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ऊर्जा संकट गहराने के बीच बाइडेन ने कतर को बड़ा गैर-नाटो सहयोगी नामित किया

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कतर को एक बड़े गैर-नाटो सहयोगी के रूप में नामित किया है. यह कतर के लिए मुख्य रूप से एक सांकेतिक सम्मान है जो कतर द्वारा अफगानिस्तान से लोगों को निकालने और गाजा में पिछले साल के इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त करने में की गई सहायता के कारण उसका आभार प्रकट करने के लिए दिया गया है.

Biden names Qatar a major non-NATO ally
बाइडेन ने कतर को बताया प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी
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Published : Feb 1, 2022, 2:57 PM IST

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) ने मंगलवार को कतर को एक बड़े गैर-नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) सहयोगी के रूप में नामित किया. कतर के लिए मुख्य रूप से यह एक सांकेतिक सम्मान है, जो अफगानिस्तान से लोगों को निकालने और गाजा में पिछले साल के इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त करने में कतर द्वारा की गई सहायता के कारण उसका आभार प्रकट करने के लिए दिया गया है.

राष्ट्रपति बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कतर के सत्तारूढ़ नेता के साथ एक बैठक के बाद इस संबंध में घोषणा की. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण करने के खतरे के बीच यूरोप में ऊर्जा संकट गहराने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में बाइडेन पश्चिमी देशों की मदद करने लिए गैस समृद्ध देश कतर की ओर देख रहे हैं. बाइडेन ने कतर को बड़ा गैर-नाटो सहयोगी नामित करने की संसद को सूचना देने से कुछ घंटों पहले कहा था की, 'कतर एक अच्छा मित्र और एक विश्वसनीय साझेदार है.'

एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की 50 करोड़ डॉलर से अधिक की बिक्री के लिए अमेरिकी अनुमोदन प्राप्त करने की कतर की कोशिश को सफल बनाने में यह कदम मददगार साबित हो सकता है. यह अनुरोध साल 2020 से ही लंबित है.

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि ऊर्जा संकट की स्थिति में कतर द्वारा यूरोपीय सहयोगियों की मदद किए जाने की उम्मीद से इस कदम का कोई लेना-देना नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया में कतर से मिली मदद के लिए उसे गैर-नाटो सहयोगी नामित किया गया है. कतर यह दर्जा पाने वाला 18वां देश है.

यह भी पढ़ें-अमेरिकी संसद ने कोविड-19 संकट से निपटने के वैश्विक प्रयासों के लिए भारत की सराहना की

इससे पहले साल 2019 में ब्राजील को यह दर्जा दिया गया था. यह दर्जा प्राप्त करने वाला देश कुछ ऋण कार्यक्रमों का पात्र बन जाता है और उसे सैन्य बिक्री में प्राथमिकता के आधार पर आपूर्ति समेत रक्षा व्यापार और सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में लाभ मिलते हैं. इस अवसर पर कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने कहा, 'हम इन बेहतरीन संबंधों से बेहद खुश और गौरवान्वित हैं. हम हमारे क्षेत्र में शांति स्थापित करने के तरीके खोजने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.'

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) ने मंगलवार को कतर को एक बड़े गैर-नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) सहयोगी के रूप में नामित किया. कतर के लिए मुख्य रूप से यह एक सांकेतिक सम्मान है, जो अफगानिस्तान से लोगों को निकालने और गाजा में पिछले साल के इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त करने में कतर द्वारा की गई सहायता के कारण उसका आभार प्रकट करने के लिए दिया गया है.

राष्ट्रपति बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कतर के सत्तारूढ़ नेता के साथ एक बैठक के बाद इस संबंध में घोषणा की. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण करने के खतरे के बीच यूरोप में ऊर्जा संकट गहराने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में बाइडेन पश्चिमी देशों की मदद करने लिए गैस समृद्ध देश कतर की ओर देख रहे हैं. बाइडेन ने कतर को बड़ा गैर-नाटो सहयोगी नामित करने की संसद को सूचना देने से कुछ घंटों पहले कहा था की, 'कतर एक अच्छा मित्र और एक विश्वसनीय साझेदार है.'

एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की 50 करोड़ डॉलर से अधिक की बिक्री के लिए अमेरिकी अनुमोदन प्राप्त करने की कतर की कोशिश को सफल बनाने में यह कदम मददगार साबित हो सकता है. यह अनुरोध साल 2020 से ही लंबित है.

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि ऊर्जा संकट की स्थिति में कतर द्वारा यूरोपीय सहयोगियों की मदद किए जाने की उम्मीद से इस कदम का कोई लेना-देना नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया में कतर से मिली मदद के लिए उसे गैर-नाटो सहयोगी नामित किया गया है. कतर यह दर्जा पाने वाला 18वां देश है.

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इससे पहले साल 2019 में ब्राजील को यह दर्जा दिया गया था. यह दर्जा प्राप्त करने वाला देश कुछ ऋण कार्यक्रमों का पात्र बन जाता है और उसे सैन्य बिक्री में प्राथमिकता के आधार पर आपूर्ति समेत रक्षा व्यापार और सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में लाभ मिलते हैं. इस अवसर पर कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने कहा, 'हम इन बेहतरीन संबंधों से बेहद खुश और गौरवान्वित हैं. हम हमारे क्षेत्र में शांति स्थापित करने के तरीके खोजने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.'

(पीटीआई-भाषा)

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