इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने एक 'आर्थिक पुनरुद्धार योजना' पेश की है, जिसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे- CPEC से बड़ा बताया जा रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, योजना मुख्य रूप से खाड़ी देशों से स्थानीय विकास और विदेशी निवेश के माध्यम से प्रमुख क्षेत्रों में देश की अप्रयुक्त क्षमता का दोहन करने पर केंद्रित है. एक प्रमुख कैबिनेट मंत्री ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया, यह आर्थिक सुधार परियोजना- SIFC , सीपीईसी की तुलना में एक बड़ी आर्थिक परियोजना साबित होगी.
मंत्री ने कहा, परियोजना पाकिस्तान के विकास के लिए एक गेम चेंजर है. उन्होंने कहा, खाड़ी देशों से निवेश आएगा और परियोजनाओं के समन्वय में सेना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक सूत्र के हवाले से बताया, अगर यह SIFC project 2035 तक पूरी हो जाती है, तो पाकिस्तान 1 Trillion dollar economy बन सकता है. नई योजना की घोषणा CPEC Deal पर हस्ताक्षर की 10वीं वर्षगांठ के कुछ दिन पहले की गई है, जिसे गेम चेंजर परियोजना के रूप में भी करार दिया गया.
इस परियोजना पर तत्कालीन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार के दौरान 5 जुलाई, 2013 को हस्ताक्षर किए गए थे. हालांकि, अब तक, इस्लामाबाद द्वारा अपनी विभिन्न प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहने के कारण 62 बिलियन डॉलर की नियोजित राशि में से 25 बिलियन डॉलर से कम चीनी निवेश किया गया है. सूत्र ने कहा, एसआईएफसी के तहत, अगले चार से पांच वर्षो में 15 से 20 मिलियन लोगों को सीधे रोजगार के अवसर और अन्य 75 से 100 मिलियन लोगों को अप्रत्यक्ष नौकरी के अवसर प्रदान किए जाएंगे.
इसके साथ ही, SIFC Project अगले चार से पांच वर्षो में 70 अरब डॉलर का निर्यात और समान राशि का आयात प्रतिस्थापन उत्पन्न करेगी. SIFC Project से पाकिस्तान का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी 100 बिलियन डॉलर बढ़ जाएगा. अपने भाषण में, जनरल असीम मुनीर ने पुनरुद्धार योजना के लिए सरकार के प्रयासों के पूरक के लिए सेना के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया, जिसे पाकिस्तानियों की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के लिए मौलिक माना जाता है.
(आईएएनएस)