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'मेंटल है क्या' पर आई मुसीबत, फिल्म के पोस्टर्स और टाइटल पर आपत्ति - IPS

राजकुमार राव और कंगना रनौत स्टारर फिल्म 'मेंटल है क्या' 21 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. नेशनल अवॉर्ड विनर तेलुगू फिल्ममेकर प्रकाश कोवेलामुदी के निर्देशन में बनी यह फिल्म अपने अजीबों गरीब पोस्टर्स की वजह से लोगों का ध्यान खींच रही है. अब मूवी के पोस्टर्स और टाइटल पर मेंटल हेल्थ एक्सपर्टस ने कड़ी आपत्ति जताई है.

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Published : Apr 19, 2019, 6:04 PM IST

मुंबई: 'द इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी' (IPS) ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को एक पत्र लिखा है, जिसमें तर्क दिया गया है कि कंगना रनौत और राजकुमार राव-स्टारर 'मेंटल है क्या' के पोस्टर मानसिक बीमारी दर्शा रहे हैं.

सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी को संबोधित एक पत्र में, आईपीएस ने कहा कि फिल्म के असंख्य मुद्दों पर आपत्ति है, क्योंकि एकता कपूर के बालाजी मोशन पिक्चर्स द्वारा निर्मित यह फिल्म मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के कई खंडों का उल्लंघन करती प्रतीत होती है.

पत्र में कहा गया कि हमें फिल्म के शीर्षक पर गंभीर आपत्ति हैं जो भेदभावपूर्ण, अपमानजनक और मानसिक विकारों से ग्रस्त व्यक्तियों और मानसिक विकारों से पीड़ित लोगों के लिए अमानवीय है.

उन्होंने आगे लिखा, 'हम दृढ़ता से मांग करते हैं कि टाइटल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सेवा उपयोगकर्ताओं की विनम्रता बनी रहे और उन्हें ठेस न पहुंचे.

IPS ने कहा कि देश का प्रत्येक नागरिक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 द्वारा शासित है और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक होना उसका कानूनी दायित्व है.

उन्होंने उन सभी चीजों को सेंसर करने को कहा है जो कि दिमागी रूप से बीमार मरीजों के अधिकारों का हनन करती हो.

उन्होंने कहा, 'हम मानसिक विकार वाले व्यक्तियों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले किसी भी अनुक्रम को सेंसर करने की भी मांग करते हैं. हम इस पत्र को वर्तमान में या भविष्य में CBFC के दायरे में आने वाले ऐसी किसी भी व्यक्ति, घटना के लिए कानूनी चेतावनी के रूप में मानते हैं.'

हालांकि, बालाजी मोशन पिक्चर्स के प्रतिनिधियों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

प्रकाश कोवेलामुदी द्वारा निर्देशित 'मेंटल है क्या' में जिमी शेरगिल, अमायरा दस्तूर, सतीश कौशिक और अमृता पुरी भी हैं. फिल्म 21 जून को रिलीज होने वाली है.

मुंबई: 'द इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी' (IPS) ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को एक पत्र लिखा है, जिसमें तर्क दिया गया है कि कंगना रनौत और राजकुमार राव-स्टारर 'मेंटल है क्या' के पोस्टर मानसिक बीमारी दर्शा रहे हैं.

सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी को संबोधित एक पत्र में, आईपीएस ने कहा कि फिल्म के असंख्य मुद्दों पर आपत्ति है, क्योंकि एकता कपूर के बालाजी मोशन पिक्चर्स द्वारा निर्मित यह फिल्म मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के कई खंडों का उल्लंघन करती प्रतीत होती है.

पत्र में कहा गया कि हमें फिल्म के शीर्षक पर गंभीर आपत्ति हैं जो भेदभावपूर्ण, अपमानजनक और मानसिक विकारों से ग्रस्त व्यक्तियों और मानसिक विकारों से पीड़ित लोगों के लिए अमानवीय है.

उन्होंने आगे लिखा, 'हम दृढ़ता से मांग करते हैं कि टाइटल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सेवा उपयोगकर्ताओं की विनम्रता बनी रहे और उन्हें ठेस न पहुंचे.

IPS ने कहा कि देश का प्रत्येक नागरिक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 द्वारा शासित है और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक होना उसका कानूनी दायित्व है.

उन्होंने उन सभी चीजों को सेंसर करने को कहा है जो कि दिमागी रूप से बीमार मरीजों के अधिकारों का हनन करती हो.

उन्होंने कहा, 'हम मानसिक विकार वाले व्यक्तियों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले किसी भी अनुक्रम को सेंसर करने की भी मांग करते हैं. हम इस पत्र को वर्तमान में या भविष्य में CBFC के दायरे में आने वाले ऐसी किसी भी व्यक्ति, घटना के लिए कानूनी चेतावनी के रूप में मानते हैं.'

हालांकि, बालाजी मोशन पिक्चर्स के प्रतिनिधियों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

प्रकाश कोवेलामुदी द्वारा निर्देशित 'मेंटल है क्या' में जिमी शेरगिल, अमायरा दस्तूर, सतीश कौशिक और अमृता पुरी भी हैं. फिल्म 21 जून को रिलीज होने वाली है.

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मुंबई:  'द इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी' (IPS) ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को एक पत्र लिखा है, जिसमें तर्क दिया गया है कि कंगना रनौत और राजकुमार राव-स्टारर 'मेंटल है क्या' के पोस्टर मानसिक बीमारी दर्शा रहे हैं.

सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी को संबोधित एक पत्र में, आईपीएस ने कहा कि फिल्म के असंख्य मुद्दों पर आपत्ति है, क्योंकि एकता कपूर के बालाजी मोशन पिक्चर्स द्वारा निर्मित यह फिल्म मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के कई खंडों का उल्लंघन करती प्रतीत होती है.

पत्र में कहा गया कि हमें फिल्म के शीर्षक पर गंभीर आपत्ति हैं जो भेदभावपूर्ण, अपमानजनक और मानसिक विकारों से ग्रस्त व्यक्तियों और मानसिक विकारों से पीड़ित लोगों के लिए अमानवीय है.

उन्होंने आगे लिखा, 'हम दृढ़ता से मांग करते हैं कि टाइटल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सेवा उपयोगकर्ताओं की विनम्रता बनी रहे और उन्हें ठेस न पहुंचे. 

IPS ने कहा कि देश का प्रत्येक नागरिक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 द्वारा शासित है और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक होना उसका कानूनी दायित्व है. 

उन्होंने उन सभी चीजों को सेंसर करने को कहा है जो कि दिमागी रूप से बीमार मरीजों के अधिकारों का हनन करती हो. 

उन्होंने कहा, 'हम मानसिक विकार वाले व्यक्तियों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले किसी भी अनुक्रम को सेंसर करने की भी मांग करते हैं. हम इस पत्र को वर्तमान में या भविष्य में CBFC के दायरे में आने वाले ऐसी किसी भी व्यक्ति, घटना के लिए कानूनी चेतावनी के रूप में मानते हैं.'

हालांकि, बालाजी मोशन पिक्चर्स के प्रतिनिधियों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

प्रकाश कोवेलामुदी द्वारा निर्देशित 'मेंटल है क्या' में जिमी शेरगिल, अमायरा दस्तूर, सतीश कौशिक और अमृता पुरी भी हैं. फिल्म 21 जून को रिलीज होने वाली है.

 


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