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Google AI Tools For Journalist : पत्रकारों के लिए गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स जल्द - Google Journalist Artificial Intelligence Tools

Google ने दावा किया है कि वह पत्रकारों के लिए एआई आधारित टूल्स पर काम कर रहा है. प्रस्तावित एआई टूल्स की मदद से पत्रकार बेहतर हेडिंग और डेटा के साथ आर्टिकल तैयार कर पाएंगे. प्रस्तावित एआई टूल्स का उद्देश्य पत्रकारों को रिप्लेस करना नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

Google AI Tools For Journalist
गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स जल्द
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Published : Jul 21, 2023, 7:24 PM IST

न्यूयॉर्क: टेक दिग्गज कंपनी गूगल की ओर से दावा किया गया है कि पत्रकारिता से जुड़े पेशेवरों को लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स (Artificial Intelligence Tools) पर काम किया जा रहा है. कंपनी की ओर से बताया गया है कि पत्रकारों के लिए एआई टूल्स परियोजना पर काम प्राइमरी फेज में है. जर्नलिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स की मदद से पत्रकार बेहतर स्टोरी, हेडिंग सहित अन्य टेक्नीकल नीड को पूरा कर पायेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गूगल की ओर से इस संबंध में जानकारी और सुझाव के लिए ग्लोबल मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े मालिक, संपादक और पत्रकारों से गूगल के प्रतिनिधि बातचीत कर रहे हैं. द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट और न्यूज कॉर्प, द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मालिकों को गूगल की ओर से जानकारी दी गई है कि Google Journalist Artificial Intelligence Tools कैसा होगा और यह किस प्रकार से काम करेगा. इस टूल्स की मदद से तैयार न्यूज/रिपोर्ट्स सत्यता और प्रमाणिकता पर कैस और कितना खड़ा उतरेगा.

गूगल जर्नलिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स के बारे में खबर आने के बाद मीडिया इंडस्ट्री में कई सवाल उठ रहे हैं. साथ ही सवाल उठ रहा है कि टेक्नोलॉजी बेस्ड पत्रकारिता से इंडस्ट्री से जुड़े पत्रकारों को क्या नौकरी खोनी पड़ेगी, जिनकी आर्थिक स्थिति पहले से खराब है.

गूगल की ओर से बताया गया कि, 'एआई टूल्स का उद्देश्य पत्रकार अपनी रिपोर्ट में बेहतर हेडिंग और कंटेंट तैयार कर पायेंगे. इस प्रस्तावित टूल्स का मक्सद पत्रकारों को रिपोर्टिंग, न्यूज राइटिंग और फैक्ट चेकिंग जैसे कामों से बेदखल करना नहीं है. इस मकशद पत्रकारों के कामों को सरल बनाना है.' उदाहरण के लिए अगर कोई रिपोर्टर खेल पर कोई रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें खेल से जुड़े कारोबार के आंकड़े की जरूरत है तो गूगल जर्नलिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स खेलों से कॉर्पोरेट कमाई के संबंध में आंकड़ों को सरल भाषा व रोचक फार्मेट में सिंगल क्लीक में उपलब्ध करायेगा. एक ही आंकड़ें एक साथ मल्टी फार्मेट में उपलब्ध होंगे.

बता दें कि कई टेक एआई आधारित टेक्नोलॉजी कंपनियां आम मानव की लेखन शैली में एआई जेनरेटेड कंटेंट पर लगातार काम कर रही है. लेटेस्ट राइटिंग टूल्स के लिए लगातार रिसर्च पर कई टेक कंपनियां करोड़ों-करोड़ खर्च कर रही है. हाल ही में दुनिया की जानी-मानी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) और चैटजीपीटी-निर्माता ओपन एआई के बीच 1985 से पहले के समाचारों का लाइसेंस देने के लिए एक समझौता किया है. इस सौदे के रकम के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है.

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न्यूयॉर्क: टेक दिग्गज कंपनी गूगल की ओर से दावा किया गया है कि पत्रकारिता से जुड़े पेशेवरों को लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स (Artificial Intelligence Tools) पर काम किया जा रहा है. कंपनी की ओर से बताया गया है कि पत्रकारों के लिए एआई टूल्स परियोजना पर काम प्राइमरी फेज में है. जर्नलिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स की मदद से पत्रकार बेहतर स्टोरी, हेडिंग सहित अन्य टेक्नीकल नीड को पूरा कर पायेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गूगल की ओर से इस संबंध में जानकारी और सुझाव के लिए ग्लोबल मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े मालिक, संपादक और पत्रकारों से गूगल के प्रतिनिधि बातचीत कर रहे हैं. द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट और न्यूज कॉर्प, द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मालिकों को गूगल की ओर से जानकारी दी गई है कि Google Journalist Artificial Intelligence Tools कैसा होगा और यह किस प्रकार से काम करेगा. इस टूल्स की मदद से तैयार न्यूज/रिपोर्ट्स सत्यता और प्रमाणिकता पर कैस और कितना खड़ा उतरेगा.

गूगल जर्नलिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स के बारे में खबर आने के बाद मीडिया इंडस्ट्री में कई सवाल उठ रहे हैं. साथ ही सवाल उठ रहा है कि टेक्नोलॉजी बेस्ड पत्रकारिता से इंडस्ट्री से जुड़े पत्रकारों को क्या नौकरी खोनी पड़ेगी, जिनकी आर्थिक स्थिति पहले से खराब है.

गूगल की ओर से बताया गया कि, 'एआई टूल्स का उद्देश्य पत्रकार अपनी रिपोर्ट में बेहतर हेडिंग और कंटेंट तैयार कर पायेंगे. इस प्रस्तावित टूल्स का मक्सद पत्रकारों को रिपोर्टिंग, न्यूज राइटिंग और फैक्ट चेकिंग जैसे कामों से बेदखल करना नहीं है. इस मकशद पत्रकारों के कामों को सरल बनाना है.' उदाहरण के लिए अगर कोई रिपोर्टर खेल पर कोई रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें खेल से जुड़े कारोबार के आंकड़े की जरूरत है तो गूगल जर्नलिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स खेलों से कॉर्पोरेट कमाई के संबंध में आंकड़ों को सरल भाषा व रोचक फार्मेट में सिंगल क्लीक में उपलब्ध करायेगा. एक ही आंकड़ें एक साथ मल्टी फार्मेट में उपलब्ध होंगे.

बता दें कि कई टेक एआई आधारित टेक्नोलॉजी कंपनियां आम मानव की लेखन शैली में एआई जेनरेटेड कंटेंट पर लगातार काम कर रही है. लेटेस्ट राइटिंग टूल्स के लिए लगातार रिसर्च पर कई टेक कंपनियां करोड़ों-करोड़ खर्च कर रही है. हाल ही में दुनिया की जानी-मानी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) और चैटजीपीटी-निर्माता ओपन एआई के बीच 1985 से पहले के समाचारों का लाइसेंस देने के लिए एक समझौता किया है. इस सौदे के रकम के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है.

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