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शिल्पा शेट्टी की मां द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के मामले में मुंबई कोर्ट ने आरोपी को दी अग्रिम जमानत

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की मां सुनंदा ने जमीन से जुडे़ धोखाधड़ी मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. मुंबई की एक अदलात ने इस मामले के आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी है.

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Published : Sep 16, 2021, 4:47 PM IST

Shilpa Shetty
Shilpa Shetty

मुंबई : डिंडोशी में मुंबई सत्र न्यायालय ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की मां सुनंदा शेट्टी द्वारा दायर शिकायत में आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने उन्हें (सुनंदा) 1.6 करोड़ भूमि सौदे के मामले में धोखा दिया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीडी खोचे ने निर्देश दिया कि गिरफ्तारी की स्थिति में आवेदक आरोपी सुधाकर घरे को एक या दो जमानतदारों के साथ दो लाख के जमानती मुचलके पर रिहा किया जाए.

उन्हें हर बुधवार को 15 अक्टूबर तक जुहू पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने और उसके बाद अगर जांच अधिकारी चार्जशीट दाखिल होने तक कॉल करता है और मुकदमे में नियमित रूप से शामिल होने का निर्देश दिया गया है.

दरअसल, शिल्पा की मां ने पुलिस को बताया कि जनवरी 2019 से फरवरी 2020 के दौरान उन्होंने एक जमीन का सौदा किया था. उन्होंने आगे बताया कि डीलर ने अपनी जमीन बताकर फर्जी दस्तावेज के जरिए उन्हें 1 करोड़ 60 लाख रुपये में बेच दी.

शेट्टी की मां ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट से संपर्क किया और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश की मांग की, जिसे मजिस्ट्रेट ने अनुमति दी थी और धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी के अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 409, 420, 465, 467, 468, 471 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

पढ़ें :- शिल्पा शेट्टी की मां ने दर्ज कराया धोखाधड़ी का केस, ये है पूरा मामला

घरे ने अपने आवेदन में कहा है कि शेट्टी की मां द्वारा दायर की गई शिकायत सारहीन थी क्योंकि लेन-देन विशुद्ध रूप से नागरिक प्रकृति का था और लगाए गए आरोप बेतुके थे.

घरे की ओर से पेश अधिवक्ता गौरव पारकर ने कहा कि शिकायत के माध्यम से शेट्टी की मां उन पर अपनी अवैध मांगों को मानने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी.

पारकर ने कोर्ट को अवगत कराया कि शेट्टी की मां ने भी पनवेल कोर्ट के समक्ष दीवानी मुकदमा दायर किया था, जिसमें घरे और उनके बीच निष्पादित एमओयू को रद्द करने और 1.6 करोड़ की राशि वापस करने की मांग की गई थी.

उन्होंने बताया कि शेट्टी की मां अपनी शिकायत में इस मुकदमे का खुलासा करने में विफल रहीं. अभियोजन पक्ष ने ऐसी जमानत देने का विरोध किया. सभी प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, कोर्ट आवेदन को मंजूरी देने के लिए आगे बढ़ा.

मुंबई : डिंडोशी में मुंबई सत्र न्यायालय ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की मां सुनंदा शेट्टी द्वारा दायर शिकायत में आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने उन्हें (सुनंदा) 1.6 करोड़ भूमि सौदे के मामले में धोखा दिया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीडी खोचे ने निर्देश दिया कि गिरफ्तारी की स्थिति में आवेदक आरोपी सुधाकर घरे को एक या दो जमानतदारों के साथ दो लाख के जमानती मुचलके पर रिहा किया जाए.

उन्हें हर बुधवार को 15 अक्टूबर तक जुहू पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने और उसके बाद अगर जांच अधिकारी चार्जशीट दाखिल होने तक कॉल करता है और मुकदमे में नियमित रूप से शामिल होने का निर्देश दिया गया है.

दरअसल, शिल्पा की मां ने पुलिस को बताया कि जनवरी 2019 से फरवरी 2020 के दौरान उन्होंने एक जमीन का सौदा किया था. उन्होंने आगे बताया कि डीलर ने अपनी जमीन बताकर फर्जी दस्तावेज के जरिए उन्हें 1 करोड़ 60 लाख रुपये में बेच दी.

शेट्टी की मां ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट से संपर्क किया और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश की मांग की, जिसे मजिस्ट्रेट ने अनुमति दी थी और धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी के अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 409, 420, 465, 467, 468, 471 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

पढ़ें :- शिल्पा शेट्टी की मां ने दर्ज कराया धोखाधड़ी का केस, ये है पूरा मामला

घरे ने अपने आवेदन में कहा है कि शेट्टी की मां द्वारा दायर की गई शिकायत सारहीन थी क्योंकि लेन-देन विशुद्ध रूप से नागरिक प्रकृति का था और लगाए गए आरोप बेतुके थे.

घरे की ओर से पेश अधिवक्ता गौरव पारकर ने कहा कि शिकायत के माध्यम से शेट्टी की मां उन पर अपनी अवैध मांगों को मानने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी.

पारकर ने कोर्ट को अवगत कराया कि शेट्टी की मां ने भी पनवेल कोर्ट के समक्ष दीवानी मुकदमा दायर किया था, जिसमें घरे और उनके बीच निष्पादित एमओयू को रद्द करने और 1.6 करोड़ की राशि वापस करने की मांग की गई थी.

उन्होंने बताया कि शेट्टी की मां अपनी शिकायत में इस मुकदमे का खुलासा करने में विफल रहीं. अभियोजन पक्ष ने ऐसी जमानत देने का विरोध किया. सभी प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, कोर्ट आवेदन को मंजूरी देने के लिए आगे बढ़ा.

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