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'ब्रिक्स वार्ता में भागीदारी को एक सदस्य ने अवरुद्ध किया'

पाकिस्तान (Pakistan) ने ब्रिक्स के हालिया शिखर सम्मेलन को लेकर बयान दिया है. पाकिस्तान ने कहा कि 'एक सदस्य ने पाकिस्तान की भागीदारी को अवरुद्ध कर दिया.' हालांकि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने किसी देश का नाम नहीं लिया.

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Published : Jun 27, 2022, 7:42 PM IST

इस्लामाबाद/बीजिंग : पाकिस्तान ने सोमवार को आरोप लगाया कि ब्रिक्स के 'एक सदस्य' ने चीन द्वारा आयोजित समूह के हालिया शिखर सम्मेलन के इतर आयोजित एक डिजिटल बैठक में उसकी भागीदारी को अवरुद्ध कर दिया. विदेश कार्यालय ने कहा कि इस साल ब्रिक्स देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के 14वें शिखर सम्मेलन में वैश्विक विकास पर एक उच्च स्तरीय वार्ता के इतर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में कई विकासशील/उभरती अर्थव्यवस्थाओं को आमंत्रित किया गया.

पाकिस्तान ने कहा कि मेजबान देश चीन की ब्रिक्स बैठकों से पहले से ही पाकिस्तान के साथ भागीदारी है. ब्रिक्स की बैठकों में गैर-सदस्यों को आमंत्रित करने सहित सभी निर्णय ब्रिक्स सदस्यों के साथ परामर्श के बाद लिए जाते हैं. विदेश कार्यालय ने कहा, 'अफसोस की बात है कि एक सदस्य ने पाकिस्तान की भागीदारी को अवरुद्ध कर दिया.'

हालांकि, विदेश कार्यालय ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों के इतिहास को देखते हुए वह परोक्ष रूप से भारत की ओर इशारा कर रहा था. पाकिस्तान ने आशा व्यक्त की कि समूह के भविष्य के निर्णय 'समावेशिता' पर आधारित होंगे. विदेश कार्यालय ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि संगठन की भविष्य की भागीदारी विकासशील दुनिया के समग्र हितों को ध्यान में रखते हुए और संकीर्ण भू-राजनीतिक विचारों से परे समावेशिता के सिद्धांतों पर आधारित होगी.'

चीन की तरफ से ये आया बयान : कार्यक्रम में पाकिस्तान की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'वैश्विक विकास पर उच्च स्तरीय वार्ता आयोजित करने का निर्णय ब्रिक्स देशों के बीच परामर्श पर आधारित था.' उन्होंने कहा, 'चीन और पाकिस्तान हमेशा के लिए रणनीतिक सहयोगी साझेदार हैं. पाकिस्तान वैश्विक विकास पहल के दोस्तों के समूह का एक महत्वपूर्ण सदस्य है. चीन वैश्विक विकास को बढ़ावा देने और सतत विकास तथा क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र 2030 के एजेंडे के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका को बहुत महत्व देता है.'

विदेश कार्यालय के अनुसार पाकिस्तान वैश्विक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए ब्रिक्स सदस्यों सहित सभी विकासशील देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है. पाकिस्तान ने ब्रिक्स बैठकों की सफल मेजबानी पर चीन को बधाई दी और विकासशील देशों के हितों को बढ़ावा देने में उसकी भूमिका की सराहना की. इस बीच, सोमवार को मीडिया की एक खबर में कहा गया कि पाकिस्तान जी-20 समूह से संपर्क कर भारत को कश्मीर में किसी भी कार्यक्रम या बैठक को आयोजित करने से रोकने की कोशिश करेगा. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए विशेष रूप से चीन, तुर्की और सऊदी अरब जैसे देशों से संपर्क करेगा. वह अमेरिका, ब्रिटेन और जी20 के अन्य सदस्यों से भी बात करेगा.

पढ़ें- ब्रिक्स का आपसी सहयोग पोस्ट-कोविड रिकवरी में उपयोगी योगदान दे सकता है: मोदी

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद/बीजिंग : पाकिस्तान ने सोमवार को आरोप लगाया कि ब्रिक्स के 'एक सदस्य' ने चीन द्वारा आयोजित समूह के हालिया शिखर सम्मेलन के इतर आयोजित एक डिजिटल बैठक में उसकी भागीदारी को अवरुद्ध कर दिया. विदेश कार्यालय ने कहा कि इस साल ब्रिक्स देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के 14वें शिखर सम्मेलन में वैश्विक विकास पर एक उच्च स्तरीय वार्ता के इतर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में कई विकासशील/उभरती अर्थव्यवस्थाओं को आमंत्रित किया गया.

पाकिस्तान ने कहा कि मेजबान देश चीन की ब्रिक्स बैठकों से पहले से ही पाकिस्तान के साथ भागीदारी है. ब्रिक्स की बैठकों में गैर-सदस्यों को आमंत्रित करने सहित सभी निर्णय ब्रिक्स सदस्यों के साथ परामर्श के बाद लिए जाते हैं. विदेश कार्यालय ने कहा, 'अफसोस की बात है कि एक सदस्य ने पाकिस्तान की भागीदारी को अवरुद्ध कर दिया.'

हालांकि, विदेश कार्यालय ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों के इतिहास को देखते हुए वह परोक्ष रूप से भारत की ओर इशारा कर रहा था. पाकिस्तान ने आशा व्यक्त की कि समूह के भविष्य के निर्णय 'समावेशिता' पर आधारित होंगे. विदेश कार्यालय ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि संगठन की भविष्य की भागीदारी विकासशील दुनिया के समग्र हितों को ध्यान में रखते हुए और संकीर्ण भू-राजनीतिक विचारों से परे समावेशिता के सिद्धांतों पर आधारित होगी.'

चीन की तरफ से ये आया बयान : कार्यक्रम में पाकिस्तान की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'वैश्विक विकास पर उच्च स्तरीय वार्ता आयोजित करने का निर्णय ब्रिक्स देशों के बीच परामर्श पर आधारित था.' उन्होंने कहा, 'चीन और पाकिस्तान हमेशा के लिए रणनीतिक सहयोगी साझेदार हैं. पाकिस्तान वैश्विक विकास पहल के दोस्तों के समूह का एक महत्वपूर्ण सदस्य है. चीन वैश्विक विकास को बढ़ावा देने और सतत विकास तथा क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र 2030 के एजेंडे के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका को बहुत महत्व देता है.'

विदेश कार्यालय के अनुसार पाकिस्तान वैश्विक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए ब्रिक्स सदस्यों सहित सभी विकासशील देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है. पाकिस्तान ने ब्रिक्स बैठकों की सफल मेजबानी पर चीन को बधाई दी और विकासशील देशों के हितों को बढ़ावा देने में उसकी भूमिका की सराहना की. इस बीच, सोमवार को मीडिया की एक खबर में कहा गया कि पाकिस्तान जी-20 समूह से संपर्क कर भारत को कश्मीर में किसी भी कार्यक्रम या बैठक को आयोजित करने से रोकने की कोशिश करेगा. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए विशेष रूप से चीन, तुर्की और सऊदी अरब जैसे देशों से संपर्क करेगा. वह अमेरिका, ब्रिटेन और जी20 के अन्य सदस्यों से भी बात करेगा.

पढ़ें- ब्रिक्स का आपसी सहयोग पोस्ट-कोविड रिकवरी में उपयोगी योगदान दे सकता है: मोदी

(पीटीआई-भाषा)

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