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अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल की पुण्यतिथि पर जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें

नोबेल पुरस्कार की स्थापना के लिए प्रसिद्ध अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल, एक कैमिस्ट होने के साथ-साथ, एक आविष्कारक, इंजीनियर, इंटरप्रेन्योर, व्यापारी, कवि और नाटक लेखक भी थे. इतना ही नहीं, उन्होंने एक सुरक्षित विस्फोटक का आविष्कार भी किया, जिसे हम डाइनामाइट के नाम से जानते है.

Alfred Nobel, founder of Nobel Prize
अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबल की पुण्यतिथि पर जाने उनसे जुड़ी रोचक बातें
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Published : Dec 10, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:53 PM IST

हैदराबाद : नोबेल पुरस्कार की स्थापना करने वाले अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल को हम सब जानते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि डाइनामाइट का आविष्कार भी इन्होंने ही किया था. स्वीडन में जन्मे अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल ने इसको बनाया था. नोबल, अपने पिता के हथियार के कारखाने में काम किया करते थे, जहां वह रसायन विज्ञान और विस्फोटकों के साथ प्रयोग भी करते थे. 1864 में, एक घातक विस्फोट में उनके छोटे भाई की मृत्यु हो गई थी. इस घटना का नोबेल पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने एक सुरक्षित विस्फोटक बनाया, जिसे डाइनामाइट कहते है.

Alfred Nobel, founder of Nobel Prize
अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबल की पुण्यतिथि पर जाने उनसे जुड़ी रोचक बातें

वैसे तो, यह डाइनामाइट पहाड़ों को तोड़ने में विस्फोट करने के लिए किया जाता था, ताकि वहां काम करने वालों को कोई नुकसान ना पहुंचे. बाद में, इसका इस्तेमाल हथियार की तरह होने लगा. इससे प्रेरित होकर नोबेल ने नोबेल शांति पुरस्कार की स्थापना की. बस यहीं से नोबेल पुरस्कार की शुरुआत हुई.

पढ़ेंः विशेष : जानें कौन हैं ब्लैकहोल का रहस्य खोलने वाले तीन वैज्ञानिक

  • अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर 1833 को स्वीडन में हुआ था.
  • 1842 में, नोबेल पूरे परिवार के साथ रूस के सेंट पीटर्सबर्ग चले गए थे.
  • नोबेल के माता-पिता ने उन्हें रूस में निजी ट्यूटर्स के पास पढ़ने को भेजा. बहुत ही जल्दी इन्होनें रसायन विज्ञान के साथ-साथ अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, रूसी और अपनी मूल भाषा, स्वीडिश में महारत हासिल कर ली.
  • एक साल पेरिस में रसायन विज्ञान का अध्ययन करने के बाद, वह यूनाइटेड स्टेट्स चले गए. पांच साल बाद, वह रूस वापस आ गए और अपने पिता के हथियार के कारखाने में काम करने लगे.
  • 1859 में क्रीमियन युद्ध के अंत के बाद, कंपनी दिवालिया हो गई और नोबेल अपने परिवार सहित स्वीडन वापस आ गए.
  • 1864 में, नोबेल के परिवार की स्वीडिश फैक्ट्री में हुए एक बड़े विस्फोट में नोबेल के छोटे भाई एमिल सहित पांच लोगों की मौत हो गई. इस घटना का नोबल पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होने एक सुरक्षित विस्फोटक बनाया. उन्होंने नाइट्रोग्लिसरीन और एक सोखने वाले पदार्थ के मिश्रण का पेटेंट कराया और उसे "डायनामाइट" का नाम दिया.
  • 1888 में, नोबेल के भाई लुडविग की भी फ्रांस में मृत्यु हो गई. इसके परिणाम स्वरुप, एक फ्रांसीसी समाचार पत्र ने नोबेल की डायनामाइट के आविष्कार के लिए निंदा की. इस घटना ने नोबेल को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और शांति की दिशा में काम वाले पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करने के लिए नोबेल पुरस्कार की शुरुआत की. इसके लिए नोबेल ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा अलग रख दिया.
  • स्वीडन के केंद्रीय बैंक, स्वेरिज रिक्सबैंक ने नोबेल के सम्मान में 1968 में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार की स्थापना की.
  • एक कैमिस्ट होने के साथ-साथ, अल्फ्रेड नोबल एक आविष्कारक, इंजीनियर, इंटरप्रेन्योर, व्यापारी, कवि और नाटक लेखक भी थे.
  • अपनी मृत्यु से पहले, नोबेल ने 16 वीं शताब्दी की नोबलवुमन की कहानी पर आधारित नाटक, निमेसिस लिखा था.
  • नोबेल ने अपनी वसीयत बिना किसी कानूनी परामर्श के लिखी.
  • नोबेल को हमेशा जिंदा जल जाने का डर रहता था. 10 दिसंबर, 1896 को इटली के सैन रेमो में एक स्ट्रोक से उनकी मृत्यु हो गई.
  • नोबेल ने अपनी संपति में से 31,225,000 स्वीडिश क्रोनर (250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर) नोबेल पुरस्कार को फंंड करने लिए दे दिया था.

