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महामारी के दौरान करियर शुरू करने वाले युवाओं के लिए घर से काम करना चुनौतीपूर्ण

कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए कई सोशल डिस्टेंसिंग का मंत्र दिया गया. इसके लिए ज्यादातर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दे दिया. सुनने में ये जितना अच्छा लगता है उतना ही मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है...

work from home
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Published : Sep 10, 2021, 7:09 PM IST

लंदन : रेबेका इंग्राम ने जब घर से काम करते हुए इंटर्नशिप शुरू की तो उसे कई अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उसके पास कार्यालय की तरह की उचित व्यवस्था नहीं है, उसकी मां अकसर काम के बीच बुलाती रहती है और उसका कुत्ता वीडियो कॉल्स के दौरान भौंकता है.

उसकी यह स्थिति कई लोगों के लिए जानी-पहचानी होगी जो कोरोना वायरस महामारी के दौरान घर से ही काम कर रहे हैं. इंग्राम की स्थिति में फर्क यह है कि पिछले 18 महीनों में नौकरी शुरू करने वाले कई अन्य युवाओं की तरह उसने भी पारंपरिक कार्यालय में कभी समय नहीं बिताया.

लंदन में स्थित वैश्विक प्रौद्योगिकी और उद्यमी कंपनी लाइक माइंडेड फीमेल्स नेटवर्क में प्रशिक्षु 22 वर्षीय इंग्राम ने कहा, 'यह एक तरह से अस्थिर स्थिति है क्योंकि आप काम कर रहे हैं लेकिन अपने ही माहौल में हैं.'

कई युवाओं ने 2020 में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद नौकरी के सीमित अवसरों के साथ ही काम करना शुरू किया. कई कंपनियों के इंटर्नशिप रद्द करने या भर्तियों पर रोक लगाने के कारण कुछ लोगों ने काम करने के अवसर गंवा दिए. कई स्थानों पर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगायी पाबंदियों में ढील दिए जाने के कारण नौकरी ढूंढना आसान हो गया लेकिन कामकाज अब भी सामान्य नहीं हुआ है.

कई युवा कर्मचारियों ने उम्मीद जतायी कि उन्हें कार्यालय जाकर काम करने और अपने सहकर्मियों से बातचीत करने का मौका मिलेगा.

सोहिनी सेनगुप्ता (22) के लिए घर से काम करना आसान रहा क्योंकि वह स्कूली पढ़ाई भी घर से कर रही थी लेकिन उन्हें अपनी नौकरी में सामुदायिकता का अभाव महसूस होता है.

कलकत्ता में रहने वाली और नयी दिल्ली में इंडिया टुडे में प्रोडक्शन प्रशिक्षु के तौर पर काम कर रही सेनगुप्ता ने कहा, 'जब मैंने काम करना शुरू किया तो मैंने अपने कार्य स्थल की वेबसाइट देखी और मैं कर्मचारियों के एक साथ घूमने जाने, कार्यालय में मजे लेते हुए तस्वीरें देख सकीं जिसका मुझे अभी मौका नहीं मिला है.'

पढ़ें :- वर्क फ्रॉम होम के दौरान विश्व स्तर पर हैकिंग में भारी वृद्धि देखी गई : रिपोर्ट

न्यूयॉर्क में एक वित्तीय शैक्षणिक कंपनी नॉपमैन मार्क्स फाइनेंशियल ट्रेनिंग की सीईओ लीजा स्ट्रिफ ने हाल में अपने घर पर एक पार्टी रखी थी जो महामारी फैलने के बाद से कंपनी के कर्मचारियों के लिए व्यक्तिगत तौर पर पहली मुलाकात थी. उनके कई कर्मचारी एक-दूसरे से पहली बार मिल रहे थे. हाल में कंपनी में काम शुरू करने वाले दो युवा कर्मचारियों ने शेरिफ को बताया कि 'यह उनके लिए कितना मायने रखता है.'

महामारी के मंद पड़ने पर भी कई कंपनियां कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे सकती है, कम से कम कुछ वक्त के लिए.

कोलंबिया बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर माबेल अब्राहम ने कहा कि अभी कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि कितने युवा कर्मचारियों ने घर से काम करते हुए अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि कुछ लोग बॉस के साथ जुड़ाव महसूस नहीं कर पाए और कुछ पुराने कर्मचारियों को घर से काम करने की आदत डालने में काफी मुश्किल आयी.

अकाउंटिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी पीडब्ल्यूसी यूएस में मुख्य उत्पाद अधिकारी सुनीत दुआ को लगता है कि घर से काम करने का युवा कर्मचारियों पर सकारात्मक असर पड़ा होगा. हालांकि अब्राहम ने आगाह किया कि इससे कार्य स्थल पर असमानताएं बढ़ सकती है.

