वाशिंगटन: अमेरिका के विशेष दूत डेबोरा लिपस्टैड ने रूस में इजरायलियों और यहूदियों को धमकी देने वाले हिंसक विरोध प्रदर्शन की निंदा की है. उन्होंने यहूदी विरोधी भावना की निगरानी करने के लिए रूसी अधिकारियों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया है. एक्स पर साझा की गई एक पोस्ट में लिपस्टैड ने कहा कि अमेरिका इजरायल और पूरे यहूदी समुदाय के साथ खड़ा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यहूदियों को निशाना बनाने या यहूदी-विरोधी उकसावे में शामिल होने का कोई बहाना नहीं है.
डेबोरा लिपस्टैड ने कहा,'अमेरिका इजरायल और पूरे यहूदी समुदाय के साथ खड़ा है क्योंकि हम दुनिया भर में यहूदी विरोधी भावना में वृद्धि देख रहे हैं. यहूदियों को निशाना बनाने या कहीं भी यहूदी विरोधी उकसावे में शामिल होने का कोई बहाना नहीं है.' टाइम्स ऑफ इजराइल ने कई रिपोर्टों का हवाला देते हुए बताया कि उनका बयान तब आया है जब फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हवाई अड्डे पर धावा बोल
इजरायलियों के आगमन पर हमला करने की कोशिश कर रहे थे. इसके बाद इजराइल से रूस के दागेस्तान जाने वाली एक उड़ान को मखचकाला की राजधानी में अपने इच्छित गंतव्य से डायवर्ट कर दिया गया था. उड़ान एक वैकल्पिक हवाई अड्डे पर उतरी. हालांकि, यात्रियों को वहां दंगों का भी सामना करना पड़ा. यात्रियों को विमान में रहने के लिए कहा गया था और उनकी सुरक्षा के लिए दंगा पुलिस को साइट पर बुलाया गया था. एक विजुअल में उड़ान के बारे में जानने के बाद भीड़ को हवाई अड्डे के टर्मिनल पर उग्र होते हुए दिखाया गया. भीड़ में अधिकतर फिलिस्तीनी प्रवासी शामिल थे.
कथित यहूदी शरणार्थियों की तलाश में रविवार को माखचकाला में नाराज प्रदर्शनकारियों की एक बड़ी भीड़ हवाई अड्डे पर एकत्र हुई. जल्द ही हवाई अड्डे पर दंगा पुलिस तैनात कर दी गई. आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, 'ऑनलाइन प्रसारित हो रहे दृश्यों के अनुसार, भीड़ ने हवाईअड्डे के सुरक्षा क्षेत्र को तोड़ दिया और यहां तक कि रनवे पर भी पहुंच गई, जिससे परिचालन प्रभावित हुआ. भीड़ को हवाई अड्डे पर बेतरतीब लोगों से 'पूछताछ' करते हुए फिल्माया गया ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि वे यहूदी थे या नहीं.