लाहौर : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shehbaz Sharif) ने उम्मीद जताई कि देश रुके हुए राहत पैकेज को हासिल करने के लिए आईएमएफ के साथ एक कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने वैश्विक ऋणदाता के साथ समझौते के लिए जरूरी सभी शर्तों को पूरा कर लिया है.
शरीफ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कई लोगों का मानना है कि 6.5 अरब डॉलर के आईएमएफ के मौजूदा राहत कार्यक्रम को फिर से बहाल करने की संभावना बहुत कम रह गई है. यह समझौता 30 जून को खत्म हो रहा है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 6.5 अरब डॉलर के पैकेज में 2.6 अरब डॉलर का भुगतान अभी तक नहीं किया है. शरीफ ने रविवार को यहां एक समारोह में कहा कि अभी भी वैश्विक ऋणदाता के साथ उस सौदे को पूरा करने की उम्मीद है. उन्होंने सरकार की योजना का जिक्र करते हुए कहा, 'अगर आईएमएफ के साथ समझौते में और देरी होती है, तो मैं आपको इस बारे में बताऊंगा.'
आईएमएफ ने कुछ शर्तों को पूरा करने पर पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का कर्ज देने के लिए 2019 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. शरीफ ने कहा, 'पाकिस्तान ने सभी पूर्व शर्तों को पूरा किया है और उम्मीद है कि आईएमएफ के साथ समझौते पर इसी महीने हस्ताक्षर हो जाएंगे.'
उन्होंने कहा, 'घबराने की कोई जरूरत नहीं है... हमने आईएमएफ की सभी शर्तों को पूरा किया है. समझौते को अंतिम रूप देने में आने वाली बाधाओं को दूर किया है. समझौता इसी महीने हो जाएगा.' उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच एक कर्मचारी स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर करने में 'अब कोई बाधा नहीं रह गई है.'
उन्होंने पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने आईएमएफ के साथ समझौते का उल्लंघन किया.
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(पीटीआई-भाषा)