नानटकेट: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पुष्टि की है कि चार वर्षीय बच्ची को हमास ने रिहा कर दिया है. अमेरिकी लड़की अबीगैल एडन को उसके माता-पिता की हत्या के बाद हमास द्वारा बंधक बना लिया गया था. इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते के तहत उसे रिहा कर दिया गया है. बाइडेन ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, 'भगवान का शुक्र है कि वह घर पर है. काश मैं उसे संभालने के लिए वहां होता.'
अबीगैल के पास दोहरी इजरायली-अमेरिकी नागरिकता है. बाइडेन ने कहा कि वह इजरायल में सुरक्षित थी. वह युद्धविराम की शर्तों के तहत रिहा होने वाली पहली अमेरिकी बंधक है. बाइडेन ने कहा कि उन्हें अबीगैल की स्थिति के बारे में तत्काल जानकारी नहीं है. व्हाइट हाउस ने बाद में कहा कि राष्ट्रपति ने अमेरिका और इजराइल में लड़की के परिवार के सदस्यों से टेलीफोन पर बात की. उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी बात की.
हमास के उग्रवादियों ने 7 अक्टूबर को अबीगैल के किबुत्ज, कफर अजा पर हमला किया और उसके माता-पिता की हत्या कर दी. वह आश्रय के लिए एक पड़ोसी के घर में भाग गई और वहां से उसे हमास आतंकी ले गए. वे उन 200 से अधिक लोगों में शामिल थे जिन्हें युद्ध के दौरान गाजा ले जाया गया था. अबीगैल का जन्मदिन था जब उसे ले जाया गया.
अबीगैल के परिवार के दो सदस्यों ने रविवार को बाइडेन, कतरी सरकार और उसकी रिहाई सुनिश्चित करने में शामिल अन्य लोगों को धन्यवाद दिया. एक बयान में कहा कि वे सभी बंधकों की सुरक्षित और त्वरित वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं. अबीगैल की बड़ी चाची और चचेरी बहन लिज हिर्श नफ्ताली और नोआ नफ्ताली ने कहा, 'आज की रिहाई साबित करती है कि यह संभव है. हम सभी बंधकों को घर वापस ला सकते हैं. हमें प्रयास जारी रखना होगा.'
रविवार को जारी किए गए समूह में ब्रोडच परिवार भी शामिल था. उनकी आयु 4 से 84 वर्ष के बीच थी. रेड क्रॉस के प्रतिनिधियों ने बंधकों को गाजा से बाहर स्थानांतरित कर दिया. कुछ को सीधे इजरायल को सौंप दिया गया, जबकि अन्य मिस्र के रास्ते चले गए. इजरायल की सेना ने कहा कि एक को हवाई मार्ग से सीधे अस्पताल ले जाया गया.
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बाइडेन ने कहा, 'उन्होंने एक भयानक परीक्षा सहन की है, और अब वे उपचार की दिशा में लंबी यात्रा शुरू कर सकते हैं. व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडेन और नेतन्याहू इस बात पर सहमत हुए कि काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. बाइडेन ने बातचीत को दिन-ब-दिन, घंटे-दर-घंटे चलने वाली प्रक्रिया बताया और कहा कि वह तब तक काम करना जारी रखेंगे जब तक सभी बंधक मुक्त नहीं हो जाते. राष्ट्रपति ने कहा,'किसी भी चीज की गारंटी नहीं है और कुछ भी हल्के में नहीं लिया जा रहा है. लेकिन इसका सबूत है कि यह काम कर रहा है और इसे आगे बढ़ाने लायक है.'