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अमेरिका लगा सकता है ईरान पर संवर्धित यूरेनियम को लेकर प्रतिबंध

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Published : May 4, 2019, 3:16 PM IST

अमेरिका ईरान पर संवर्धित यूरेनियम के निर्यात को लेकर प्रतिबंध लगा सकता है. इस सौदे को अब भी यूरोपीय शक्तियों से जोरदार समर्थन प्राप्त है.

हसन रूहानी और डोनाल्ड ट्रंप.

वॉशिंगटन: अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह ईरान पर संवर्धित यूरेनियम के निर्यात को लेकर प्रतिबंध लगाना शुरू करने वाला है. यूरेनियम के इस निर्यात को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से खारिज किए गए परमाणु समझौते के तहत स्वीकृति प्राप्त थी. हालांकि इस समझौते को जीवित रखने के लिए कुछ छूट दी गई है.

यह कदम परमाणु समझौते को लेकर ईरान की बढ़ती निराशा के बीच आया है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों का कहना है कि ईरान सौदे का पालन कर तो रहा है लेकिन इससे कोई खास आर्थिक प्रगति नहीं हुई है जबकि ट्रंप प्रशासन की ओर से अंधाधुंध प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.

पढ़ें: चीन को अजहर की आतंकी गतिविधियों के बारे में दिए गए थे अतिरिक्त साक्ष्य

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासन में 2015 में हुए इस समझौते के तहत ईरान को 3.67 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की 300 किलोग्राम मात्रा रखने तक सीमित किया गया है. यह मात्रा उस स्तर से बहुत नीचे है जो परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी होता है.

इस सौदे को अब भी यूरोपीय शक्तियों से जोरदार समर्थन प्राप्त है.

सौदे के तहत ईरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक यूरेनियम के बदले में तय सीमा से ऊपर संवर्धित यूरेनियम बेचना चाह रहा था जहां रूस मुख्य खरीददार होता.

लेकिन शुक्रवार को नीति में हुए बदलाव के बाद विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका संवर्धित यूरेनियम के बदले प्राकृतिक यूरेनियम लेन-देन के व्यापार में शामिल किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर देगा.

वॉशिंगटन: अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह ईरान पर संवर्धित यूरेनियम के निर्यात को लेकर प्रतिबंध लगाना शुरू करने वाला है. यूरेनियम के इस निर्यात को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से खारिज किए गए परमाणु समझौते के तहत स्वीकृति प्राप्त थी. हालांकि इस समझौते को जीवित रखने के लिए कुछ छूट दी गई है.

यह कदम परमाणु समझौते को लेकर ईरान की बढ़ती निराशा के बीच आया है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों का कहना है कि ईरान सौदे का पालन कर तो रहा है लेकिन इससे कोई खास आर्थिक प्रगति नहीं हुई है जबकि ट्रंप प्रशासन की ओर से अंधाधुंध प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.

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पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासन में 2015 में हुए इस समझौते के तहत ईरान को 3.67 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की 300 किलोग्राम मात्रा रखने तक सीमित किया गया है. यह मात्रा उस स्तर से बहुत नीचे है जो परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी होता है.

इस सौदे को अब भी यूरोपीय शक्तियों से जोरदार समर्थन प्राप्त है.

सौदे के तहत ईरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक यूरेनियम के बदले में तय सीमा से ऊपर संवर्धित यूरेनियम बेचना चाह रहा था जहां रूस मुख्य खरीददार होता.

लेकिन शुक्रवार को नीति में हुए बदलाव के बाद विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका संवर्धित यूरेनियम के बदले प्राकृतिक यूरेनियम लेन-देन के व्यापार में शामिल किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर देगा.

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