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विदेशी नागरिकों के सिस्टम हैक करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 17 गिरफ्तार

दिल्ली साइबर क्राइम यूनिट ने फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशी नागरिकों से पैसे ऐंठने के आरोप में 17 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें मास्टरमाइंड सहित फोन कर लोगों को ठगने वाले कॉलर भी शामिल हैं.

delhi police cyber crime unit arrested 17 thugs for foreign national cheating
दिल्ली साइबर क्राइम गिरफ्तार
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Published : Nov 6, 2020, 6:21 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने विदेशी नागरिकों के सिस्टम हैक कर उन्हें टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. क्राइम यूनिट ने 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. जिनमें इस गिरोह का मास्टरमाइंड सहित फोन कर लोगों को ठगने वाले कॉलर भी शामिल है. पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने बीते 1 साल में लगभग 8 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है.

2200 से ज्यादा लोगों को बनाया निशाना.

पुलिस को मिली थी इंफॉर्मेशन

डीसीपी अनीश रॉय के अनुसार दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट को राजौरी गार्डन थाना इलाके में इस गिरोह द्वारा चलाए जा रहे फर्जी कॉल सेंटर के बारे में सूचना मिली थी. सूचना में बताया गया था कि यह गिरोह विश्व प्रसिद्ध एक सॉफ्टवेयर कंपनी के टेक्निकल असिस्टेंट बनकर विदेशी नागरिकों से ठगी करते हैं.

इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज, सब इंस्पेक्टर अजीत, हरजीत, विजेंदर सुनील आदि की टीम बनाई गई. टीम ने टेक्निकल एनालिसिस की मदद से इस गिरोह द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े का पता लगाया. जिसके बाद पुलिस टीम ने रेड मारकर मास्टरमाइंड सहित 17 लोगों को दबोच लिया.

3 साल से चला रहा था फेक कॉल सेंटर

पुलिस के अनुसार इस गिरोह का मास्टरमाइंड साहिल दिलावरी है, जो ग्रेजुएशन तक पढ़ाई करने के बाद पिछले 3 साल से यह फेक कॉल सेंटर चला रहा था. पूछताछ में साहिल ने बताया कि उनका गिरोह सबसे पहले इंटरनेट के जरिए लोगों के कंप्यूटर पर एक पॉप अप मैसेज भेजता था. अगर कोई व्यक्ति उस पॉप अप मैसेज को खोलता था, तो उसके कंप्यूटर में ऑटोमेटिक वायरस दाखिल हो जाता था. जिसकी मदद से उनका गिरोह उस कंप्यूटर को हैक कर लेता था.

सिक्योरिटी प्रोवाइड करने के लिए लेते थे मनमर्जी कीमत

हैक करने के बाद वह कंप्यूटर को हैंग और स्लो कर देते थे. जिसके चलते कंप्यूटर चलाने वाला व्यक्ति पॉप अप मैसेज के जरिए दिए गए नंबर पर टेक्निकल सपोर्ट के लिए कंपनी के असिस्टेंट को फोन करता था. फोन आने पर उनका गिरोह व्यक्ति के कंप्यूटर में रिमोट एक्सेस लेकर उसके कंप्यूटर की सभी डिटेल अपने पास सेव कर लेते था और उन्हें फाइनेंशियल सिक्योरिटी के नाम पर डराते था. जिसके बाद यह उस सिक्योरिटी को प्रोवाइड कराने के लिए उनसे मनमर्जी कीमत वसूलते थे.

दे चुके हैं 8 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम

पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने अक्टूबर 2019 से नवंबर 2020 तक 2268 लोगों को अपनी इस ठगी का निशाना बनाया है, जिसमें इन्होंने 8 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है. फिलहाल पुलिस इस गिरोह के लोगों से एक-एक करके पूछताछ कर रही है और इस मामले में आगे की जानकारी जुटा रही है.

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने विदेशी नागरिकों के सिस्टम हैक कर उन्हें टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. क्राइम यूनिट ने 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. जिनमें इस गिरोह का मास्टरमाइंड सहित फोन कर लोगों को ठगने वाले कॉलर भी शामिल है. पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने बीते 1 साल में लगभग 8 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है.

2200 से ज्यादा लोगों को बनाया निशाना.

पुलिस को मिली थी इंफॉर्मेशन

डीसीपी अनीश रॉय के अनुसार दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट को राजौरी गार्डन थाना इलाके में इस गिरोह द्वारा चलाए जा रहे फर्जी कॉल सेंटर के बारे में सूचना मिली थी. सूचना में बताया गया था कि यह गिरोह विश्व प्रसिद्ध एक सॉफ्टवेयर कंपनी के टेक्निकल असिस्टेंट बनकर विदेशी नागरिकों से ठगी करते हैं.

इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज, सब इंस्पेक्टर अजीत, हरजीत, विजेंदर सुनील आदि की टीम बनाई गई. टीम ने टेक्निकल एनालिसिस की मदद से इस गिरोह द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े का पता लगाया. जिसके बाद पुलिस टीम ने रेड मारकर मास्टरमाइंड सहित 17 लोगों को दबोच लिया.

3 साल से चला रहा था फेक कॉल सेंटर

पुलिस के अनुसार इस गिरोह का मास्टरमाइंड साहिल दिलावरी है, जो ग्रेजुएशन तक पढ़ाई करने के बाद पिछले 3 साल से यह फेक कॉल सेंटर चला रहा था. पूछताछ में साहिल ने बताया कि उनका गिरोह सबसे पहले इंटरनेट के जरिए लोगों के कंप्यूटर पर एक पॉप अप मैसेज भेजता था. अगर कोई व्यक्ति उस पॉप अप मैसेज को खोलता था, तो उसके कंप्यूटर में ऑटोमेटिक वायरस दाखिल हो जाता था. जिसकी मदद से उनका गिरोह उस कंप्यूटर को हैक कर लेता था.

सिक्योरिटी प्रोवाइड करने के लिए लेते थे मनमर्जी कीमत

हैक करने के बाद वह कंप्यूटर को हैंग और स्लो कर देते थे. जिसके चलते कंप्यूटर चलाने वाला व्यक्ति पॉप अप मैसेज के जरिए दिए गए नंबर पर टेक्निकल सपोर्ट के लिए कंपनी के असिस्टेंट को फोन करता था. फोन आने पर उनका गिरोह व्यक्ति के कंप्यूटर में रिमोट एक्सेस लेकर उसके कंप्यूटर की सभी डिटेल अपने पास सेव कर लेते था और उन्हें फाइनेंशियल सिक्योरिटी के नाम पर डराते था. जिसके बाद यह उस सिक्योरिटी को प्रोवाइड कराने के लिए उनसे मनमर्जी कीमत वसूलते थे.

दे चुके हैं 8 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम

पुलिस के अनुसार इस गिरोह ने अक्टूबर 2019 से नवंबर 2020 तक 2268 लोगों को अपनी इस ठगी का निशाना बनाया है, जिसमें इन्होंने 8 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है. फिलहाल पुलिस इस गिरोह के लोगों से एक-एक करके पूछताछ कर रही है और इस मामले में आगे की जानकारी जुटा रही है.

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