लंदन: उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के बाद ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने इसे भारत में बचाव के अब तक के सबसे वीरतापूर्ण कार्यों में से एक कहा. यह देखते हुए कि वे 41 श्रमिक 17 ड्रिलिंग दिनों से अधिक समय तक उस सुरंग में फंसे रहे. उन्होंने कहा कि बचावकर्ताओं, श्रमिकों, उनके परिवारों और सरकार के लिए संदेश है. मुझे लगता है कि यह एक शानदार खबर है.
इसे देखना और न केवल फंसे हुए लोगों, बल्कि उनके परिवारों के आघात को समझना, दोनों के लिए यह एक बड़ी राहत है. उन्होंने आगे कहा, 'यह हमारे सिस्टम द्वारा विकसित किए गए कौशल और क्षमताओं का भी एक बड़ा श्रेय है. निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो मदद मिली उन सबके बदौलत हर एक व्यक्ति को सुरक्षित बचाया गया.
इसे 'लाल अक्षर वाला दिन' बताते हुए दोराईस्वामी ने कहा कि यह भी उचित है कि यह गुरु पर्व के तुरंत बाद, दिवाली के कुछ दिनों बाद त्योहारी सीजन में हुआ, और अब उनके घर उत्सव से जगमगाएंगे. मुझे लगता है कि यह वास्तव में एक महान दिन है. यह बचाव कर्मियों की दृढ़ता के लिए एक महान श्रद्धांजलि है, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किया कि इनमें से प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित बचाया गया.
उन्होंने बचाव टीमों और ऑपरेशन में शामिल सभी लोगों को बधाई दी. साथ ही उन्होंने कहा, 'मुझे यकीन है, प्रत्येक भारतीय और भारत के प्रत्येक मित्र की ओर से बचाव टीमों और कृतज्ञ राष्ट्र को बहुत-बहुत बधाई. बचाव में शामिल सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई.' उन्होंने आगे कहा, '12 नवंबर को सिल्क्यारा की ओर से 205 और 260 मीटर के बीच सुरंग का एक हिस्सा ढह गया.
श्रमिक 260 मीटर के निशान से आगे थे, वे फंस गए. उनका बाहर आने का रास्ता बंद हो गया. उत्तराखंड सिल्कयारा सुरंग के अंदर 12 नवंबर से फंसे सभी 41 मजदूरों को मंगलवार शाम को सुरक्षित निकाल लिया गया. बचाए गए श्रमिकों को नारंगी, गेंदे के फूलों की माला पहनाई गई और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने उनका स्वागत किया.