कोलंबो : श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (former Sri Lankan president Gotabaya Rajapaksa) जो द्वीप राष्ट्र में आर्थिक संकट के विरोध के बाद देश छोड़कर भाग गए थे, 24 अगस्त को श्रीलंका लौट आएंगे. श्रीलंका में पूर्व राजदूत और तमिल विद्रोहियों के खिलाफ गृहयुद्ध के दौरान मिग विमान की खरीद की जांच के दौरान पेश हुए राजपक्षे के चचेरे भाई उदयंगा वीरतुंगा ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति देश लौट आएंगे. युद्ध के अंतिम चरणों के दौरान गोटाबाया शक्तिशाली रक्षा सचिव थे.
राष्ट्रपति के रूप में गोटाबाया की भूमिका की आलोचना करने वाले वीरतुंगा ने मीडिया से कहा, 'गोटाबाया को देश लौट जाना चाहिए और लोग उनका स्वागत करेंगे लेकिन वह राजनीति में नहीं रहेंगे क्योंकि वह उपयुक्त नहीं हैं.' वीरतुंगा ने अपने अन्य चचेरे भाई और पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की प्रशंसा करते हुए कहा, 'गोटाबाया को एक अच्छा प्रशासक होना चाहिए, लेकिन वह राजनीति के लिए उपयुक्त नहीं है.'
9 जुलाई को प्रदर्शनकारियों द्वारा राष्ट्रपति के घर और कार्यालय पर धावा बोलने के बाद, गोटाबाया छिप गए और बाद में मालदीव और फिर सिंगापुर भाग गए. श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर, गोटाबाया ने पिछले सप्ताह थाईलैंड में प्रवेश किया. थाईलैंड सरकार ने उन खबरों का खंडन किया कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने वहां शरण मांगी थी. थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे राजपक्षे से राजनीतिक शरण मांगने के इरादे से देश की यात्रा करने का अनुरोध मिला है.
थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'थाईलैंड को राजपक्षे के राजनयिक पासपोर्ट में प्रवेश करने में कोई समस्या नहीं थी, जो उन्हें 90 दिनों तक रहने की अनुमति देगा.' द्वीप राष्ट्र अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
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(आईएएनएस)