नई दिल्ली: 2018 से 15 मार्च, 2023 तक 30,310 यूआरएल को ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें सोशल मीडिया यूआरएल, अकाउंट, चैनल, ऐप, वेब पेज, वेबसाइट आदि शामिल हैं. सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) अधिनियम, 2000 की धारा 69A सरकार को भारत की संप्रभुता, अखंडता और रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों या सार्वजनिक व्यवस्था के हित में या उपरोक्त से संबंधित संयम अपराध को उकसाने के लिए आवश्यक या समीचीन होने पर सूचना की पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए निर्देश जारी करने की शक्ति देता है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information Technology) द्वारा संसद में प्रस्तुत लिखित उत्तर के अनुसार, सरकार सूचना प्रौद्योगिकी सार्वजनिक सूचना की पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय नियम, 2009 में परिकल्पित उचित प्रक्रिया का पालन करती है। जवाब में बताया गया है कि नियमों के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय सूचना और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए में निर्दिष्ट प्रावधानों का उल्लंघन करने पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ब्लॉकिंग निर्देश जारी कर सकते हैं.
2018 से 15 मार्च, 2023 तक उपरोक्त नियमों के नियम 7 और 14 के तहत गठित समिति ने कुल 41,172 यूआरएल की जांच की जो विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्यों में नोडल अधिकारियों से आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत अवरुद्ध करने के लिए प्राप्त हुए थे. मंत्रालय ने जवाब में सूचित किया- बैठक से 48 घंटे पहले ऐसे सभी यूआरएल के लिए संबंधित बिचौलियों को नोटिस दिए गए थे. वेबसाइटों के मामले में, वेबसाइट पर प्रकाशित संपर्क विवरण के आधार पर नोटिस दिए गए थे.
(आईएएनएस)
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