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Nazi Soldier In Canada Parliament: रूस ने कनाडा पर किया कटाक्ष, कहा 'कनाडा नाज़ियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह' - नाजी सैनिक यारोस्लाव हुंका

कनाडा की संसद में सोमवार को एक नाजी सैनिक को सम्मानित करने के बाद कनाडा पर चारों ओर से हमले हो रहे हैं. अब रूस ने भी उस पर कटाक्ष किया है. बता दें कि इस घटना के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने माफी मांगी.

Nazi soldiers in the Parliament of Canada
कनाडा की संसद में नाजी सैनिक
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 25, 2023, 10:46 PM IST

नई दिल्ली: रूस ने सोमवार को अपनी संसद में नाजी सैनिक यारोस्लाव हुंका को सम्मानित करने के लिए कनाडा पर कटाक्ष किया. रूस ने कहा कि कनाडा नाजियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह रहा है और बना हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, कनाडा में रूसी दूतावास ने घोषणा की थी कि वे अपनी संसद में एसएस डिवीजन गैलिसिया में सेवा करने वाले एक यूक्रेनी नाजी को सम्मानित करने के लिए कनाडाई विदेश मंत्रालय और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय को एक नोट भेजेंगे.

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, 'कनाडा न केवल यूक्रेनी नाज़ियों के लिए स्वर्ग रहा है और रहेगा. अज्ञानता के लिए माफ़ी मांगना हास्यास्पद है, जबकि खड़े होकर किया गया अभिनंदन सब कुछ बता देता है. भगवान का शुक्र है कि ज़ेलेंस्की के दादाजी ने यह नहीं देखा कि उनका पोता क्या बन गया है. घिनौना.'

  • Canada has been and remains a safe heaven for Ukrainian Nazis and not only them. Apologies for ignorance are ridiculous while standing ovation tells it all. Thank God Zelensky’s grandfather does not see what his grandchild has become. Disgusting!🤮 pic.twitter.com/eqO5EM4jgk

    — Denis Alipov 🇷🇺 (@AmbRus_India) September 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अलीपोव की टिप्पणी भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद के बीच भी आई है, जब जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय सरकार पर खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. इस बीच कनाडा की संसद में नाजी सैनिक को सम्मानित किए जाने को लेकर कनाडा में रूस के राजदूत ओलेग स्टेपानोव ने कहा कि दूतावास इस प्रकरण पर स्पष्टीकरण मांगेगा.

उन्होंने कहा कि दूतावास कनाडाई विदेश मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय को एक नोट भेजकर स्पष्टीकरण मांग रहा है. नूर्नबर्ग ट्रिब्यूनल के निर्णयों द्वारा एसएस को एक आपराधिक संगठन के रूप में मान्यता दी गई है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का एक अभिन्न अंग है. इस आपराधिक समुदाय के एक सदस्य को सम्मानित करके, कनाडाई कैबिनेट और संसद सदस्यों ने न केवल नैतिक बल्कि कानूनी मानदंडों का भी उल्लंघन किया.

  • 09/22 🇨🇦&🇺🇦 leadership at @OurCommons cheered a member of Waffen-SS Galizien, notorious #UA military formation of #WW2 responsible for murdering thousands of Poles & Jews.

    🇵🇱 best ally 🇺🇦 has, will never agree on whitewashing such villains! As 🇵🇱 Amb. to 🇨🇦 I expect an apology. pic.twitter.com/j6EkVWGg1d

    — Witold Dzielski (@WitoldDzielski) September 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले सोमवार को कनाडा में पोलिश राजदूत विटोल्ड डिज़िल्स्की ने नाजी सैनिक को सम्मानित करने के लिए जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार से माफी की मांग की. डिज़िल्स्की ने एक ट्वीट में कहा कि 09/22 हाउस ऑफ कॉमन्स में कनाडा और यूक्रेनी नेतृत्व ने द्वितीय विश्व युद्ध के कुख्यात यूए सैन्य गठन वेफेन-एसएस गैलिज़ियन के एक सदस्य की जय-जयकार की, जो हजारों डंडों और यहूदियों की हत्या के लिए जिम्मेदार था.

