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राजस्थान के लुटेरों ने की थी हेड कॉन्सटेबल राम अवतार की हत्या, SIT ने 2 को दबोचा

दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल राम अवतार के ब्लाइंड मर्डर केस में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह वारदात सितंबर 2018 को हुई थी. पुलिस ने बताया है कि वारदात में शामिल तीसरा आरोपी अभी भी फरार है.

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Published : Aug 5, 2019, 8:59 PM IST

जैतपुर हेड कांस्टेबल हत्या मामला सुलझा दो गिरफ्तार ETV BHARAT

नई दिल्ली: जैतपुर में बीते वर्ष सितंबर महीने में हुए पुलिस के हेड कांस्टेबल की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा ली है. इस मर्डर केस में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस हत्या का खुलासा SIT ने किया है.

राम अवतार केस में 2 आरोपी गिरफ्तार

पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता

दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल राम अवतार के ब्लाइंड मर्डर केस में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह वारदात सितंबर 2018 को हुई थी. मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चंद्रपाल उर्फ चन्दर और इरशाद खान के रूप में हुई है. दोनों राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले हैं. पुलिस ने बताया है कि वारदात में शामिल तीसरा आरोपी अभी भी फरार है.

बता दें कि मार्च में जिले के एडिशनल DCP के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया था. साथ ही कमिश्नर ने एक लाख का इनाम भी रखा था.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक घटना वाले दिन जब राम अवतार अपने घर से किसी काम से बाहार जा रहे थे. तभी उन्होंने दोनों आरोपियों को कार चोरी करते देख लिया था. राम अवतार ने जब चोरों को चोरी करते देखा तब उन्होंने एक आरोपी को थप्पड़ मार दिया था. जिसके बाद दूसरे आरोपी ने हेड कॉन्स्टेबल राम अवतार को गोली मार दी थी.

दरअसल, यह वारदात सितंबर 2018 को हुई. इसके बाद आरोपी फरार हो गए. कॉन्स्टेबल राम अवतार जैतपुर थाने के शक्ति विहार इलाके में रहते थे.

डीसीपी चिन्मय विस्वाल ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान 200 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया साथ ही पुलिस की कई टीमें बनाई गई लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी. फिर पुलिस ने मार्च में जिले के एडिशनल DCP के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया था. और कमिश्नर की तरफ से एक लाख का रिवॉर्ड भी रखा गया था.

हेड कॉन्स्टेबल के हत्या की गुथी पुलिस के लिए नाक का सवाल बना हुआ था. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर इस पूरे मामले में की जांच कर रही है.

नई दिल्ली: जैतपुर में बीते वर्ष सितंबर महीने में हुए पुलिस के हेड कांस्टेबल की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा ली है. इस मर्डर केस में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस हत्या का खुलासा SIT ने किया है.

राम अवतार केस में 2 आरोपी गिरफ्तार

पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता

दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल राम अवतार के ब्लाइंड मर्डर केस में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह वारदात सितंबर 2018 को हुई थी. मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चंद्रपाल उर्फ चन्दर और इरशाद खान के रूप में हुई है. दोनों राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले हैं. पुलिस ने बताया है कि वारदात में शामिल तीसरा आरोपी अभी भी फरार है.

बता दें कि मार्च में जिले के एडिशनल DCP के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया था. साथ ही कमिश्नर ने एक लाख का इनाम भी रखा था.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक घटना वाले दिन जब राम अवतार अपने घर से किसी काम से बाहार जा रहे थे. तभी उन्होंने दोनों आरोपियों को कार चोरी करते देख लिया था. राम अवतार ने जब चोरों को चोरी करते देखा तब उन्होंने एक आरोपी को थप्पड़ मार दिया था. जिसके बाद दूसरे आरोपी ने हेड कॉन्स्टेबल राम अवतार को गोली मार दी थी.

दरअसल, यह वारदात सितंबर 2018 को हुई. इसके बाद आरोपी फरार हो गए. कॉन्स्टेबल राम अवतार जैतपुर थाने के शक्ति विहार इलाके में रहते थे.

