प्योंगयांग : उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात की है. कोविड-19 महामारी के बाद किसी विदेशी मेहमान के साथ उनकी पहली बैठक है. उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया ने गुरुवार को इस बैठक के बारे में जानकारी दी है. बताया गया कि किम और शोइगु ने रक्षा और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 'आपसी चिंता के मामलों' पर चर्चा की.
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North Korea is hosting senior Chinese and Russian delegations for 70th anniversary commemorations of the Korean War https://t.co/yvPlA2NyA1 pic.twitter.com/PQeVDhRZ8x
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आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के संक्षिप्त नाम का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों व्यक्तियों के बीच बैठक 'नई सदी की आवश्यकता के अनुसार रणनीतिक और पारंपरिक डीपीआरके-रूस संबंधों को और विकसित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर' थी.
केसीएनए ने कहा कि शोइगु ने किम को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक पत्र भी दिया. किम ने शोइगु के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए पुतिन को धन्यवाद दिया. जिन्होंने उत्तर कोरियाई रक्षा मंत्री कांग सुन नाम के साथ भी बातचीत की. शोइगू की प्योंगयांग यात्रा, तीन वर्षों में किसी विदेशी गणमान्य व्यक्ति की पहली ज्ञात यात्रा है. इस समय में उत्तर कोरिया 1950-53 के कोरियाई युद्ध में शत्रुता समाप्त करने वाले युद्धविराम की 70वीं वर्षगांठ मना रहा है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य ली होंगजोंग सहित एक चीनी प्रतिनिधिमंडल ने भी समारोह के लिए प्योंगयांग का दौरा किया.
जानकारी के मुताबिक, इस तारीख को मनाने के लिए गुरुवार को राजधानी में एक बड़ी सैन्य परेड आयोजित की जायेगी. उत्तर कोरिया पर शासन करने वाले अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के किम ने अतीत में परमाणु-सक्षम मिसाइलों सहित अपने शासन के नवीनतम हथियारों को प्रदर्शित करने के लिए ऐसे आयोजनों का उपयोग किया है. रूस और चीन उन कुछ देशों में है जिनके उत्तर कोरिया के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों और मिसाइलों के परीक्षण के कारण अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग है.
उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में युद्ध पर रूस का समर्थन किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने किम शासन पर यूक्रेन में रूसी सेना को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया है, जिसे प्योंगयांग ने खारिज कर दिया है. मॉस्को और बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने हथियार कार्यक्रमों को लेकर प्योंगयांग के खिलाफ प्रतिबंध कड़े करने के पश्चिमी प्रयासों को बार-बार अवरुद्ध किया है.
(एजेंसियां)