दो चंद्रमा (उपग्रह) वाला मंगल ग्रह, 2 साल के इंतजार के बाद 8 दिसम्बर (Astronomical Event on December 8 ) को पृथ्वी के पास आ रहा है. लगभग 8 करोड़ किमी से कुछ अधिक दूर रहते हुए Mars, Earth and Sun तीनों एक कतार (Earth mars and sun in a row) में होंगे, पृथ्वी, मंगल और सूर्य के बीच होगी. मंगल के दो चंद्रमा फोबोस और डीमोस (Phobos and Deimos) हैं, ये पृथ्वी के चंद्रमा के समान सुंदर नहीं दिखते. मंगल का वातावरण मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड से बना है जिसमें आर्गन और नाईट्रोजन की अल्प मात्रा है, यह वातावरण बहुत पतला है, मंगल सूर्य से चौथा ग्रह है. यह धूल भरा ठंडा रेगिस्तान है.
विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (Science broadcaster Sarika Gharu) ने बताया कि ''यह खगोलीय घटना मार्स एट अपोजिशन (Mars at opposition) कहलाती है, इस समय मंगल अपेक्षाकृत बड़ा और अधिक चमकीला दिखेगा''. Sarika Gharu Science broadcaster ने बताया ''शाम 6 बजे के लगभग जब पश्चिम में सूर्य अस्त हो चुका होगा तब पूर्व में लाल ग्रह मंगल (Red planet Mars) उदित होगा, इसके साथ पूर्णिमा (Full moon 8 December) का चंद्रमा भी होगा.
रात भर आकाश में रहते हुए सुबह लगभग 6 बजे पश्चिम दिशा में मंगल अस्त होगा, इसे नग्न आंखों (Naked eye) से ही देखा जा सकेगा. चंद्रमा का एक साल पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर और एक दिन 24 घंटे 37 मिनिट का होता है. 13 अक्टूबर 2020 से दो साल के इंतजार के बाद पास आ रहे मंगल को देखना न भूलें, क्योंकि इसके बाद यह खगोलीय घटना 16 जनवरी 2025 को होगी''.
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