उन्होंने आगे कहा कि पोलैंड, जो यूक्रेन का सबसे अच्छा सहयोगी है, ऐसे खलनायकों का सफाया करने पर कभी सहमत नहीं होगा. कनाडा में राजदूत के रूप में, मैं माफ़ी की उम्मीद करता हूं. गौरतलब है कि 22 सितंबर को कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स ने द्वितीय विश्व युद्ध के नाजी सैनिक 98 वर्षीय यारोस्लाव हंका को स्टैंडिंग ओवेशन दिया था. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की उपस्थिति में उन्हें सम्मानित किया गया.

श्रीलंकाई दूत ने किया भारत का समर्थन

ट्रूडो के आरोप के बाद भारत-कनाडा राजनयिक विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारत में निवर्तमान श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने सोमवार को भारत के रुख पर समर्थन बढ़ाया और कहा कि कोलंबो में आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता है. यहां राष्ट्रीय राजधानी में फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब साउथ एशिया में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीलंकाई दूत ने कहा, 'भारत की प्रतिक्रिया दृढ़ और सीधी है, हम भारत का समर्थन करते हैं.'

उन्होंने कहा, 'पिछले चार दशकों में श्रीलंका आतंकवाद के विभिन्न रूपों से पीड़ित रहा है और इसलिए हम आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता रखते हैं.' अपने देश के आर्थिक संकट से जूझने पर, भारत में श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने कहा कि 'यदि भारत नहीं होता, तो हम स्थिर नहीं हो पाते.' उन्होंने कहा, 'पुनर्प्राप्ति में भी, भारत महत्वपूर्ण बन गया है, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था को पर्यटन, व्यापार की आवश्यकता होगी और हमें अपनी आय की रेखा में विविधता लाने की आवश्यकता होगी और भारत उस संदर्भ में महत्वपूर्ण है.

मोरागोडा ने कहा कि भारत सर्वोत्तम अवसर प्रदान करता है...अगले साल मार्च तक हमें व्यापार पक्ष की कुछ समझ होगी. ट्रूडो द्वारा भारत पर गंभीर आरोप लगाने के बाद फिलहाल भारत-कनाडा संबंध सबसे निचले स्तर पर हैं. उन्होंने भारत पर खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया. भारत ने एक साहसिक कदम उठाते हुए ऐसे आरोपों को बेतुका और प्रेरित करार देते हुए पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया.

नई दिल्ली: रूस ने सोमवार को अपनी संसद में नाजी सैनिक यारोस्लाव हुंका को सम्मानित करने के लिए कनाडा पर कटाक्ष किया. रूस ने कहा कि कनाडा नाजियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह रहा है और बना हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, कनाडा में रूसी दूतावास ने घोषणा की थी कि वे अपनी संसद में एसएस डिवीजन गैलिसिया में सेवा करने वाले एक यूक्रेनी नाजी को सम्मानित करने के लिए कनाडाई विदेश मंत्रालय और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय को एक नोट भेजेंगे.

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, 'कनाडा न केवल यूक्रेनी नाज़ियों के लिए स्वर्ग रहा है और रहेगा. अज्ञानता के लिए माफ़ी मांगना हास्यास्पद है, जबकि खड़े होकर किया गया अभिनंदन सब कुछ बता देता है. भगवान का शुक्र है कि ज़ेलेंस्की के दादाजी ने यह नहीं देखा कि उनका पोता क्या बन गया है. घिनौना.'

  • Canada has been and remains a safe heaven for Ukrainian Nazis and not only them. Apologies for ignorance are ridiculous while standing ovation tells it all. Thank God Zelensky’s grandfather does not see what his grandchild has become. Disgusting!🤮 pic.twitter.com/eqO5EM4jgk

    — Denis Alipov 🇷🇺 (@AmbRus_India) September 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अलीपोव की टिप्पणी भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद के बीच भी आई है, जब जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय सरकार पर खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. इस बीच कनाडा की संसद में नाजी सैनिक को सम्मानित किए जाने को लेकर कनाडा में रूस के राजदूत ओलेग स्टेपानोव ने कहा कि दूतावास इस प्रकरण पर स्पष्टीकरण मांगेगा.