(एपी)

लंदन : रेबेका इंग्राम ने जब घर से काम करते हुए इंटर्नशिप शुरू की तो उसे कई अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उसके पास कार्यालय की तरह की उचित व्यवस्था नहीं है, उसकी मां अकसर काम के बीच बुलाती रहती है और उसका कुत्ता वीडियो कॉल्स के दौरान भौंकता है.

उसकी यह स्थिति कई लोगों के लिए जानी-पहचानी होगी जो कोरोना वायरस महामारी के दौरान घर से ही काम कर रहे हैं. इंग्राम की स्थिति में फर्क यह है कि पिछले 18 महीनों में नौकरी शुरू करने वाले कई अन्य युवाओं की तरह उसने भी पारंपरिक कार्यालय में कभी समय नहीं बिताया.

लंदन में स्थित वैश्विक प्रौद्योगिकी और उद्यमी कंपनी लाइक माइंडेड फीमेल्स नेटवर्क में प्रशिक्षु 22 वर्षीय इंग्राम ने कहा, 'यह एक तरह से अस्थिर स्थिति है क्योंकि आप काम कर रहे हैं लेकिन अपने ही माहौल में हैं.'

कई युवाओं ने 2020 में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद नौकरी के सीमित अवसरों के साथ ही काम करना शुरू किया. कई कंपनियों के इंटर्नशिप रद्द करने या भर्तियों पर रोक लगाने के कारण कुछ लोगों ने काम करने के अवसर गंवा दिए. कई स्थानों पर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगायी पाबंदियों में ढील दिए जाने के कारण नौकरी ढूंढना आसान हो गया लेकिन कामकाज अब भी सामान्य नहीं हुआ है.

कई युवा कर्मचारियों ने उम्मीद जतायी कि उन्हें कार्यालय जाकर काम करने और अपने सहकर्मियों से बातचीत करने का मौका मिलेगा.

सोहिनी सेनगुप्ता (22) के लिए घर से काम करना आसान रहा क्योंकि वह स्कूली पढ़ाई भी घर से कर रही थी लेकिन उन्हें अपनी नौकरी में सामुदायिकता का अभाव महसूस होता है.

कलकत्ता में रहने वाली और नयी दिल्ली में इंडिया टुडे में प्रोडक्शन प्रशिक्षु के तौर पर काम कर रही सेनगुप्ता ने कहा, 'जब मैंने काम करना शुरू किया तो मैंने अपने कार्य स्थल की वेबसाइट देखी और मैं कर्मचारियों के एक साथ घूमने जाने, कार्यालय में मजे लेते हुए तस्वीरें देख सकीं जिसका मुझे अभी मौका नहीं मिला है.'

पढ़ें :- वर्क फ्रॉम होम के दौरान विश्व स्तर पर हैकिंग में भारी वृद्धि देखी गई : रिपोर्ट

न्यूयॉर्क में एक वित्तीय शैक्षणिक कंपनी नॉपमैन मार्क्स फाइनेंशियल ट्रेनिंग की सीईओ लीजा स्ट्रिफ ने हाल में अपने घर पर एक पार्टी रखी थी जो महामारी फैलने के बाद से कंपनी के कर्मचारियों के लिए व्यक्तिगत तौर पर पहली मुलाकात थी. उनके कई कर्मचारी एक-दूसरे से पहली बार मिल रहे थे. हाल में कंपनी में काम शुरू करने वाले दो युवा कर्मचारियों ने शेरिफ को बताया कि 'यह उनके लिए कितना मायने रखता है.'

महामारी के मंद पड़ने पर भी कई कंपनियां कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे सकती है, कम से कम कुछ वक्त के लिए.

कोलंबिया बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर माबेल अब्राहम ने कहा कि अभी कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि कितने युवा कर्मचारियों ने घर से काम करते हुए अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि कुछ लोग बॉस के साथ जुड़ाव महसूस नहीं कर पाए और कुछ पुराने कर्मचारियों को घर से काम करने की आदत डालने में काफी मुश्किल आयी.

अकाउंटिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी पीडब्ल्यूसी यूएस में मुख्य उत्पाद अधिकारी सुनीत दुआ को लगता है कि घर से काम करने का युवा कर्मचारियों पर सकारात्मक असर पड़ा होगा. हालांकि अब्राहम ने आगाह किया कि इससे कार्य स्थल पर असमानताएं बढ़ सकती है.

(एपी)

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