ETV Bharat / international

China claim on Arunachal: चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए चीनी नामों की तीसरी सूची जारी की - चीन की विस्तारवादी नीति

चीन की विस्तारवादी नीति से कई देश प्रभावित हैं. भारत के खिलाफ भी चीन यह नीति अपनाने का प्रयास करता है. इसके लिए वह कई तरह के हथकंडे अपनाता है.

China releases third list of Chinese names to stake its claim on Arunachal Pradesh (representational photo)
चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए चीनी नामों की तीसरी सूची जारी की (प्रतीकात्मक फोटो)
author img

By

Published : Apr 4, 2023, 8:39 AM IST

बीजिंग: चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे पर फिर से जोर देने के मकसद से इस भारतीय राज्य के लिए 'चीनी, तिब्बती और पिनयिन' अक्षरों में नामों की तीसरी सूची जारी की है. चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के मानकीकृत नाम जारी किए, जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट द्वारा जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार 'तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान' बताता है. सरकार द्वारा संचालित 'ग्लोबल टाइम्स' ने सोमवार को अपनी एक खबर में कहा कि मंत्रालय ने रविवार को 11 स्थानों के आधिकारिक नाम जारी किए, जिनमें दो भूमि क्षेत्रों, दो आवासीय क्षेत्रों, पांच पर्वत चोटियों और दो नदियों सहित सटीक निर्देशांक भी दिए गए हैं.

इसके अलावा, स्थानों के नाम और उनके अधीनस्थ प्रशासनिक जिलों की श्रेणी सूचीबद्ध की गई है. चीनी मंत्रालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी मानकीकृत भौगोलिक नामों की यह तीसरी सूची है. अरुणाचल में छह स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में जारी की गई थी, और 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी. भारत पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने के चीनी कदम को खारिज कर चुका है और वह (भारत) यह कहता रहा है कि राज्य (अरुणाचल प्रदेश) 'सदैव' भारत का अभिन्न अंग रहा है तथा हमेशा रहेगा और गढ़े गए नामों से यह तथ्य नहीं बदलता.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दिसंबर 2021 में कहा था, 'यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में इस तरह से स्थानों का नाम बदलने का प्रयास किया है.' उन्होंने कहा था, 'अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है, और सदा रहेगा. अरुणाचल प्रदेश में स्थानों को गढ़े गए नाम देने से यह तथ्य नहीं बदल जाता.' ‘ग्लोबल टाइम्स’ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली समूह के प्रकाशनों का हिस्सा है. इसने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि नामों की घोषणा एक वैध कदम है और भौगोलिक नामों को मानकीकृत करना चीन का संप्रभु अधिकार है.

ये भी पढ़ें- China releases third set of names : चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए चीनी नामों की तीसरी सूची जारी की

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के बाद 2017 में चीन द्वारा नामों की पहली सूची की घोषणा की गई थी. चीन ने उनकी यात्रा की काफी आलोचना की थी. दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश के तवांग के रास्ते तिब्बत से भाग आए थे और उन्होंने 1950 में तिब्बत पर चीन के सैन्य नियंत्रण के बाद 1959 में भारत में शरण ली थी.

(पीटीआई-भाषा)

बीजिंग: चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे पर फिर से जोर देने के मकसद से इस भारतीय राज्य के लिए 'चीनी, तिब्बती और पिनयिन' अक्षरों में नामों की तीसरी सूची जारी की है. चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के मानकीकृत नाम जारी किए, जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट द्वारा जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार 'तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान' बताता है. सरकार द्वारा संचालित 'ग्लोबल टाइम्स' ने सोमवार को अपनी एक खबर में कहा कि मंत्रालय ने रविवार को 11 स्थानों के आधिकारिक नाम जारी किए, जिनमें दो भूमि क्षेत्रों, दो आवासीय क्षेत्रों, पांच पर्वत चोटियों और दो नदियों सहित सटीक निर्देशांक भी दिए गए हैं.

इसके अलावा, स्थानों के नाम और उनके अधीनस्थ प्रशासनिक जिलों की श्रेणी सूचीबद्ध की गई है. चीनी मंत्रालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी मानकीकृत भौगोलिक नामों की यह तीसरी सूची है. अरुणाचल में छह स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में जारी की गई थी, और 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी. भारत पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने के चीनी कदम को खारिज कर चुका है और वह (भारत) यह कहता रहा है कि राज्य (अरुणाचल प्रदेश) 'सदैव' भारत का अभिन्न अंग रहा है तथा हमेशा रहेगा और गढ़े गए नामों से यह तथ्य नहीं बदलता.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दिसंबर 2021 में कहा था, 'यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में इस तरह से स्थानों का नाम बदलने का प्रयास किया है.' उन्होंने कहा था, 'अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है, और सदा रहेगा. अरुणाचल प्रदेश में स्थानों को गढ़े गए नाम देने से यह तथ्य नहीं बदल जाता.' ‘ग्लोबल टाइम्स’ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली समूह के प्रकाशनों का हिस्सा है. इसने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि नामों की घोषणा एक वैध कदम है और भौगोलिक नामों को मानकीकृत करना चीन का संप्रभु अधिकार है.

ये भी पढ़ें- China releases third set of names : चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए चीनी नामों की तीसरी सूची जारी की

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के बाद 2017 में चीन द्वारा नामों की पहली सूची की घोषणा की गई थी. चीन ने उनकी यात्रा की काफी आलोचना की थी. दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश के तवांग के रास्ते तिब्बत से भाग आए थे और उन्होंने 1950 में तिब्बत पर चीन के सैन्य नियंत्रण के बाद 1959 में भारत में शरण ली थी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.