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बाबा विश्वनाथ के आंगन में स्थापित हुईं मां अन्नपूर्णा, CM योगी ने की प्राण-प्रतिष्ठा - प्रतिमा की पूजा

धर्म एवं आध्यत्म की नगरी काशी में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 107 बाद वापस लौटी है, जिसका पूरे अनुष्ठान और विधि विधान से सीएम योगी के द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा काशी विश्वनाथ मंदिर में की गई. मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का इंतजार कल से लोगों को था. देर रात होने के सुबह दुर्गाकुंड मंदिर पहुंची थी. जहां मां अन्नपूर्णा के दर्शन करने के लिए भक्तों में उत्साह देखा गया था.

बाबा विश्वनाथ के आंगन में स्थापित हुईं मां अन्नपूर्णा, CM योगी ने की प्राण-प्रतिष्ठा
बाबा विश्वनाथ के आंगन में स्थापित हुईं मां अन्नपूर्णा, CM योगी ने की प्राण-प्रतिष्ठा
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Published : Nov 15, 2021, 11:45 AM IST

Updated : Nov 15, 2021, 1:31 PM IST

वाराणसी: आखिरकार 108 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार सुबह मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंच गई. जिसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमा यात्रा की अगवानी की. जिनके भव्य स्वागत के बाद प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आरंभ हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य यजमान बन कर प्रतिमा की पूजा-अर्चना की और इसे पुनर्स्थापित किया.

मंदिर के शास्त्री मनोज दुबे ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की उन्होंने बताया कि माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की स्थापना विधिवत अनुष्ठान के तहत की गई है. उन्होंने बताया कि आज सुबह 6:00 बजे यहां अनुष्ठान शुरू हुआ. इस अनुष्ठान में सबसे पहले गणेश अंबिका का पूजन किया गया . गणेश अंबिका के पूजन के बाद षोडश मातृका पूजन, सप्त व्रत मातृका, वरुण पूजन सम्पन्न किया गया.

बाबा विश्वनाथ के आंगन में स्थापित हुईं मां अन्नपूर्णा, CM योगी ने की प्राण-प्रतिष्ठा

बता दें कि चोरी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 107 साल बाद काशी लौटी. जिसकी आगवानी बनारस के जनप्रतिनिधियों ने किया. मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को काशी में बाबतपुर से लेकर दुर्गाकुंड तक परिक्रमा कराई गई. जिसमें मुख्य तौर से पिंजरा के विधायक अवधेश कुमार सिंह, कैंट विधायक सौरव श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय शामिल थे. मां अन्नपूर्णा की दुर्गाकुंड पहुंचने की प्रतिमा के बाद उनका लोगों को दर्शन कराया गया एवं भव्य आरती की गई.

बता दें कि, एसआई को 15 अक्टूबर 2017 को देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति मिली है। चोरी कर ली गई यह मूर्ति 17 गुणा नौ गुणा चार सेंटिमीटर की है. इसे एक सदी से ज्यादा समय पहले उत्तर प्रदेश में काशी से चुराया गया था और तस्करी करके कनाडा ले जाया गया था.

पढ़ें : कनाडा से वापस आई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति, बाबा के बगल में होंगी विराजमान, सीएम करेंगे प्राण प्रतिष्ठा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 नवंबर 2020 को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कनाडा से इस मूर्ति के वापस लाने की घोषणा की थी.

18वीं सदी की मूर्ति रेजिना विश्वविद्यालय के ‘मैकेंज़ी आर्ट गैलरी’ में रखी थी. विश्वविद्यालय ने पिछले साल इस मूर्ति को भारत के उच्चायुक्त को सौंपा था.

वाराणसी: आखिरकार 108 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार सुबह मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंच गई. जिसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमा यात्रा की अगवानी की. जिनके भव्य स्वागत के बाद प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आरंभ हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य यजमान बन कर प्रतिमा की पूजा-अर्चना की और इसे पुनर्स्थापित किया.

मंदिर के शास्त्री मनोज दुबे ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की उन्होंने बताया कि माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की स्थापना विधिवत अनुष्ठान के तहत की गई है. उन्होंने बताया कि आज सुबह 6:00 बजे यहां अनुष्ठान शुरू हुआ. इस अनुष्ठान में सबसे पहले गणेश अंबिका का पूजन किया गया . गणेश अंबिका के पूजन के बाद षोडश मातृका पूजन, सप्त व्रत मातृका, वरुण पूजन सम्पन्न किया गया.

बाबा विश्वनाथ के आंगन में स्थापित हुईं मां अन्नपूर्णा, CM योगी ने की प्राण-प्रतिष्ठा

बता दें कि चोरी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 107 साल बाद काशी लौटी. जिसकी आगवानी बनारस के जनप्रतिनिधियों ने किया. मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को काशी में बाबतपुर से लेकर दुर्गाकुंड तक परिक्रमा कराई गई. जिसमें मुख्य तौर से पिंजरा के विधायक अवधेश कुमार सिंह, कैंट विधायक सौरव श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय शामिल थे. मां अन्नपूर्णा की दुर्गाकुंड पहुंचने की प्रतिमा के बाद उनका लोगों को दर्शन कराया गया एवं भव्य आरती की गई.

बता दें कि, एसआई को 15 अक्टूबर 2017 को देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति मिली है। चोरी कर ली गई यह मूर्ति 17 गुणा नौ गुणा चार सेंटिमीटर की है. इसे एक सदी से ज्यादा समय पहले उत्तर प्रदेश में काशी से चुराया गया था और तस्करी करके कनाडा ले जाया गया था.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 नवंबर 2020 को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कनाडा से इस मूर्ति के वापस लाने की घोषणा की थी.

18वीं सदी की मूर्ति रेजिना विश्वविद्यालय के ‘मैकेंज़ी आर्ट गैलरी’ में रखी थी. विश्वविद्यालय ने पिछले साल इस मूर्ति को भारत के उच्चायुक्त को सौंपा था.

Last Updated : Nov 15, 2021, 1:31 PM IST
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