पढ़ेंः रॉसलिंड फ्रेंकलिन, जिन्होंने डीएनए की खोज में निभाया था अहम किरदार

हैदराबाद : नोबेल पुरस्कार की स्थापना करने वाले अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल को हम सब जानते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि डाइनामाइट का आविष्कार भी इन्होंने ही किया था. स्वीडन में जन्मे अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल ने इसको बनाया था. नोबल, अपने पिता के हथियार के कारखाने में काम किया करते थे, जहां वह रसायन विज्ञान और विस्फोटकों के साथ प्रयोग भी करते थे. 1864 में, एक घातक विस्फोट में उनके छोटे भाई की मृत्यु हो गई थी. इस घटना का नोबेल पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने एक सुरक्षित विस्फोटक बनाया, जिसे डाइनामाइट कहते है.

Alfred Nobel, founder of Nobel Prize
अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबल की पुण्यतिथि पर जाने उनसे जुड़ी रोचक बातें

वैसे तो, यह डाइनामाइट पहाड़ों को तोड़ने में विस्फोट करने के लिए किया जाता था, ताकि वहां काम करने वालों को कोई नुकसान ना पहुंचे. बाद में, इसका इस्तेमाल हथियार की तरह होने लगा. इससे प्रेरित होकर नोबेल ने नोबेल शांति पुरस्कार की स्थापना की. बस यहीं से नोबेल पुरस्कार की शुरुआत हुई.

पढ़ेंः विशेष : जानें कौन हैं ब्लैकहोल का रहस्य खोलने वाले तीन वैज्ञानिक

  • अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर 1833 को स्वीडन में हुआ था.
  • 1842 में, नोबेल पूरे परिवार के साथ रूस के सेंट पीटर्सबर्ग चले गए थे.
  • नोबेल के माता-पिता ने उन्हें रूस में निजी ट्यूटर्स के पास पढ़ने को भेजा. बहुत ही जल्दी इन्होनें रसायन विज्ञान के साथ-साथ अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, रूसी और अपनी मूल भाषा, स्वीडिश में महारत हासिल कर ली.
  • एक साल पेरिस में रसायन विज्ञान का अध्ययन करने के बाद, वह यूनाइटेड स्टेट्स चले गए. पांच साल बाद, वह रूस वापस आ गए और अपने पिता के हथियार के कारखाने में काम करने लगे.
  • 1859 में क्रीमियन युद्ध के अंत के बाद, कंपनी दिवालिया हो गई और नोबेल अपने परिवार सहित स्वीडन वापस आ गए.
  • 1864 में, नोबेल के परिवार की स्वीडिश फैक्ट्री में हुए एक बड़े विस्फोट में नोबेल के छोटे भाई एमिल सहित पांच लोगों की मौत हो गई. इस घटना का नोबल पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होने एक सुरक्षित विस्फोटक बनाया. उन्होंने नाइट्रोग्लिसरीन और एक सोखने वाले पदार्थ के मिश्रण का पेटेंट कराया और उसे "डायनामाइट" का नाम दिया.
  • 1888 में, नोबेल के भाई लुडविग की भी फ्रांस में मृत्यु हो गई. इसके परिणाम स्वरुप, एक फ्रांसीसी समाचार पत्र ने नोबेल की डायनामाइट के आविष्कार के लिए निंदा की. इस घटना ने नोबेल को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और शांति की दिशा में काम वाले पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करने के लिए नोबेल पुरस्कार की शुरुआत की. इसके लिए नोबेल ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा अलग रख दिया.
  • स्वीडन के केंद्रीय बैंक, स्वेरिज रिक्सबैंक ने नोबेल के सम्मान में 1968 में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार की स्थापना की.
  • एक कैमिस्ट होने के साथ-साथ, अल्फ्रेड नोबल एक आविष्कारक, इंजीनियर, इंटरप्रेन्योर, व्यापारी, कवि और नाटक लेखक भी थे.
  • अपनी मृत्यु से पहले, नोबेल ने 16 वीं शताब्दी की नोबलवुमन की कहानी पर आधारित नाटक, निमेसिस लिखा था.
  • नोबेल ने अपनी वसीयत बिना किसी कानूनी परामर्श के लिखी.
  • नोबेल को हमेशा जिंदा जल जाने का डर रहता था. 10 दिसंबर, 1896 को इटली के सैन रेमो में एक स्ट्रोक से उनकी मृत्यु हो गई.
  • नोबेल ने अपनी संपति में से 31,225,000 स्वीडिश क्रोनर (250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर) नोबेल पुरस्कार को फंंड करने लिए दे दिया था.

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Last Updated : Feb 16, 2021, 7:53 PM IST
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