तेल अवीव : इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा कि तेल अवीव संयुक्त राष्ट्र महासभा के युद्धविराम के आह्वान को अस्वीकार करता है. उन्होंने कहा कि दुनिया जिस तरह नाजियों और आईएसआईएस से निपट रही है. हम उसी तरह हमास को खत्म करना चाहता हैं. एली कोहेन का बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से शुक्रवार (स्थानीय समय) को गाजा में इजरायली बलों और हमास आतंकवादियों के बीच 'तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम' के लिए एक प्रस्ताव अपनाने के बाद आया है.
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We reject outright the UN General Assembly despicable call for a ceasefire.
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Israel intends to eliminate Hamas just as the world dealt with the Nazis and ISIS.
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— אלי כהן | Eli Cohen (@elicoh1) October 27, 2023
Israel intends to eliminate Hamas just as the world dealt with the Nazis and ISIS.We reject outright the UN General Assembly despicable call for a ceasefire.
— אלי כהן | Eli Cohen (@elicoh1) October 27, 2023
Israel intends to eliminate Hamas just as the world dealt with the Nazis and ISIS.
एक्स पर एक पोस्ट में कोहेन ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र महासभा के युद्धविराम के घृणित आह्वान को सिरे से खारिज करते हैं. बता दें कि जॉर्डन के नेतृत्व वाले मसौदा प्रस्ताव को महासभा में बहुमत से पारित किया गया. जिसके पक्ष में 120 वोट पड़े, विपक्ष में 14 वोट पड़े और 45 वोट अनुपस्थित रहे. प्रस्ताव पर मतदान से अनुपस्थित रहने वाले 45 देशों में आइसलैंड, भारत, पनामा, लिथुआनिया और ग्रीस शामिल थे.
यह प्रस्ताव इजराइल-फिलिस्तीन संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र के दौरान अपनाया गया था. यूएनजीए ने एन्क्लेव के अंदर फंसे नागरिकों के लिए जीवनरक्षक आपूर्ति और सेवाओं के 'निरंतर, पर्याप्त और निर्बाध' प्रावधान की भी मांग की.
यूएनजीए में मतदान ऐसे समय में हो रहा था जब इजराइल ने गाजा में जमीनी अभियान बढ़ाने की घोषणा की है. हालांकि, जॉर्डन की ओर से प्रस्तावित प्रस्ताव में 7 अक्टूबर के हमास आतंकवादी हमलों का कोई विशेष उल्लेख नहीं है. जॉर्डन समर्थित मसौदा प्रस्ताव को रूस, संयुक्त अरब अमीरात सहित 40 देशों, पाकिस्तान और बांग्लादेश की ओर समर्थन मिला था.