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न्यूयॉर्क: खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय राजदूत संधू संग गुरुद्वारे में की धक्का-मुक्की

अमेरिका में खालिस्तानी समर्थकों ने एक बार फिर भारतीय अधिकारियों को निशाना बनाया है. अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ बदसलूकी की घटना सामने आई है. pro-Khalistani heckled Sandhu, Khalistani heckled Indian envoy, New York Indian envoy heckled

US: Indian envoy Sandhu heckled by pro-Khalistani elements in New York Gurdwara
न्यूयॉर्क के गुरुद्वारे में खालिस्तानी समर्थक तत्वों ने भारतीय दूत संधू के साथ धक्का-मुक्की की
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By ANI

Published : Nov 27, 2023, 12:31 PM IST

Updated : Nov 27, 2023, 3:15 PM IST

न्यूयॉर्क: अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू को न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में हिक्सविले गुरुद्वारे के दौरे के दौरान खालिस्तान समर्थक तत्वों के एक समूह ने घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की की. राजदूत गुरुपर्व के अवसर पर प्रार्थना करने के लिए गुरुद्वारे गए थे. विभिन्न सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक कथित वीडियो के अनुसार संधू को चरमपंथी तत्वों से भिड़ते देखा जा सकता है.

वह भारत द्वारा नामित आतंकवादियों में शामिल हरदीप सिंह निज्जर और गुरपतवंत सिंह पन्नून के बारे में बयान दे रहे थे. भारतीय दूत को अपने वाहन में परिसर से बाहर निकलते देखा जा सकता है जबकि एक अकेले प्रदर्शनकारी ने गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी झंडा लहराया. अमेरिका में भारतीय दूत तरनजीत संधू ने न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में गुरु नानक दरबार का दौरा किया और गुरुपर्व मनाने के लिए स्थानीय संगत में शामिल हुए.

संधू ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया,'लॉन्ग आईलैंड के गुरु नानक दरबार में अफगानिस्तान सहित स्थानीय संगत के साथ गुरुपर्व मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. कीर्तन सुना, गुरु नानक के एकजुटता, एकता और समानता के शाश्वत संदेश के बारे में बात की, लंगर खाया और सभी के लिए आशीर्वाद मांगा.' कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और यहां तक कि अमेरिका जैसे देशों में चरमपंथी तत्वों द्वारा खालिस्तान समर्थक घटनाओं में वृद्धि हुई है.

जुलाई में एक चौंकाने वाली घटना में खालिस्तान चरमपंथियों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर आगजनी की थी. घटना की जांच शुरू होने के बाद भारत ने मामले के संबंध में पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत हमले के संदिग्धों के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों से सबूत का अनुरोध किया. मार्च में एक अलग घटना में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध खालिस्तानी तत्वों ने हमला किया था.

घटना के बाद भारत ने अमेरिका के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की थी. वहीं, लगभग दो महीने की अवधि में खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा भारतीय प्रतिनिधि के साथ धक्का-मुक्की की घटना हुई. इससे पहले सितंबर में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरायस्वामी को स्कॉटलैंड के ग्लासगो में एक गुरुद्वारे में प्रवेश से रोक दिया गया था. 'सिख यूथ यूके' के इंस्टाग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए एक कथित वीडियो के अनुसार एक खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता को अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारे में प्रवेश करने से दोरईस्वामी को रोकते हुए देखा गया था.

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वह भारत द्वारा नामित आतंकवादियों में शामिल हरदीप सिंह निज्जर और गुरपतवंत सिंह पन्नून के बारे में बयान दे रहे थे. भारतीय दूत को अपने वाहन में परिसर से बाहर निकलते देखा जा सकता है जबकि एक अकेले प्रदर्शनकारी ने गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तानी झंडा लहराया. अमेरिका में भारतीय दूत तरनजीत संधू ने न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में गुरु नानक दरबार का दौरा किया और गुरुपर्व मनाने के लिए स्थानीय संगत में शामिल हुए.

संधू ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया,'लॉन्ग आईलैंड के गुरु नानक दरबार में अफगानिस्तान सहित स्थानीय संगत के साथ गुरुपर्व मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. कीर्तन सुना, गुरु नानक के एकजुटता, एकता और समानता के शाश्वत संदेश के बारे में बात की, लंगर खाया और सभी के लिए आशीर्वाद मांगा.' कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और यहां तक कि अमेरिका जैसे देशों में चरमपंथी तत्वों द्वारा खालिस्तान समर्थक घटनाओं में वृद्धि हुई है.

जुलाई में एक चौंकाने वाली घटना में खालिस्तान चरमपंथियों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर आगजनी की थी. घटना की जांच शुरू होने के बाद भारत ने मामले के संबंध में पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत हमले के संदिग्धों के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों से सबूत का अनुरोध किया. मार्च में एक अलग घटना में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध खालिस्तानी तत्वों ने हमला किया था.

घटना के बाद भारत ने अमेरिका के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की थी. वहीं, लगभग दो महीने की अवधि में खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा भारतीय प्रतिनिधि के साथ धक्का-मुक्की की घटना हुई. इससे पहले सितंबर में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरायस्वामी को स्कॉटलैंड के ग्लासगो में एक गुरुद्वारे में प्रवेश से रोक दिया गया था. 'सिख यूथ यूके' के इंस्टाग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए एक कथित वीडियो के अनुसार एक खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता को अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारे में प्रवेश करने से दोरईस्वामी को रोकते हुए देखा गया था.

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Last Updated : Nov 27, 2023, 3:15 PM IST
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