इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की करीबी सहयोगी शिरीन मजारी को जेल से रिहा करने का आदेश दिया. हालांकि पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता और हजारों कार्यकर्ता नौ मई के विरोध प्रदर्शन के बाद से हिरासत में हैं. अदालत की रावलपिंडी पीठ के न्यायमूर्ति चौधरी अब्दुल अजीज ने मजारी को रिहा करने का आदेश जारी किया.
मजारी ने 2018 से 2022 तक मानवाधिकार मंत्री के रूप में कार्य किया और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के खिलाफ हिंसा को लेकर कार्रवाई शुरू होने के बाद उन्हें 12 मई को इस्लामाबाद में गिरफ्तार किया गया था. मजारी की बेटी इमान मजारी-हजीर ने उनकी गिरफ्तारी को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि 57 वर्षीय मजारी को किसी भी मामले में नामजद नहीं होने पर मुक्त किया जाना चाहिए और पूर्व मंत्री को उपायुक्त को एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया कि वह भविष्य में ऐसी किसी भी विघटनकारी गतिविधि में शामिल नहीं होंगी. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कब जेल से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी, क्योंकि नौ मई की हिंसा में कथित भूमिका के लिए पीटीआई के विभिन्न नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस द्वारा कई मामले दर्ज किए गए हैं.
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मजारी की बेटी ने मीडिया को बताया कि पूर्व मंत्री को हफ्ते में तीन बार गिरफ्तार किया गया लेकिन अदालत ने अपने फैसले में उन्हें रिहा करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए और इस तरह घरों को बर्बाद नहीं करना चाहिए. मजारी-हजीर ने 70 वर्षीय खान पर भी यह कहते हुए निशाना साधा कि यह अफ़सोस की बात है कि पार्टी प्रमुख इमरान खान कार्यकर्ताओं और नेताओं को भूल गए हैं.
(पीटीआई-भाषा)