ETV Bharat / international

क्या अमेरिका को हमले की सूचना पहले ही मिल गई थी ?

author img

By

Published : Jan 8, 2020, 5:48 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 6:07 PM IST

ईरान ने अमेरिकी सैनिकों पर जवाबी हमला किया है. हमला इराक स्थित अमेरिकी बेस पर किया गया था. ईरान ने इस हमले की सूचना इराक को दे दी थी. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं इराक ने इस जानकारी को अमेरिका के साथ साझा तो नहीं किया. क्योंकि अमेरिका का दावा है कि उसके कोई सैनिक हताहत नहीं हुए हैं. वैसे, स्वतंत्र स्रोतों से इसकी पुष्टि नहीं हुई है. जानें विस्तार से पूरी खबर.

iraq on iran
कॉन्सेप्ट इमेज

बगदाद : इराक के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि उसे ईरान से 'एक आधिकारिक मौखिक संदेश' मिला था, जिसमें इराक में मौजूद अमेरिकी बलों पर मिसाइल हमले की सूचना दी गई थी.

कार्यालय ने कहा, 'हमें ईरान इस्लामी गणराज्य से एक आधिकारिक मौखिक संदेश मिला कि कासिम सुलेमानी की हत्या के जवाब में कार्रवाई शुरू हो गई है या थोड़ी देर में शुरू हो सकती है, और ठिकानों का ब्योरा दिए बिना कहा गया कि हमला इराक स्थित अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों तक सीमित रहेगा.'

ईरान ने दागीं 22 मिसाइलें
ईरान ने अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए इराक स्थित अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर 22 मिसाइलें दागीं.

80 सैनिकों के मारे जाने का दावा
ड्रोन हमले में दावा किया जा रहा है कि ईरान ने अमेरिका के 80 सैनिकों को मार गिराया. हालांकि, उनके दावे से ठीक विपरीत अमेरिका ने किसी नुकसान को स्वीकार नहीं किया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं इराक ने् अमेरिका के साथ सूचना साझा तो नहीं किया.

इराक में सैनिकों को मेरीलैंड से अलर्ट किया गया
आधुनिक डिटेक्शन सिस्टम की मदद से अमेरिकी सैनिकों को पहले ही मिसाइल हमले की चेतावनी दे दी गई थी, जिससे वह अपने बंकर में जाकर छिप गए. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों को खतरे को लेकर अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के जरीए अलर्ट कर दिया गया था. बता दें, मिसाइलों की लॉन्चिंग को लेकर अमेरिका के मेरीलैंड में फोर्ट मेड बेस पर रियल टाइम में सूचनाएं जमा की जाती हैं.

ये भी पढ़ें : ईरान का दावा - हमले में 80 अमेरिकी सैनिकों की मौत

अमेरिकी सैनिकों को पहले दे दी गई थी सूचना
एक विदेशी अखबार के अनुसार, रक्षा सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि जब मिसाइलें 600 मील दूर थीं, तभी सैनिकों को वॉर्निंग मिल गई और वह अपने-अपने बंकरों में छिप चुके थे.

गौरतलब है कि ईरान ने स्थानीय समयानुसार बुधवार तड़के ऐन अल-असद और एरबिल बेस पर दर्जनभर मिसाइलें दागीं. वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने अमेर‍िकी सैन‍िकों के हताहत होने की खबर का खंडन किया.
इसके साथ ही सैन्य अधिकारी ने बताया है कि पेंटागन के अर्ली वॉर्निंग सिस्टम ने सैनिकों को संभावित खतरे को लेकर अलर्ट कर दिया था.

जानें अमेरिका कैसे सूचनाएं जुटाता है
ऐसी जानकारियां इकट्ठा करने वाला नैशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी का एक बेस मेरीलैंड में मौजूद है. डिफेंस स्पेशल मिसाइल ऐंड एरोस्पेस सेंटर ने अलग-अलग रेंज के सैटलाइट्स, रेडार और हीट डिटेक्शन का इस्तेमाल करते हुए बीती रात ईरान के मिसाइल हमले की खुफिया सूचनाएं जुटाई थीं.

बगदाद : इराक के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि उसे ईरान से 'एक आधिकारिक मौखिक संदेश' मिला था, जिसमें इराक में मौजूद अमेरिकी बलों पर मिसाइल हमले की सूचना दी गई थी.

कार्यालय ने कहा, 'हमें ईरान इस्लामी गणराज्य से एक आधिकारिक मौखिक संदेश मिला कि कासिम सुलेमानी की हत्या के जवाब में कार्रवाई शुरू हो गई है या थोड़ी देर में शुरू हो सकती है, और ठिकानों का ब्योरा दिए बिना कहा गया कि हमला इराक स्थित अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों तक सीमित रहेगा.'

ईरान ने दागीं 22 मिसाइलें
ईरान ने अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए इराक स्थित अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर 22 मिसाइलें दागीं.

80 सैनिकों के मारे जाने का दावा
ड्रोन हमले में दावा किया जा रहा है कि ईरान ने अमेरिका के 80 सैनिकों को मार गिराया. हालांकि, उनके दावे से ठीक विपरीत अमेरिका ने किसी नुकसान को स्वीकार नहीं किया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं इराक ने् अमेरिका के साथ सूचना साझा तो नहीं किया.

इराक में सैनिकों को मेरीलैंड से अलर्ट किया गया
आधुनिक डिटेक्शन सिस्टम की मदद से अमेरिकी सैनिकों को पहले ही मिसाइल हमले की चेतावनी दे दी गई थी, जिससे वह अपने बंकर में जाकर छिप गए. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों को खतरे को लेकर अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के जरीए अलर्ट कर दिया गया था. बता दें, मिसाइलों की लॉन्चिंग को लेकर अमेरिका के मेरीलैंड में फोर्ट मेड बेस पर रियल टाइम में सूचनाएं जमा की जाती हैं.

ये भी पढ़ें : ईरान का दावा - हमले में 80 अमेरिकी सैनिकों की मौत

अमेरिकी सैनिकों को पहले दे दी गई थी सूचना
एक विदेशी अखबार के अनुसार, रक्षा सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि जब मिसाइलें 600 मील दूर थीं, तभी सैनिकों को वॉर्निंग मिल गई और वह अपने-अपने बंकरों में छिप चुके थे.

गौरतलब है कि ईरान ने स्थानीय समयानुसार बुधवार तड़के ऐन अल-असद और एरबिल बेस पर दर्जनभर मिसाइलें दागीं. वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने अमेर‍िकी सैन‍िकों के हताहत होने की खबर का खंडन किया.
इसके साथ ही सैन्य अधिकारी ने बताया है कि पेंटागन के अर्ली वॉर्निंग सिस्टम ने सैनिकों को संभावित खतरे को लेकर अलर्ट कर दिया था.

जानें अमेरिका कैसे सूचनाएं जुटाता है
ऐसी जानकारियां इकट्ठा करने वाला नैशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी का एक बेस मेरीलैंड में मौजूद है. डिफेंस स्पेशल मिसाइल ऐंड एरोस्पेस सेंटर ने अलग-अलग रेंज के सैटलाइट्स, रेडार और हीट डिटेक्शन का इस्तेमाल करते हुए बीती रात ईरान के मिसाइल हमले की खुफिया सूचनाएं जुटाई थीं.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Jan 8, 2020, 6:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.