लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि पिछले महीने उनकी गिरफ्तारी के बाद देश में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला उनकी पार्टी के खिलाफ पूरी सटीकता के साथ कार्रवाई के लिए पूर्व नियोजित था. नेशनल असेंबली द्वारा नौ मई की हिंसा में शामिल एक राजनीतिक दल के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग वाले प्रस्ताव को पारित किए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को 70-वर्षीय खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में सत्तारूढ़ गठबंधन की आलोचना की.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि नौ मई को आगजनी के लिए कौन जिम्मेदार था, यह पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि हम खुद से यह अहम सवाल पूछें कि हिंसा से सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ? निश्चित तौर पर पीटीआई को तो नहीं.
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि कैसे 48 घंटे के भीतर (सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद) सबसे सुनियोजित अभियान बेहद सटीकता के साथ चलाया गया, जिसके तहत उनकी पार्टी के 10,000 कार्यकर्ताओं, समर्थकों और समर्थक मीडियाकर्मियों को या तो जेल में डाल दिया गया या विवश कर दिया गया. बहुत ही स्पष्ट है कि यह सब पूर्व नियोजित था.
खान लाहौर में अपने जमान पार्क आवास में एक प्रकार से नज़रबंद हैं, क्योंकि पंजाब पुलिस ने इसका नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है और किसी भी पीटीआई कार्यकर्ता को वहां रहने की अनुमति नहीं है. देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों की आलोचना करते हुए क्रिकेटर से राजनेता बने खान ने कहा कि हमारे ही अपने सुरक्षा बल आधी रात को हमारे घरों पर छापे मार रहे हैं, दरवाजे तोड़ रहे हैं, घर में तोड़फोड़ कर रहे हैं और इसे लूट रहे हैं.
उन्होंने दावा किया कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है, उन्हें परेशान किया जाता है और धमकी दी जाती है, और यदि संबंधित व्यक्ति वहां नहीं है तो उनके लड़कों, पिता और यहां तक कि नौकरों को उठाकर जेल में डाल दिया जाता है. खान ने कहा कि मेरी बहनों के ड्राइवर और रसोइये रहीम को उस वक्त हिरासत में ले लिया गया, जब पुलिस उनके (बहनों के) बेटों को ढूंढ नहीं पाई. उन्होंने कहा कि दोनों को जेल भेज दिया गया और जेल से रिहा होकर आने के बाद रहीम सांस की समस्या से जूझ रहा है और वेंटिलेटर पर है.
खान ने कहा कि निश्चय ही जो लोग आतंक के इस शासन के लिए जिम्मेदार हैं, वे महसूस करते हैं कि वे कानून से ऊपर हैं. उन्होंने कहा कि इस नीति से लोगों में अस्थायी रूप से भय फैल सकता है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सोमवार को नौ मई की हिंसा में शामिल एक राजनीतिक दल के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. हालांकि इसमें पीटीआई पार्टी का नाम नहीं लिया गया.
(पीटीआई-भाषा)