फ्लोरिडा : ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) (The National Aeronautics and Space Administration) का, विशाल ‘एसएलएस’ रॉकेट (huge moon rocket) को चंद्रमा पर भेजने के लिए किया जाने वाला उलटी गिनती परीक्षण, हाइड्रोजन रिसाव (hazardous hydrogen leak) के कारण गुरुवार को विफल हो गया. प्रक्षेपण दल के ईंधन भरना शुरू करते ही रिसाव होने की बात सामने आई. यह तीसरा मौका था जब नासा ने पूर्ण परीक्षण (ड्रेस रिहर्सल) करने का प्रयास किया. यह चंद्रमा के लिए एक परीक्षण उड़ान भेजने से पहले का एक आवश्यक कदम है. इस बार, प्रक्षेपण दल 30-मंजिला स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट के मुख्य चरण में कुछ ‘सुपर-कोल्ड लिक्विड हाइड्रोजन’ और ‘ऑक्सीजन’ को लोड करने में आंशिक रूप से कामयाब रहा.
पढ़ें: नासा के आर्टेमिस मून रॉकेट को पहले चरण में मिली सफलता
अधिकारियों ने बताया कि तरल हाइड्रोजन बेहद खतरनाक होता है. परीक्षण से पहले रिसाव संबंधी जांच की गई थी. उलटी गिनती परीक्षण के पहले दो प्रयास भी विफल रहे थे. अधिकारियों ने ट्विटर पर बताया कि वे अपने अगले कदमों का आकलन कर रहे हैं. नासा 322 फुट (98 मीटर) के ‘एसएलएस’ रॉकेट को जून में प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है. इसे चार से छह सप्ताह के मिशन पर चंद्रमा के चक्कर लगाने के लिए भेजा जाएगा. दूसरी परीक्षण उड़ान में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा, जिसके 2024 में जाने की उम्मीद है.