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ईरान: शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह को फरलो पर किया गया रिहा

शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह को फरलो पर रिहा किया गया है. ईरान ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कई और कैदियों को भी फरलो पर रिहा किया है.

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Published : Oct 5, 2020, 7:49 PM IST

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ईरान ने कोरोना के चलते कई कैदियों को किया रिहा

तेहरान : ईरान ने देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार एक प्रख्यात शोधकर्ता को अनिश्चितकाल के लिए फरलो पर रिहा किया है. शोधकर्ता के पास फ्रांस और ईरान की दोहरी नागरिकता है. शोधकर्ता के वकील ने यह जानकारी दी. बता दें, फरलो में कैदी को कुछ समय के लिए तय नियमों के तहत जेल से बरी किया जाता है.

फरलो पर पूरी तरह से नहीं किया गया बरी
वकील सईद देहगान ने बताया कि शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह को फरलो पर पूरी तरह से बरी नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें 'अगले आदेश तक' अनिश्चित काल के लिए फरलो दिया गया है. देहगान ने यह भी जानकारी दी कि अदेलखाह को शनिवार रात जेल से रिहा किया गया और तब से वह अपने बहन-बहनोई के यहां तेहरान में रुकी हैं. उन्हें फरलो पर रहते हुए एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पहनने की जरूरत है और इस दौरान उन्हें अपनी बहन के घर के 300 मीटर के दायरे में ही रहना होगा. देहगान ने कहा कि उन्हें इससे ज्यादा आजादी मिलनी चाहिए. उन्हें पूरी तरह रिहा किया जाना चाहिए.

पढ़ें: अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए

बढ़ते कोरोना को देखते हुए हजारों कैदियों को दिया गया फरलो
ईरान ने इस साल कोरोना वायरस महामारी के बीच संक्रमण के प्रसार को देखते हुए हजारों कैदियों को फरलो दिया है. अदेलखाह के वकील ने हालांकि, इस बारे में जानकारी नहीं दी कि क्या संक्रमण के प्रसार के डर से शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह को फरलो दिया गया है. ईरान के अधिकारियों ने भी इस पर जवाब नहीं दिया है. जून में ईरान की एक अपीली अदालत ने शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह को देश की सुरक्षा के खिलाफ चीजें संग्रहित करने के लिए पांच साल की सजा सुनाई थी. उन्हें इस्लामी व्यवस्था के खिलाफ गलत प्रचार के लिए भी एक साल की सजा सुनाई गई थी.

तेहरान : ईरान ने देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार एक प्रख्यात शोधकर्ता को अनिश्चितकाल के लिए फरलो पर रिहा किया है. शोधकर्ता के पास फ्रांस और ईरान की दोहरी नागरिकता है. शोधकर्ता के वकील ने यह जानकारी दी. बता दें, फरलो में कैदी को कुछ समय के लिए तय नियमों के तहत जेल से बरी किया जाता है.

फरलो पर पूरी तरह से नहीं किया गया बरी
वकील सईद देहगान ने बताया कि शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह को फरलो पर पूरी तरह से बरी नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें 'अगले आदेश तक' अनिश्चित काल के लिए फरलो दिया गया है. देहगान ने यह भी जानकारी दी कि अदेलखाह को शनिवार रात जेल से रिहा किया गया और तब से वह अपने बहन-बहनोई के यहां तेहरान में रुकी हैं. उन्हें फरलो पर रहते हुए एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पहनने की जरूरत है और इस दौरान उन्हें अपनी बहन के घर के 300 मीटर के दायरे में ही रहना होगा. देहगान ने कहा कि उन्हें इससे ज्यादा आजादी मिलनी चाहिए. उन्हें पूरी तरह रिहा किया जाना चाहिए.

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बढ़ते कोरोना को देखते हुए हजारों कैदियों को दिया गया फरलो
ईरान ने इस साल कोरोना वायरस महामारी के बीच संक्रमण के प्रसार को देखते हुए हजारों कैदियों को फरलो दिया है. अदेलखाह के वकील ने हालांकि, इस बारे में जानकारी नहीं दी कि क्या संक्रमण के प्रसार के डर से शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह को फरलो दिया गया है. ईरान के अधिकारियों ने भी इस पर जवाब नहीं दिया है. जून में ईरान की एक अपीली अदालत ने शोधकर्ता फरीबा अदेलखाह को देश की सुरक्षा के खिलाफ चीजें संग्रहित करने के लिए पांच साल की सजा सुनाई थी. उन्हें इस्लामी व्यवस्था के खिलाफ गलत प्रचार के लिए भी एक साल की सजा सुनाई गई थी.

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