ETV Bharat / science-and-technology

खगोलविद ने दो ब्लैक होल के बीच भीषण टक्कर का लगाया पता

ब्लैक होल, खगोलविदों के लिए भी रहस्य बनता जा रहा है. खगोलविदों ने दो ब्लैक होल की लंबे समय से चली आ रही टक्कर के संकेत का पता लगाया है. इन दो ब्लैक होल्स ने एक नया आकार बनाया है जो पहले कभी नहीं देखा गया था.

खगोलविद ने दो ब्लैक होल को आपस में टकराते हुए देखा
खगोलविद ने दो ब्लैक होल को आपस में टकराते हुए देखा
author img

By

Published : Sep 5, 2020, 6:31 AM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

पसेडेना, हनफोर्ड: खगोलविदों ने दो ब्लैक होल की लंबे समय से चली आ रही भीषण टक्कर के संकेत का पता लगाया है. इन दो ब्लैक होल ने एक नया आकार बनाया है जो पहले कभी नहीं देखा गया था.

कैलटेक भौतिक विज्ञानी एलन वाइंस्टीन ने कहा कि यह टक्कर लगभग सात बिलियन साल पहले एक गैलेक्सी में बहुत दूर से हुआ था, इसलिए हमने पिछले साल ही इसका पता लगाया था जो कि बहुत ही ऊर्जावान धमाका था.

ब्लैक होल अंतरिक्ष के कॉम्पैक्ट क्षेत्र हैं, इसलिए इससे प्रकाश भी बच नहीं सकता है. अब तक, खगोलविदों ने केवल उन्हें दो सामान्य आकारों में देखा था. कुछ छोटे आकार के होते हैं और इन्हें स्टेलर ब्लैक होल कहा जाता है. यह तब बनते हैं जब कोई छोटे शहरों के आकार का तारा टूट जाता है. सुपरमैसिव ब्लैक होल जो हमारे सूर्य की तुलना में लाखों, शायद अरबों गुना बड़े पैमाने पर हैं और जिसके आसपास पूरी गैलेक्सी घूमती है.

खगोलविदों की गणना के अनुसार, पतन से पहले बहुत बड़े हो चुके सितारे अनिवार्य रूप से खुद को समाप्त कर लेंगे. फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के शोध निदेशक भौतिकशास्त्री नेल्सन क्रिस्टेंसन के अनुसार, सितारों के टूटने से हमारे सूरज के द्रव्यमान का 70 गुना बड़ा तारकीय ब्लैक होल नहीं बन सका.

खगोलविदों ने दो ब्लैक होल को आपस में टकराते हुए देखा

मई 2019 में दो डिटेक्टरों ने दो तारकीय ब्लैक होल से ऊर्जा निकलाने का एक संकेत दिया था. पहले तारकीय ब्लैक होल हमारे सूरज के द्रव्यमान का 66 गुना था और दूसरा सूर्य के द्रव्यमान का 85 गुना है. सबसे पहले खोजा गया ब्लैक होल सूर्य के द्रव्यमान से 142 गुना है.

टक्कर में खोई ऊर्जा एक गुरुत्वाकर्षण लहर की विशाल मात्रा थी, यह लहर अंतरिक्ष में प्रकाश की गति से यात्रा करती है. जिसे कैप्चर करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में भौतिकविदों ने पिछले साल एलआईजीओ और वर्गो नामक डिटेक्टरों का उपयोग किया था. सिग्नल को डिक्रिप्ट करने और उनके काम की जांच करने के बाद, वैज्ञानिकों ने फिजिकल रिव्यू लेटर्स एंड एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में परिणाम प्रकाशित किए.

वैज्ञानिकों ने वास्तव में टकराव को सुना क्योंकि डिटेक्टर वैज्ञानिकों को गुरुत्वाकर्षण तरंगों को ऑडियो सिग्नल के रूप में लेने की अनुमति देते हैं. इस टकराव का संकेत केवल एक सेकंड का 10वां हिस्सा था.

  • यह अद्भुत घटना लगभग सात बिलियन साल पहले हुई थी जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का लगभग आधा था लेकिन इसका पता अब लग रहा है क्योंकि यह बहुत दूर है.
  • ब्लैक होल की टक्कर पहले भी देखी जा चुकी है, लेकिन इसमें शामिल ब्लैक होल छोटे थे और विलय के बाद भी विशिष्ट तारकीय ब्लैक होल के आकार से आगे नहीं बढ़ पाए.
  • क्रिस्टेंसन ने कहा कि वैज्ञानिकों को अभी तक यह नहीं पता है कि गैलेक्सी के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे बनते हैं, लेकिन यह नई खोज एक सुराग हो सकती है.
  • वेनस्टेन और क्रिस्टेंसन ने कहा कि वास्तव में इस दुर्घटना में शामिल दो ब्लैक होल का बड़ा हिस्सा पहले के विलय का परिणाम हो सकता था, जो इस सिद्धांत को और अधिक मजबूत करता है.
  • दूसरी ओर, वैज्ञानिक यह नहीं समझा सकते हैं कि ब्रह्मांड के चारों ओर उड़ने वाले ब्लैक होल का विलय कैसे हुआ. या शायद फिर से विलय होने के लिए दूसरे ब्लैक होल से मिलगा और बड़ा होगा. इसके बजाय यह हो सकता है कि बिग बैंग के तत्काल बाद सुपरमैसिव ब्लैक होल का निर्माण हुआ हो.

