इस्लामाबाद : पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former PM Imran Khan) को निर्वाचन आयोग के समक्ष मंगलवार को पेश करने से इनकार कर दिया और इसके लिए उन्हें सुरक्षा खतरों का हवाला दिया. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष तथा असद उमर और फवाद चौधरी सहित पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रहा है. उमर और चौधरी आयोग के समक्ष पेश हुए, जबकि खान का प्रतिनिधित्व उनके वकील सोएब शाहीन ने किया.
सुनवाई के दौरान, पंजाब पुलिस ने निर्वाचन आयोग को बताया कि सुरक्षा खतरों को लेकर खान (71) को पेश करना संभव नहीं था, जो गोपनीय राजनयिक दस्तावेज लीक मामले में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं. पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने गृह मंत्रालय की ओर से आयोग को बताया कि खान की जान को खतरा है. उन्होंने कहा, 'उन्होंने खुद इसे जाहिर किया है.' आयोग के सदस्यों ने अधिकारी से कहा, 'क्या आप आश्वस्त हैं कि वह ठीक हैं?'
आयोग जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और पूछा कि देश की सुरक्षा एजेंसियां यदि एक व्यक्ति को पर्याप्त सुरक्षा देने में अक्षम है तो वह आगामी आम चुनावों के दौरान सुरक्षा कैसे मुहैया कर सकती है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सुझाव दिया कि आयोग को अडियाला जेल में मामले की सुनवाई करनी चाहिए. आयोग ने कहा, 'आप हमें अडियाला में सुनवाई करने का आदेश कैसे दे सकते हैं? यदि गृह मंत्रालय एक व्यक्ति को सुरक्षा नहीं दे सकता है तो हम चुनाव कैसे कराएंगे.'
निर्वाचन आयोग ने गृह सचिव आफताब अकबर दुर्रानी को तलब करने का फैसला किया और सुनवाई 13 नवंबर के लिए मुल्तवी कर दी. खान को सरकारी गोपनीयता अधिनियम के कथित उल्लंघन को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. उन पर पिछले साल मार्च में वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास से भेजे गए एक गोपनीय राजनयिक दस्तावेज को लीक करने का आरोप है. इस बीच, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने राजनयिक दस्तावेज लीक मामले में जेल में सुनवाई के खिलाफ खान की अपील खारिज कर दी है.
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