नई दिल्लीः एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ने तकनीकी क्षेत्र में क्रांति ला दी है. एआई आधारित चैटजीपीटी के आने के बाद से टेक दिग्गज गूगल सहित कई कंपनियों को भय सताने लगा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मामले पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने खुद स्पष्टीकरण दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने इसका मुकाबला करने के लिए गूगल के नए टूल 'बार्ड' की भी जानकारी दी है.
पिचाई ने 'हमारी एआई यात्रा पर एक महत्वपूर्ण अगला कदम'- AI Important Next Step On Our AI Journey' हेडिंस से एक पोस्ट के माध्यम से बार्ड नाम की नई तकनीक लाने की घोषणा की और इसके बारे में उन्होंने कई जानकारी दी. माना जा रहा है कि एआई आधारित चैटजीपीटी से मुकाबला के लिए गूगल की ओर से बार्ड-Bard लाने की घोषणा की गई है. अभी इस पर साइन इन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसे आम जनता के लिए नहीं खोला गया है. यह टेस्टिंग अवस्था में है.
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1/ In 2021, we shared next-gen language + conversation capabilities powered by our Language Model for Dialogue Applications (LaMDA). Coming soon: Bard, a new experimental conversational #GoogleAI service powered by LaMDA. https://t.co/cYo6iYdmQ1
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सुंदर पिचाई ने ब्लॉग पोस्ट में Bard के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एआई बार्ड सबसे आधुनिक तकनीक है. यह बीमारियों का पता लगाने, व्यवसाय, रोजगार, आम लोगों से किसी खास समुदायों के क्षमता को तकनीकी रूप से और सक्षम व दक्ष बनाने में काफी कारगर है. समय की जरूरतों को ध्यान में रखकर कंपनी की ओर से AI आधारित Bard लाने का फैसला किया गया है.
बार्ड क्या है
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4/ As people turn to Google for deeper insights and understanding, AI can help us get to the heart of what they're looking for. We're starting with AI-powered features in Search that distill complex info into easy-to-digest formats so you can see the big picture then explore more pic.twitter.com/BxSsoTZsrp
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गूगल की ओर से AI आधारित एक इवेंट रखा गया है, जिसमें इसके बारे में और जानकारी दी जायेगी. गूगल सीईओ ने अपनी जानकारी में बताया है कि Bard के लाइट वर्जन पर अभी काम किया जा रहा है. इस पर मिले फीड बैक के आधार पर इसमें बदलाव किया जायेगा. चैटजीपी का एक साथ कई लोगों के उपयोग के कारण होने वाली तकनीकी परेशानियां Bard में न आये, इसको ध्यान में रखकर कई टेस्ट किये जा रहे हैं. गूगल अपने परीक्षण में सुरक्षा, क्वालिटी और वास्तविकता को भी ध्यान में रख रहा है.
Bard- नई, हाई क्वालिटी वाली डायलॉग एप्लिकेशन है, जो वेब से जानकारी प्राप्त कर यूजर को उपलब्ध कराता है. संक्षेप में कह सकते हैं कि चैटजीपीटी की तरह ही गहन, संवादात्मक और निबंध-शैली (यानी डिटेल में) में उत्तर देने में सक्षम है. एक यूजर बार्ड से 'नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से 9 साल की उम्र में नई खोजों की व्याख्या करने के लिए, या फ़ुटबॉल में सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकरों के बारे में डिटेल्ड जानकारी और अपने खेल कौशल को बढ़ाने के लिए प्रैक्टिस सीख सकता है.
बार्ड को ट्रांसफॉर्मर तकनीक पर बनाया गया है. यह चैटजीपीटी और अन्य AI आधारित बॉट्स की रीढ़ है. ट्रांसफॉर्मर तकनीक लेटेस्ट तकनीक है, जो 2017 से ओपन-सोर्स है. Bard के इंटरनल ट्रायल के बाद ही इसके बारे में सही-सही पता चलेगा कि चैटजीपीटी से यह बेहतर है या नहीं. ट्रांसफॉर्मर तकनीक एक न्यूरल नेटवर्क आर्किटेक्चर -Neural network Architecture है, जो इनपुट के आधार पर भविष्यवाणियां करने में सक्षम है और इसका मुख्य रूप से प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और कंप्यूटर दृष्टि प्रौद्योगिकी- Natural Processing And vision Technology में उपयोग किया जाता है.
Code Red जारी होने के बाद कार्यालय पहुंचे थे गूगल संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन
अमेरिकी मीडिया के अनुसार OpenAi के सीईओ सैम ऑल्टमैन-Sam Altman के साथ माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला-Microsoft CEO Satya Nadella के साथ हाल में एक तस्वीर पोस्ट किया था. इसके अलावा इस साल ओपनएआई में माइक्रोसॉफ्ट ने 10 अरब डॉलर का निवेश किया है. कई कंपनियों की ओर से OpenAI के क्षेत्र में निवेश और शोध ने गूगल के लिए परेशान खड़ा दिया था. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इन कारणों से गूगल के अंदर Code Red (रेल अलर्ट) जारी कर दिया गया था. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि Google के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन-Google founders Larry Page and Sergey Brin कंपनी के दफ्तर सामान्य रूप से नहीं आते हैं. Code Red जारी होने के वरीय अधिकारियों की ओर से लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन को कार्यालय आने का अनुरोध किया गया था. इसके बाद वे कार्यालय आये और ChatGpt ऐसे नई तकनीक से निपटने के लिए गूगल की ओर से रणनीति बनाई गई.
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