वॉशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के ठीक एक दिन बाद, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बीजिंग में अपने समकक्ष को तानाशाह कहा. अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं. बीजिंग में शी के साथ सोमवार को ब्लिंकन की बैठक दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के प्रयासों का हिस्सा थी. वह शी के साथ मुलाकात करने वाले सबसे उच्च स्तर के अमेरिकी राजनयिक है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार की रात कैलिफोर्निया में एक शिलान्यास समारोह में बाइडेन ने कहा कि हाल ही में एक संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारा जो अमेरिका में घुस गया था और अमेरिकी लड़ाकू जेट ने उसे मार गिराया था, उसे लेकर बने तनाव से शी शर्मिदा हैं. राष्ट्रपति ने कहा, "शी जिनपिंग की परेशानी का कारण तब सामने आया, जब मैंने जासूसी उपकरणों से भरे दो बॉक्सों वाले उस गुब्बारे को नीचे गिराया, उन्हें नहीं पता था कि यह वहां था. यह तानाशाहों के लिए बहुत शर्मिंदगी की बात है. जब उन्हें पता नहीं होता कि क्या हुआ है." इधर, बाइडेन की इस टिप्पणी पर चीन ने करारा जवाब दिया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा शी को तानाशाह बताने वाली कथित टिप्पणियों को चीन ने बेहद 'बेतुका और गैर जिम्मेदाराना' बताया है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बुधवार को कहा कि कैलिफोर्निया में एक अनुदान संचय पर बाइडेन की टिप्पणी पूरी तरह से तथ्यों के खिलाफ है और गंभीर रूप से राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करती है, और चीन की राजनीतिक गरिमा का गंभीर उल्लंघन करती है. यह एक घोर राजनीतिक उकसावा है. माओ ने एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाइडन की इस टिप्पणी का चीन कड़ा असंतोष और विरोध व्यक्त किया है. अमेरिका की टिप्पणी बेहद बेतुकी और गैर-जिम्मेदाराना है." माओ ने चीन के इस तर्क को दोहराया कि गुब्बारा मौसम संबंधी अनुसंधान के लिए था और गलती से उड़ गया था. उन्होंने कहा कि अमेरिका को इसे शांत और पेशेवर तरीके से संभालना चाहिए था. हालांकि, अमेरिका ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और इस घटना को प्रचारित करने के लिए ताकतों का इस्तेमाल किया.
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बता दें कि शी ने सोमवार को बैठक के नतीजे पर कहा था कि कुछ प्रगति हुई है, जबकि ब्लिंकेन ने संकेत दिया कि दोनों पक्ष अधिक वार्ता के लिए खुले हैं क्योंकि बड़े मतभेद बने हुए हैं. ब्लिंकेन की बीजिंग यात्रा, जो पांच वर्षों में चीन के किसी राज्य सचिव की पहली यात्रा थी, ने दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय संवाद को फिर से शुरू किया. बीजिंग के साथ बाइडेन प्रशासन का संबंध इसके सबसे जटिल और परिणामी संबंधों में से एक है. महीनों के तनाव में हाल के सप्ताहों में दो सैन्य घटनाएं शामिल हैं. बाइडेन और शी पिछले नवंबर में इंडोनेशिया में जी7 शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति के रूप में पहली बार व्यक्तिगत रूप से मिले थे. ब्लिंकन की यात्रा, जिसकी घोषणा बाइडेन और शी ने अपनी बैठक के बाद की थी, मूल रूप से फरवरी में होने वाली थी और इसे एक महत्वपूर्ण फॉलो-ऑन के रूप में देखा गया था. हालांकि, संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे की खोज के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था.
(इनपुट-एजेंसी)