ETV Bharat / science-and-technology

Russian spacecraft Coolant leak : रूसी अंतरिक्ष यान में आई बड़ी खराबी, स्पेस स्टेशन पर खतरा टला - Roscosmos and NASA mission

रशिया का एक सप्लाई स्पेस क्राफ्ट बिना चालक दल के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचा. लेकिन वह अपना कूलेंट प्रेशर खो बैठा. हालांकि इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन पर रहने वाले लोग सुरक्षित हैं. कूलेंट प्रेशर लीक होने का क्या कारण है, इस पर नासा और Roscosmos ने क्या कहा जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Russian spacecraft Coolant leak
रूसी अंतरिक्ष यान
author img

By

Published : Feb 12, 2023, 1:51 PM IST

मॉस्को: रशिया स्पेस कोर्पोरेशन और नासा ने शनिवार को बताया कि रशिया का एक सप्लाई स्पेस क्राफ्ट बिना चालक दल के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचा. लेकिन वह अपना कूलेंट प्रेशर खो बैठा. गनिमत की बात ये है कि इस हादसे से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के क्रू मेंबर को कुछ नहीं हुआ, वो सुरक्षित है. हालांकि रोस्कोस्मोस ने यह नहीं बताया कि सप्लाई स्पेस क्राफ्ट में कूलेंट प्रेशर लीक का क्या कारण हो सकता है. Roscosmos (रुसी अंतरिक्ष एजेंसी) ने कहा कि स्टेशन और प्रोग्रेस MS-21 के बीच हैच को बंद कर दिया गया था, इसलिए कूलेंट प्रेशर के नुकसान ने ओर्बिटिंग आउटपोस्ट (अंतरिक्ष में स्पेस के आस- पास का एरिया) को प्रभावित नहीं किया.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर टेम्परेचर और प्रेशर नॉर्मल है. इसलिए वहां के क्रू मेंबर के स्वास्थय और सुरक्षा के लिए खतरे की कोई बात नहीं है. Roscosmos के शुरुआती बयान ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या पूरे मालवाहक जहाज या इसके कुछ सिस्टम ने दबाव खो दिया है. लेकिन Roscosmos के चालक दल के कार्यक्रमों के प्रमुख सर्गेई क्रिकेलेव ने बाद में स्पष्ट किया कि शिल्प के शीतलक पाश का अवसाद था. नासा ने कहा कि उसके विशेषज्ञ कूलेंट प्रेशर लीक समस्या के निवारण में अपने रूसी समकक्षों की मदद कर रहे हैं. अधिकारी सभी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन प्रणालियों की निगरानी कर रहे हैं और किसी अन्य मुद्दे पर नजर नहीं रख रहे हैं.'

चालक दल, जिसे कूलिंग लूप रिसाव के बारे में सूचित किया गया था, कोई खतरा नहीं है और सामान्य अंतरिक्ष स्टेशन के संचालन के साथ जारी है. गौरतलब है कि सप्लाई स्पेस क्राफ्ट को उसके निर्धारित निपटान से पहले ही कचरे से भर दिया गया था. क्राफ्ट को 18 फरवरी को स्टेशन से उतारने और वातावरण में जलने के लिए डीऑर्बिट करने के लिए तैयार किया गया है. यह खबर तब आई जब इस घटना के कुछ समय बाद ही एक नया सप्लाई स्पेस क्राफ्ट वहां गया. Progress MS-22 के जरिए वैज्ञानिक उपकरणों के साथ लगभग तीन टन भोजन, पानी और ईंधन पहुंचाया गया.

रोस्कोस्मोस ने कहा कि इस घटना से नए कार्गो सीप के डॉकिंग को नहीं रोका जाएगा और न ही इसका कोई असर हमारे फ्यूचर स्टेशन प्रोग्राम पर पड़ेगा. इससे पहले भी एक ऐसी ही घटना, दिसबंर में सोयुज क्रू कैप्सूल के साथ डिप्रेसराइजेशन की घट चुकी है. जो एक छोटे उल्कापिंड से टकराया था, जिसने बाहरी रेडिएटर में एक छोटा सा छेद छोड़ दिया और कूलेंट को अंतरिक्ष में भेज दिया.

Roscosmos ने कहा कि वह 20 फरवरी को एक नया सोयुज कैप्सूल लॉन्च करने का विचार कर रहे हैं. ताकि आपातकालीन स्थिति में चालक दल के पास एक लाइफबोट हो। लेकिन चूंकि यह लॉन्च में तेजी लाने के लिए स्वचालित मोड में यात्रा करेगा, एक प्रतिस्थापन चालक दल को अब देर से गर्मियों तक इंतजार करना होगा या जब दूसरा कैप्सूल तैयार हो जाएगा। इसका मतलब है कि प्रोकोपयेव, पेटेलिन और रुबियो को स्टेशन पर कई अतिरिक्त महीने रहना होगा, संभवतः उनके मिशन को एक साल के करीब धकेल दिया जाएगा।

नासा और परिरपगिि 20 फरवरी को एक नया सोयुज कैप्सूल लॉन्च करने का विचार कर रहे हैं. जिससे कि international space station के सदस्यों के पास एक लाइफबोट उपलब्ध रह सकें और वो इमरजेंसी में इसका इस्तेमाल कर सकें. चूंकि यह ऑटोमेटिक मोड में ट्रेवल करेगा इसलिए इसमें अभी थोड़ा समय लगेगा. एक रिप्लेसिंग टीम को इसके लिए गर्मियों का इंतजार करना होगा या जब दूसरा कैप्सूल तैयार हो जाएगा.

