वाशिंगटन: व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए एक दस्तावेज के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साल 2021 की गर्मियों में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के लिए डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. 12 पन्नों के एक दस्तावेज में बाइडेन प्रशासन ने कहा कि अफगानिस्तान से वापसी कैसे की जाए. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि बाइडेन को अफगानिस्तान में ट्रम्प से विरासत में मिला एक कमजोर ऑपरेशन जिसने अमेरिका की प्रतिक्रिया को पंगु बना दिया.
किर्बी ने संवाददाताओं से कहा कि बदलाव मायने रखता है. यह पहला सबक है और आने वाले प्रशासन को ज्यादा बर्दाश्त नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि बाइडेन के पास एक अच्छा विकल्प था कि अमेरिकी सेना को वापस ले लें या तालिबान के साथ लड़ाई फिर से शुरू करें. हालांकि, अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के वापसी को लेकर बाइडेन के निर्णयों के सवाल को किर्बी ने टाल दिया.
वर्ष 2017 में जब ट्रम्प ने कार्यालय संभाला, उस समय अफगानिस्तान में 10,000 से अधिक सैनिक थे लेकिन अठारह महीने बाद, गतिरोध बनाए रखने के लिए 3,000 से अधिक अतिरिक्त सैनिकों को अफगानिस्तान भेजा गया. राष्ट्रपति ट्रम्प ने तालिबान के साथ किसी भी सहयोगी या साझेदार से परामर्श किए बिना सीधी बातचीत का आदेश दिया.
पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने सितंबर 2019 में तालिबान को 9/11 की बरसी पर कैंप डेविड में आमंत्रित करने पर सार्वजनिक रूप से विचार किया. फरवरी 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ, जिसे दोहा समझौते के रूप में जाना जाता है. इस समझौते के तहत अमेरिका मई 2021 तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सेना को वापस लेने पर सहमत हो गया.
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान से पता चला कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगान सरकार पर 5,000 तालिबान लड़ाकों को जेल से रिहा करने के लिए दबाव डाला, जिसमें तालिबान द्वारा रखे जाने वाले एकमात्र अमेरिकी बंधक की रिहाई को सुरक्षित किए बिना वरिष्ठ युद्ध कमांडर भी शामिल थे.
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बयान में कहा गया कि जब राष्ट्रपति बाइडेन ने 20 जनवरी 2021 को पदभार संभाला, तो तालिबान सबसे मजबूत सैन्य स्थिति में था जो 2001 से देश के लगभग आधे हिस्से को नियंत्रित या चुनाव लड़ रहा था. काबुल के हवाई अड्डे पर एक आत्मघाती बम विस्फोट में 13 सेवा सदस्यों की मौत पर ध्यान केंद्रित करते हुए कांग्रेस में रिपब्लिकन ने अफगानिस्तान की वापसी की तीखी आलोचना की, जिसमें 100 से अधिक अफगान भी मारे गए थे. 31 अगस्त को, अमेरिका ने एक विशाल लेकिन एयरलिफ्ट के बाद अफगानिस्तान से अपनी सैन्य वापसी पूरी की, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई और हजारों अफगान और सैकड़ों सेना के सदस्य अब भी तालिबान शासन से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
(एएनआई)