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भारत-जापान साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक व्यवस्था के लिए अच्छी बात : जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जापान के दौरे पर हैं. यहां दोनों नेताओं ने टू प्लस टू वार्ता में भाग लिया. जापान और भारत क्वाड के सदस्य हैं, ऐसे में यह वार्ता काफी अहम मानी जा रही है.

india japan 2 plus 2
भारत जापान टू प्लस टू वार्ता
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Published : Sep 9, 2022, 10:49 PM IST

टोक्यो : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि मजबूत भारत-जापान साझेदारी एक-दूसरे के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक व्यवस्था के लिए अच्छी (बात) है. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Jaishankar and Rajnath Singh) ने गुरुवार को जापान के अपने समकक्षों- क्रमश: विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा और रक्षा मंत्री हमदा यासुकाजू के साथ 'टू प्लस टू' वार्ता (2+2 Dialogue) में भाग लिया.

जयशंकर ने अपने जापानी समकक्ष योशिमासा के साथ एक 'रणनीतिक वार्ता' समाप्त करने के बाद गुरुवार को ट्वीट किया, '(हमने) द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं में प्रगति का संज्ञान लिया. वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. विचार विमर्श का दायरा विस्तारित करने और उसमें तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की.' उन्होंने कहा, 'भारत-जापान के बीच मजबूत साझेदारी एक-दूसरे के लिए, हिंद-प्रशांत और वैश्विक व्यवस्था के लिए अच्छी है.'

जापान और भारत क्वाड के सदस्य हैं, जिसमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं. यह एक रणनीतिक समूह है, जिसे कुछ लोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने का एक जरिया मानते हैं. चीन लगभग सम्पूर्ण विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं. बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं. जयशंकर और राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को टोक्यो में भारतीय समुदाय से बातचीत की.

जयशंकर ने उनसे बातचीत के बाद एक ट्वीट में कहा, 'उन्हें इतने सारे क्षेत्रों और प्रयासों में अच्छा (प्रदर्शन) करते देखकर खुशी हुई. मातृभूमि के लिए उनका प्यार और स्नेह प्रकट हुआ.'

पढ़ें- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापान के अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से की मुलाकात

(पीटीआई-भाषा)

टोक्यो : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि मजबूत भारत-जापान साझेदारी एक-दूसरे के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक व्यवस्था के लिए अच्छी (बात) है. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Jaishankar and Rajnath Singh) ने गुरुवार को जापान के अपने समकक्षों- क्रमश: विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा और रक्षा मंत्री हमदा यासुकाजू के साथ 'टू प्लस टू' वार्ता (2+2 Dialogue) में भाग लिया.

जयशंकर ने अपने जापानी समकक्ष योशिमासा के साथ एक 'रणनीतिक वार्ता' समाप्त करने के बाद गुरुवार को ट्वीट किया, '(हमने) द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं में प्रगति का संज्ञान लिया. वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. विचार विमर्श का दायरा विस्तारित करने और उसमें तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की.' उन्होंने कहा, 'भारत-जापान के बीच मजबूत साझेदारी एक-दूसरे के लिए, हिंद-प्रशांत और वैश्विक व्यवस्था के लिए अच्छी है.'

जापान और भारत क्वाड के सदस्य हैं, जिसमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं. यह एक रणनीतिक समूह है, जिसे कुछ लोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने का एक जरिया मानते हैं. चीन लगभग सम्पूर्ण विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं. बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं. जयशंकर और राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को टोक्यो में भारतीय समुदाय से बातचीत की.

जयशंकर ने उनसे बातचीत के बाद एक ट्वीट में कहा, 'उन्हें इतने सारे क्षेत्रों और प्रयासों में अच्छा (प्रदर्शन) करते देखकर खुशी हुई. मातृभूमि के लिए उनका प्यार और स्नेह प्रकट हुआ.'

पढ़ें- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापान के अपने समकक्ष यासुकाजु हमदा से की मुलाकात

(पीटीआई-भाषा)

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