लाहौर: पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने अरबों रुपये के धनशोधन मामले में शनिवार को अदालत से आगे की जांच के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे एवं पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज की गिरफ्तारी का अनुरोध किया. अदालत ने हालांकि उनकी अग्रिम जमानत 11 जून तक बढ़ा दी. एफआईए ने प्रधानमंत्री और अन्य संदिग्धों के खिलाफ 14 अरब रुपये के धनशोधन मामले में अंतरिम जांच रिपोर्ट भी दायर की.
शहबाज और हमजा कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष अदालत में पेश हुए. अदालत के एक अधिकारी ने कहा, एफआईए के एक अभियोजक ने अदालत में एक अंतरिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की और प्रमुख संदिग्धों- प्रधानमंत्री शहबाज तथा पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा की गिरफ्तारी की मांग की - यह तर्क देते हुए कि मामले में आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत की आवश्यकता है क्योंकि वे जांच में शामिल नहीं हुए हैं और उन्होंने जांचकर्ताओं का सहयोग नहीं किया है.
प्रधानमंत्री के वकील अमजद परवेज ने एफआईए की याचिका पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे 'एजेंसी का झूठा दावा' करार दिया. उन्होंने कहा कि एफआईए पिता और पुत्र की भूमिका की तब पहले ही जांच कर चुकी है जब वे लाहौर की जेल में थे. परवेज ने कहा कि उनके मुवक्किल जेल में रहने के दौरान भी जांच में शामिल हुए और वे एफआईए कार्यालय में जांचकर्ताओं के सामने भी पेश हुए थे.
पीठासीन न्यायाधीश एजाज अवान ने मामले में प्रधानमंत्री के दूसरे बेटे सुलेमान शहबाज के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट फिर से जारी किया और सुनवाई 11 जून तक के लिए स्थगित कर दी. सुलेमान 2019 से फरार है और ब्रिटेन में रह रहा है. अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस सप्ताह अंकारा में तुर्की के राष्ट्रपति से मिलने वाले शहबाज के प्रतिनिधिमंडल में सुलेमान की उपस्थिति पर सवाल उठाया था.
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शहबाज और उनके बेटों- हमजा तथा सुलेमान के खिलाफ एफआईए ने नवंबर 2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धनशोधन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
पीटीआई-भाषा