न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक महत्वपूर्ण कदम में गाजा में मानवतावादी गतिविधियों के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बुधवार को आयोजित सत्र के दौरान प्रस्ताव को बारह राष्ट्रों से समर्थन मिला. वहीं, अमेरिका, रूस और ब्रिटेन ने मतदान से दूर रहने का फैसला किया. प्रस्ताव का मूल उद्देश्य विशुद्ध रूप से मानवीय उद्देश्यों के लिए शत्रुता की अस्थायी समाप्ति और तुरंत मानवीय सहायता की बहाली है.
अपनाए गए प्रस्ताव के तहत अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुरूप गाजा पट्टी में पर्याप्त दिनों के लिए तुरंत मानवीय सहायता एवं अन्य सुविधाओं की आवश्यकताओं पर जोर दिया गया है. ह्यूमन राइट्स वॉच ने प्रस्ताव का स्वागत किया और इसे इजरायल, हमास और अन्य सशस्त्र समूहों के लिए एक दुर्लभ और शक्तिशाली संदेश बताया.
ह्यूमन राइट्स वॉच के संयुक्त राष्ट्र निदेशक लुइस चार्बोन्यू ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इजरायल, हमास और अन्य सशस्त्र समूहों को एक दुर्लभ और शक्तिशाली संदेश भेजा है कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुपालन पर समझौता नहीं किया जा सकता है.' अब तक, सभी दलों द्वारा नागरिकों की व्यापक उपेक्षा की गई है.
यह इजरायली अधिकारियों के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए कि वैश्विक चिंता, यहां तक कि उसके सहयोगियों के बीच भी मजबूत है. लगभग एक महीने पहले अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ब्राजील द्वारा प्रस्तावित एक समान मसौदा प्रस्ताव को वीटो कर दिया था, जिसमें गाजा में मानवीय ठहराव का आह्वान किया गया था.
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मसौदे में इजरायल पर हमास के हमलों की निंदा की गई, बंधकों की रिहाई का आग्रह किया गया और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने का आह्वान किया गया. हालिया मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने बताया कि अमेरिका ने जमीनी कूटनीति के लिए और अधिक समय मांगा है. सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली संस्था होने के बावजूद, अपने पांच स्थायी सदस्यों के पास मौजूद वीटो शक्ति के कारण अक्सर चुनौतियों का सामना करती है.