पढ़ेंः कर्नल इंद्रजीत सिंह से जानिए क्यों बैन किए गए चाइनिज एप

(AP, Ozgrav/Swinburne University; Maya Collection; Cal Tech/MIT/LIGO Laboratory)

पसेडेना, हनफोर्ड: खगोलविदों ने दो ब्लैक होल की लंबे समय से चली आ रही भीषण टक्कर के संकेत का पता लगाया है. इन दो ब्लैक होल ने एक नया आकार बनाया है जो पहले कभी नहीं देखा गया था.

कैलटेक भौतिक विज्ञानी एलन वाइंस्टीन ने कहा कि यह टक्कर लगभग सात बिलियन साल पहले एक गैलेक्सी में बहुत दूर से हुआ था, इसलिए हमने पिछले साल ही इसका पता लगाया था जो कि बहुत ही ऊर्जावान धमाका था.

ब्लैक होल अंतरिक्ष के कॉम्पैक्ट क्षेत्र हैं, इसलिए इससे प्रकाश भी बच नहीं सकता है. अब तक, खगोलविदों ने केवल उन्हें दो सामान्य आकारों में देखा था. कुछ छोटे आकार के होते हैं और इन्हें स्टेलर ब्लैक होल कहा जाता है. यह तब बनते हैं जब कोई छोटे शहरों के आकार का तारा टूट जाता है. सुपरमैसिव ब्लैक होल जो हमारे सूर्य की तुलना में लाखों, शायद अरबों गुना बड़े पैमाने पर हैं और जिसके आसपास पूरी गैलेक्सी घूमती है.

खगोलविदों की गणना के अनुसार, पतन से पहले बहुत बड़े हो चुके सितारे अनिवार्य रूप से खुद को समाप्त कर लेंगे. फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के शोध निदेशक भौतिकशास्त्री नेल्सन क्रिस्टेंसन के अनुसार, सितारों के टूटने से हमारे सूरज के द्रव्यमान का 70 गुना बड़ा तारकीय ब्लैक होल नहीं बन सका.

खगोलविदों ने दो ब्लैक होल को आपस में टकराते हुए देखा

मई 2019 में दो डिटेक्टरों ने दो तारकीय ब्लैक होल से ऊर्जा निकलाने का एक संकेत दिया था. पहले तारकीय ब्लैक होल हमारे सूरज के द्रव्यमान का 66 गुना था और दूसरा सूर्य के द्रव्यमान का 85 गुना है. सबसे पहले खोजा गया ब्लैक होल सूर्य के द्रव्यमान से 142 गुना है.

टक्कर में खोई ऊर्जा एक गुरुत्वाकर्षण लहर की विशाल मात्रा थी, यह लहर अंतरिक्ष में प्रकाश की गति से यात्रा करती है. जिसे कैप्चर करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में भौतिकविदों ने पिछले साल एलआईजीओ और वर्गो नामक डिटेक्टरों का उपयोग किया था. सिग्नल को डिक्रिप्ट करने और उनके काम की जांच करने के बाद, वैज्ञानिकों ने फिजिकल रिव्यू लेटर्स एंड एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में परिणाम प्रकाशित किए.

वैज्ञानिकों ने वास्तव में टकराव को सुना क्योंकि डिटेक्टर वैज्ञानिकों को गुरुत्वाकर्षण तरंगों को ऑडियो सिग्नल के रूप में लेने की अनुमति देते हैं. इस टकराव का संकेत केवल एक सेकंड का 10वां हिस्सा था.

  • यह अद्भुत घटना लगभग सात बिलियन साल पहले हुई थी जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का लगभग आधा था लेकिन इसका पता अब लग रहा है क्योंकि यह बहुत दूर है.
  • ब्लैक होल की टक्कर पहले भी देखी जा चुकी है, लेकिन इसमें शामिल ब्लैक होल छोटे थे और विलय के बाद भी विशिष्ट तारकीय ब्लैक होल के आकार से आगे नहीं बढ़ पाए.
  • क्रिस्टेंसन ने कहा कि वैज्ञानिकों को अभी तक यह नहीं पता है कि गैलेक्सी के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे बनते हैं, लेकिन यह नई खोज एक सुराग हो सकती है.
  • वेनस्टेन और क्रिस्टेंसन ने कहा कि वास्तव में इस दुर्घटना में शामिल दो ब्लैक होल का बड़ा हिस्सा पहले के विलय का परिणाम हो सकता था, जो इस सिद्धांत को और अधिक मजबूत करता है.
  • दूसरी ओर, वैज्ञानिक यह नहीं समझा सकते हैं कि ब्रह्मांड के चारों ओर उड़ने वाले ब्लैक होल का विलय कैसे हुआ. या शायद फिर से विलय होने के लिए दूसरे ब्लैक होल से मिलगा और बड़ा होगा. इसके बजाय यह हो सकता है कि बिग बैंग के तत्काल बाद सुपरमैसिव ब्लैक होल का निर्माण हुआ हो.

पढ़ेंः कर्नल इंद्रजीत सिंह से जानिए क्यों बैन किए गए चाइनिज एप

(AP, Ozgrav/Swinburne University; Maya Collection; Cal Tech/MIT/LIGO Laboratory)

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.