उन्होंने कहा कि दूतावास कनाडाई विदेश मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय को एक नोट भेजकर स्पष्टीकरण मांग रहा है. नूर्नबर्ग ट्रिब्यूनल के निर्णयों द्वारा एसएस को एक आपराधिक संगठन के रूप में मान्यता दी गई है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का एक अभिन्न अंग है. इस आपराधिक समुदाय के एक सदस्य को सम्मानित करके, कनाडाई कैबिनेट और संसद सदस्यों ने न केवल नैतिक बल्कि कानूनी मानदंडों का भी उल्लंघन किया.

  • 09/22 🇨🇦&🇺🇦 leadership at @OurCommons cheered a member of Waffen-SS Galizien, notorious #UA military formation of #WW2 responsible for murdering thousands of Poles & Jews.

    🇵🇱 best ally 🇺🇦 has, will never agree on whitewashing such villains! As 🇵🇱 Amb. to 🇨🇦 I expect an apology. pic.twitter.com/j6EkVWGg1d

    — Witold Dzielski (@WitoldDzielski) September 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले सोमवार को कनाडा में पोलिश राजदूत विटोल्ड डिज़िल्स्की ने नाजी सैनिक को सम्मानित करने के लिए जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार से माफी की मांग की. डिज़िल्स्की ने एक ट्वीट में कहा कि 09/22 हाउस ऑफ कॉमन्स में कनाडा और यूक्रेनी नेतृत्व ने द्वितीय विश्व युद्ध के कुख्यात यूए सैन्य गठन वेफेन-एसएस गैलिज़ियन के एक सदस्य की जय-जयकार की, जो हजारों डंडों और यहूदियों की हत्या के लिए जिम्मेदार था.

उन्होंने आगे कहा कि पोलैंड, जो यूक्रेन का सबसे अच्छा सहयोगी है, ऐसे खलनायकों का सफाया करने पर कभी सहमत नहीं होगा. कनाडा में राजदूत के रूप में, मैं माफ़ी की उम्मीद करता हूं. गौरतलब है कि 22 सितंबर को कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स ने द्वितीय विश्व युद्ध के नाजी सैनिक 98 वर्षीय यारोस्लाव हंका को स्टैंडिंग ओवेशन दिया था. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की उपस्थिति में उन्हें सम्मानित किया गया.

श्रीलंकाई दूत ने किया भारत का समर्थन

ट्रूडो के आरोप के बाद भारत-कनाडा राजनयिक विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारत में निवर्तमान श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने सोमवार को भारत के रुख पर समर्थन बढ़ाया और कहा कि कोलंबो में आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता है. यहां राष्ट्रीय राजधानी में फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब साउथ एशिया में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीलंकाई दूत ने कहा, 'भारत की प्रतिक्रिया दृढ़ और सीधी है, हम भारत का समर्थन करते हैं.'

उन्होंने कहा, 'पिछले चार दशकों में श्रीलंका आतंकवाद के विभिन्न रूपों से पीड़ित रहा है और इसलिए हम आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता रखते हैं.' अपने देश के आर्थिक संकट से जूझने पर, भारत में श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने कहा कि 'यदि भारत नहीं होता, तो हम स्थिर नहीं हो पाते.' उन्होंने कहा, 'पुनर्प्राप्ति में भी, भारत महत्वपूर्ण बन गया है, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था को पर्यटन, व्यापार की आवश्यकता होगी और हमें अपनी आय की रेखा में विविधता लाने की आवश्यकता होगी और भारत उस संदर्भ में महत्वपूर्ण है.

मोरागोडा ने कहा कि भारत सर्वोत्तम अवसर प्रदान करता है...अगले साल मार्च तक हमें व्यापार पक्ष की कुछ समझ होगी. ट्रूडो द्वारा भारत पर गंभीर आरोप लगाने के बाद फिलहाल भारत-कनाडा संबंध सबसे निचले स्तर पर हैं. उन्होंने भारत पर खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया. भारत ने एक साहसिक कदम उठाते हुए ऐसे आरोपों को बेतुका और प्रेरित करार देते हुए पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया.

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