पढ़ें : ISRO Chief on three big launches : अगले तीन महीनों में तीन बड़े प्रक्षेपण किए जाएंगे : इसरो प्रमुख

मॉस्को: रशिया स्पेस कोर्पोरेशन और नासा ने शनिवार को बताया कि रशिया का एक सप्लाई स्पेस क्राफ्ट बिना चालक दल के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचा. लेकिन वह अपना कूलेंट प्रेशर खो बैठा. गनिमत की बात ये है कि इस हादसे से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के क्रू मेंबर को कुछ नहीं हुआ, वो सुरक्षित है. हालांकि रोस्कोस्मोस ने यह नहीं बताया कि सप्लाई स्पेस क्राफ्ट में कूलेंट प्रेशर लीक का क्या कारण हो सकता है. Roscosmos (रुसी अंतरिक्ष एजेंसी) ने कहा कि स्टेशन और प्रोग्रेस MS-21 के बीच हैच को बंद कर दिया गया था, इसलिए कूलेंट प्रेशर के नुकसान ने ओर्बिटिंग आउटपोस्ट (अंतरिक्ष में स्पेस के आस- पास का एरिया) को प्रभावित नहीं किया.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर टेम्परेचर और प्रेशर नॉर्मल है. इसलिए वहां के क्रू मेंबर के स्वास्थय और सुरक्षा के लिए खतरे की कोई बात नहीं है. Roscosmos के शुरुआती बयान ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या पूरे मालवाहक जहाज या इसके कुछ सिस्टम ने दबाव खो दिया है. लेकिन Roscosmos के चालक दल के कार्यक्रमों के प्रमुख सर्गेई क्रिकेलेव ने बाद में स्पष्ट किया कि शिल्प के शीतलक पाश का अवसाद था. नासा ने कहा कि उसके विशेषज्ञ कूलेंट प्रेशर लीक समस्या के निवारण में अपने रूसी समकक्षों की मदद कर रहे हैं. अधिकारी सभी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन प्रणालियों की निगरानी कर रहे हैं और किसी अन्य मुद्दे पर नजर नहीं रख रहे हैं.'

चालक दल, जिसे कूलिंग लूप रिसाव के बारे में सूचित किया गया था, कोई खतरा नहीं है और सामान्य अंतरिक्ष स्टेशन के संचालन के साथ जारी है. गौरतलब है कि सप्लाई स्पेस क्राफ्ट को उसके निर्धारित निपटान से पहले ही कचरे से भर दिया गया था. क्राफ्ट को 18 फरवरी को स्टेशन से उतारने और वातावरण में जलने के लिए डीऑर्बिट करने के लिए तैयार किया गया है. यह खबर तब आई जब इस घटना के कुछ समय बाद ही एक नया सप्लाई स्पेस क्राफ्ट वहां गया. Progress MS-22 के जरिए वैज्ञानिक उपकरणों के साथ लगभग तीन टन भोजन, पानी और ईंधन पहुंचाया गया.

रोस्कोस्मोस ने कहा कि इस घटना से नए कार्गो सीप के डॉकिंग को नहीं रोका जाएगा और न ही इसका कोई असर हमारे फ्यूचर स्टेशन प्रोग्राम पर पड़ेगा. इससे पहले भी एक ऐसी ही घटना, दिसबंर में सोयुज क्रू कैप्सूल के साथ डिप्रेसराइजेशन की घट चुकी है. जो एक छोटे उल्कापिंड से टकराया था, जिसने बाहरी रेडिएटर में एक छोटा सा छेद छोड़ दिया और कूलेंट को अंतरिक्ष में भेज दिया.

Roscosmos ने कहा कि वह 20 फरवरी को एक नया सोयुज कैप्सूल लॉन्च करने का विचार कर रहे हैं. ताकि आपातकालीन स्थिति में चालक दल के पास एक लाइफबोट हो। लेकिन चूंकि यह लॉन्च में तेजी लाने के लिए स्वचालित मोड में यात्रा करेगा, एक प्रतिस्थापन चालक दल को अब देर से गर्मियों तक इंतजार करना होगा या जब दूसरा कैप्सूल तैयार हो जाएगा। इसका मतलब है कि प्रोकोपयेव, पेटेलिन और रुबियो को स्टेशन पर कई अतिरिक्त महीने रहना होगा, संभवतः उनके मिशन को एक साल के करीब धकेल दिया जाएगा।

नासा और परिरपगिि 20 फरवरी को एक नया सोयुज कैप्सूल लॉन्च करने का विचार कर रहे हैं. जिससे कि international space station के सदस्यों के पास एक लाइफबोट उपलब्ध रह सकें और वो इमरजेंसी में इसका इस्तेमाल कर सकें. चूंकि यह ऑटोमेटिक मोड में ट्रेवल करेगा इसलिए इसमें अभी थोड़ा समय लगेगा. एक रिप्लेसिंग टीम को इसके लिए गर्मियों का इंतजार करना होगा या जब दूसरा कैप्सूल तैयार हो जाएगा.

पढ़ें : ISRO Chief on three big launches : अगले तीन महीनों में तीन बड़े प्रक्षेपण किए जाएंगे : इसरो प्रमुख

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.