में प्रदर्शित फिल्म, तुमसा नहीं देखा, से चमका. बेहतरीन गीत, संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने शम्मी कपूर को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया.
आज भले ही ये सितारा हमारे बीच नहीं है, लेकिन इन्होंने अपने अभिनय और रोमांटिक अंदाज से हिंदी सिनेमा को एक अलग ही पहचान दी है. आज भी शम्मी कपूर के यादगार गीत तमाम दर्शकों के दिलों में जिंदा है, जो यादों के माध्यम से हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगा.