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DCW ने नाबालिग लड़की को कराया मुक्त, असम से लाकर जबरन कराई जा रही थी मजदूरी

दिल्ली महिला आयोग के हेल्पलाइन नंबर 181 पर एक अज्ञात व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद महिला आयोग ने अशोक विहार के पॉश कॉलोनी के एक घर में पहुंची.

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Published : Sep 9, 2019, 7:17 AM IST

Updated : Sep 9, 2019, 1:12 PM IST

दिल्ली महिला आयोग etv bharat

नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग ने एक बार फिर दिल्ली में जबरन लाई गई नाबालिग लड़की को मुक्त कराया है. दरअसल असम की रहने वाली एक 17 साल की नाबालिग लड़की को अशोक विहार के एक घर में जबरन नौकरानी का काम कराया जा रहा था.

दिल्ली महिला आयोग ने नाबालिग लड़की को कराया मुक्त

यहां तक की उसे इसके लिए कोई वेतन तक नहीं दिया जाता था और उसके साथ मारपीट कर जुल्म किए जाते थे.

घर में रखा था जबरन

बता दें कि दिल्ली महिला आयोग के हेल्पलाइन नंबर 181 पर एक अज्ञात व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद महिला आयोग ने अशोक विहार के पॉश कॉलोनी के एक घर में पहुंची, जहां उन्हें लड़की नहीं मिली, जिसके बाद आयोग ने छानबीन की तो लड़की पास के ही एक घर में मिली.

बिना वेतन के करवाई जा रही थी मजदूरी

नाबालिग लड़की ने बताया कि वह असम के तेजपुर की रहने वाली है. उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है. तब से वह चार भाई-बहनों के साथ अपने मामा के घर पर रह रही थी लेकिन तभी उसके गांव में एक लड़के ने उससे अच्छी तनख्वाह पर नौकरी का लालच देकर दिल्ली ले आया और अशोक विहार में दंपति के घर पर प्रति महीने 10,000 की तनख्वाह का वादा कर उसे वहां काम पर रखवा दिया.

पीड़ित ने बताया कि यहां आने के बाद उसे पैसे नहीं दिए गए बल्कि उससे ढेर सारा काम करवाने के बाद मारा पीटा गया और साथ ही धमकी दी जाने लगी.

'पुलिस और सरकार को कड़े कदम उठाने की जरुरत'

इस पूरे मामले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि जिस तरीके से कुछ लोग इंसानों के साथ व्यवहार करते हैं, मैं उससे दुखी हूं. राजधानी के पॉश घरों में रहने के बावजूद कुछ लोगों के पास शालीनता नहीं है. जिस तरीके से लगातार मानव तस्करी के मामले दिल्ली में बढ़ रहे हैं. इस पर दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को कदम उठाने की जरूरत है.

नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग ने एक बार फिर दिल्ली में जबरन लाई गई नाबालिग लड़की को मुक्त कराया है. दरअसल असम की रहने वाली एक 17 साल की नाबालिग लड़की को अशोक विहार के एक घर में जबरन नौकरानी का काम कराया जा रहा था.

दिल्ली महिला आयोग ने नाबालिग लड़की को कराया मुक्त

यहां तक की उसे इसके लिए कोई वेतन तक नहीं दिया जाता था और उसके साथ मारपीट कर जुल्म किए जाते थे.

घर में रखा था जबरन

बता दें कि दिल्ली महिला आयोग के हेल्पलाइन नंबर 181 पर एक अज्ञात व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद महिला आयोग ने अशोक विहार के पॉश कॉलोनी के एक घर में पहुंची, जहां उन्हें लड़की नहीं मिली, जिसके बाद आयोग ने छानबीन की तो लड़की पास के ही एक घर में मिली.

बिना वेतन के करवाई जा रही थी मजदूरी

नाबालिग लड़की ने बताया कि वह असम के तेजपुर की रहने वाली है. उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है. तब से वह चार भाई-बहनों के साथ अपने मामा के घर पर रह रही थी लेकिन तभी उसके गांव में एक लड़के ने उससे अच्छी तनख्वाह पर नौकरी का लालच देकर दिल्ली ले आया और अशोक विहार में दंपति के घर पर प्रति महीने 10,000 की तनख्वाह का वादा कर उसे वहां काम पर रखवा दिया.

पीड़ित ने बताया कि यहां आने के बाद उसे पैसे नहीं दिए गए बल्कि उससे ढेर सारा काम करवाने के बाद मारा पीटा गया और साथ ही धमकी दी जाने लगी.

'पुलिस और सरकार को कड़े कदम उठाने की जरुरत'

इस पूरे मामले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि जिस तरीके से कुछ लोग इंसानों के साथ व्यवहार करते हैं, मैं उससे दुखी हूं. राजधानी के पॉश घरों में रहने के बावजूद कुछ लोगों के पास शालीनता नहीं है. जिस तरीके से लगातार मानव तस्करी के मामले दिल्ली में बढ़ रहे हैं. इस पर दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को कदम उठाने की जरूरत है.

Intro:दिल्ली महिला आयोग ने एक बार फिर दिल्ली में जबरन लाई गई 17 साल की नाबालिक लड़की को रेस्क्यू किया है, दरअसल असम की रहने वाली एक 17 साल की नाबालिक बच्ची को दिल्ली के अशोक विहार में एक घर में जबरन नौकरानी का काम कराया जा रहा था यहां तक कि उसे इसके लिए कोई वेतन तक नहीं दिया जाता था और उसके साथ मारपीट आदि जुल्म किए जाते थे


Body:अशोक विहार के एक घर में जबरन रखा गया
दिल्ली महिला आयोग के हेल्पलाइन नंबर 181 पर एक अज्ञात व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग अशोक विहार के पॉश कॉलोनी में बने घर पहुंचा जहां उन्हें लड़की नहीं मिली जिसके बाद उन्होंने छानबीन की तो लड़की पास के ही एक घर में थी

बिना वेतन के करवाई जा रही थी मजदूरी
लड़की ने बताया कि वह असम के तेजपुर की रहने वाली है और उसके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है तब से वह चार भाई-बहनों के साथ अपने मामा के घर पर रह रही थी लेकिन तभी उसके गांव में एक लड़के ने उससे अच्छी तनख्वाह पर नौकरी का लालच देकर दिल्ली लाया गया और अशोक विहार में दंपति के घर पर प्रति महीने 10,000 की तनख्वाह का वादा कर उसे वह काम दिलवाया गया लेकिन वहां आने के बाद उसे कोई पैसे नहीं दिए गए बल्कि उससे ढेर सारा काम करवाने के बाद मारपीट तक की जाने लगी और धमकी दी गई.


Conclusion:पुलिस और सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत
इस पूरे मामले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि जिस तरीके से कुछ लोग इंसानों के साथ व्यवहार करते हैं मैं उससे दुखी हूं राजधानी के पॉश घरों में रहने के बावजूद कुछ लोगों के पास माने बीए शालीनता नहीं है जिस तरीके से लगातार मानव तस्करी के मामले दिल्ली में बढ़ रहे हैं इस पर दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को कदम उठाने की जरूरत है
Last Updated : Sep 9, 2019, 1:12 PM IST
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