डीसीपी चिन्मय विस्वाल ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान 200 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया साथ ही पुलिस की कई टीमें बनाई गई लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी. फिर पुलिस ने मार्च में जिले के एडिशनल DCP के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया था. और कमिश्नर की तरफ से एक लाख का रिवॉर्ड भी रखा गया था.

हेड कॉन्स्टेबल के हत्या की गुथी पुलिस के लिए नाक का सवाल बना हुआ था. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर इस पूरे मामले में की जांच कर रही है.

Intro:बीते साल सितंबर महीने में दिल्ली के जैतपुर इलाके में हुए दिल्ली पुलिस में कार्यरत हेड कांस्टेबल की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है और इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चंद्रपाल उर्फ चन्दर और इरशाद खान के रूप में हुई है दोनों राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले हैं इस हत्या का खुलासा SIT ने की हैं । फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ कर आगे की जांच कर रही है पुलिस ने बताया है कि वारदात में शामिल तीसरा आरोपी अभी फरार है ।


Body:बीते वर्ष सितंबर महीने में जैतपुर थाना इलाके में राजस्थान निवासी राम रामअवतार मीना की हत्या हुई थी दरअसल 2003 में राम अवतार मीणा दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे और वह दिल्ली के साउथ जिले के अंबेडकर नगर थाने में तैनात थे वह अपनी ड्यूटी से वापस अपने घर जैतपुर इलाके में स्थित आए थे अपने घर से वह बीते साल 12 सितंबर को किसी काम बस निकले थे उसी दौरान उनकी हत्या हुई थी इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई थी लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी इस जांच में पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया था लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिल पाई थी पुलिस ने मार्च महीने में जिले के एडिशनल डीसीपी के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया गया था उसने इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाते हुए राजस्थान के रहने वाले चंद्रपाल और इरसाद खान को गिरफ्तार किया है हालांकि इस पूरे मामले में तीसरा आरोपी अभी फरार है

डीसीपी साउथ ईस्ट चिन्मय विस्वाल ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान 200 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया था लेकिन लोगों को सफल लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिल पाई थी इसी के लिए मार्च महीने में एडिशनल डीसीपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था और साथ ही पुलिस दिल्ली पुलिस कमिश्नर के द्वारा एक लाख का रिवॉर्ड भी रखा गया था इसी एसआईटी ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए इन दो आरोपीयो को गिरफ्तार किया गया है डीसीपी ने बताया कि घटना के दिन दोनों आरोपी का एक तीसरा साथी भी इनके साथ था तीनों मिलकर जैतपुर इलाके में बाइक चोरी करने के लिए आए हुए थे उसी दौरान हेड कॉस्टेबल रामअवतार मीणा ने इनकी संदिग्ध गतिविधियों को देखा और उनसे पूछताछ करनी शुरू करी तो उसी दौरान इन लोगों ने अपने पास रखे हुए देसी पिस्टल से रामअवतार मीणा को गोली मार दी और फिर वहां से फरार हो गए पुलिस को सूचना मिली थी जिसमें बताया गया था कि एक व्यक्ति को गोली लगी है और उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है बाद में पुलिस को जांच में पता चला था कि रामाअवतार मीना को गोली लगी है जो दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे और दक्षिणी जिले के अंबेडकर नगर थाने में बतौर हेड कांस्टेबल तैनात है फिर पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी ।

बाइट - चिन्मय विस्वाल (डीसीपी साउथ ईस्ट )


Conclusion:हेड कॉन्स्टेबल के हत्या की गुथी पुलिस के लिए नाक का सवाल बना हुआ था,इस हत्या के जांच के लिए मार्च महीने में जिले के एडिश्नल डीसीपी कुमार ज्ञानेश के नेतृत्व में एक SIT बनाई गई थी उसी SIT हत्या के इस गुथी को सुलझाते हुए दो अपराधियों को गिरफ्तार किया हैं ।इस केस के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर के द्वारा एक लाख का रिवॉर्ड भी रखा गया था ।
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