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अनुपम खेर ने सिनेमा में 37 साल पूरे किए, फिल्म 'सारांश' को दिया श्रेय - Anupam Kher instagram

अभिनेता अनुपम खेर का फिल्मी दुनिया में एक जीता जागता नाम है. अनुपम खेर ने कई फिल्मों में किए गए अपने शानदार काम से दर्शकों का दिल जीता है. इस अभिनेता ने मंगलवार को फिल्मी जगत में अपने 37 साल पूरे किए हैं. जिसका श्रेय वह इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट कर महेश भट्ट के निर्देशन में बनाई गई फिल्म सारांश को देते हैं.

Anupam Kher
अनुपम खेर
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Published : May 25, 2021, 4:06 PM IST

मुंबई : जाने माने अभिनेता अनुपम खेर (66) ने मंगलवार को फिल्म उद्योग में 37 साल पूरे कर लिए हैं. अभिनेता ने कहा कि अगर उन्हें पहली फिल्म 'सारांश' नहीं मिली होती तो वह ये उपलब्धि हासिल नहीं कर पाते.

वर्ष 1984 में आई महेश भट्ट निर्देशित यह फिल्म एक बुजुर्ग दंपती की कहानी है जो अपने एकलौते बेटे की मौत के बाद कमरा किराये पर लेता है. खेर तब महज 28 साल के थे जब उन्होंने फिल्म में एक सेवानिवृत्त मध्यम वर्गीय शिक्षक बी वी प्रधान का किरदार निभाया था जो अपना बेटा खो देता है.

इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में अभिनेता ने कहा कि किसी कलाकार के तौर पर शुरुआत करने के लिए 'सारांश' से बेहतर फिल्म नहीं हो सकती.

अभिनेता ने लिखा कि सिनेमा में मेरी 37वीं सालगिरह. मेरी पहली फिल्म 'सारांश' के आज 37 साल पूरे हो गए. यह एक बेहतरीन शुरुआत थी जिसकी कोई कलाकार कल्पना कर सकता है. इसके कुछ दृश्य अब भी मेरे जेहन में हैं.

अभिनेता ने लिखा कि मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि फिल्म के बाद मेरा भविष्य क्या होगा. मैं बस अपना सबकुछ देना चाहता था. अगर मैं आज फिल्मों से जुड़ा हूं तो यह सिर्फ और सिर्फ 'सारांश' की बदौलत है.

अभिनेता ने कहा कि वह भट्ट, राजश्री फिल्म्स और दर्शकों के शुक्रगुजार हैं जिनका प्यार और सहयोग मिला.

'सारांश' 1985 के अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा के ऑस्कर के लिए भारत की ओर से आधिकारिक रूप से भेजी गई थी.

फिल्म में सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए वसंत देव ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था.

खेर ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से पढ़ाई की है. फिल्मों में अपने चार दशक लंबे कॅरियर में खेर 'राम लखन', 'लम्हे', 'खेल', 'डर', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'डैडी', 'मैंने गांधी को नहीं मारा', 'विजय', 'अ वेडनेसडे' और 'एम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी' समेत करीब 518 फिल्मों में नजर आए.

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में भी काम किया जिसमें 'बेंड इट लाइक बेकहम', 'ब्राइड एंड प्रीजुडिस', 'सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक', 'द बिग सिक' और 'द ब्वॉय विथ द टॉपनॉट' शामिल है. वह 'सेंस 8' और 'न्यू एम्सटर्डम' सीरीज में भी नजर आए.

पढ़ें : एक्टर शब्बीर अहलूवालिया के लिए उनकी पत्नी किसी सरप्राइज से कम नहीं

वर्ष 2002 की फिल्म 'ओम जय जगदीश' से अभिनेता ने निर्देशन में हाथ आजमाया.

बता दें, फिल्म 'डैडी' और 'मैंने गांधी को नहीं मारा' में अभिनय के लिए वह दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं.

मुंबई : जाने माने अभिनेता अनुपम खेर (66) ने मंगलवार को फिल्म उद्योग में 37 साल पूरे कर लिए हैं. अभिनेता ने कहा कि अगर उन्हें पहली फिल्म 'सारांश' नहीं मिली होती तो वह ये उपलब्धि हासिल नहीं कर पाते.

वर्ष 1984 में आई महेश भट्ट निर्देशित यह फिल्म एक बुजुर्ग दंपती की कहानी है जो अपने एकलौते बेटे की मौत के बाद कमरा किराये पर लेता है. खेर तब महज 28 साल के थे जब उन्होंने फिल्म में एक सेवानिवृत्त मध्यम वर्गीय शिक्षक बी वी प्रधान का किरदार निभाया था जो अपना बेटा खो देता है.

इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में अभिनेता ने कहा कि किसी कलाकार के तौर पर शुरुआत करने के लिए 'सारांश' से बेहतर फिल्म नहीं हो सकती.

अभिनेता ने लिखा कि सिनेमा में मेरी 37वीं सालगिरह. मेरी पहली फिल्म 'सारांश' के आज 37 साल पूरे हो गए. यह एक बेहतरीन शुरुआत थी जिसकी कोई कलाकार कल्पना कर सकता है. इसके कुछ दृश्य अब भी मेरे जेहन में हैं.

अभिनेता ने लिखा कि मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि फिल्म के बाद मेरा भविष्य क्या होगा. मैं बस अपना सबकुछ देना चाहता था. अगर मैं आज फिल्मों से जुड़ा हूं तो यह सिर्फ और सिर्फ 'सारांश' की बदौलत है.

अभिनेता ने कहा कि वह भट्ट, राजश्री फिल्म्स और दर्शकों के शुक्रगुजार हैं जिनका प्यार और सहयोग मिला.

'सारांश' 1985 के अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा के ऑस्कर के लिए भारत की ओर से आधिकारिक रूप से भेजी गई थी.

फिल्म में सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए वसंत देव ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था.

खेर ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से पढ़ाई की है. फिल्मों में अपने चार दशक लंबे कॅरियर में खेर 'राम लखन', 'लम्हे', 'खेल', 'डर', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'डैडी', 'मैंने गांधी को नहीं मारा', 'विजय', 'अ वेडनेसडे' और 'एम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी' समेत करीब 518 फिल्मों में नजर आए.

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में भी काम किया जिसमें 'बेंड इट लाइक बेकहम', 'ब्राइड एंड प्रीजुडिस', 'सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक', 'द बिग सिक' और 'द ब्वॉय विथ द टॉपनॉट' शामिल है. वह 'सेंस 8' और 'न्यू एम्सटर्डम' सीरीज में भी नजर आए.

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वर्ष 2002 की फिल्म 'ओम जय जगदीश' से अभिनेता ने निर्देशन में हाथ आजमाया.

बता दें, फिल्म 'डैडी' और 'मैंने गांधी को नहीं मारा' में अभिनय के लिए वह दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं.

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