जिनेवा : कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम के प्रमुख ने स्वीकार किया है कि रिपोर्ट तैयार करने वाले लेखकों ने दबाव का सामना किया होगा. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतिम रिपोर्ट को टीम के सभी सदस्यों की आम सहमति से हरी झंडी मिलेगी.
खाद्य सुरक्षा एवं रोग विशेषज्ञ पीटर बेन एम्बार्क ने कहा कि टीम को उम्मीद है कि करीब 280 पृष्ठों की वायरस अध्ययन रिपोर्ट अगले हफ्ते जारी करने के लिए तैयार हो जाएगी. यह रिपोर्ट प्रथम चरण का अध्ययन है, जिसके बाद चीनी अधिकारियों और डब्ल्यूएचओ टीम द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत कहीं अधिक गहराई से अवलोकन किया जाएगा. बेन ने जनवरी-फरवरी में चीन के दौरे पर गयी 10 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया था. उन्होंने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस महामारी को लेकर काफी राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ा होगा.
पढ़े : चीन के साथ वार्ता को लेकर व्हाइट हाउस को खास अपेक्षाएं नहीं : अमेरिकी अधिकारी
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में हर बारिकी वैज्ञानिक अध्ययन पर आधारित है. चीनी से अंग्रेजी अनुवाद करने की वजह रिपोर्ट तैयार करने में समय लग रहा है. उन्होंने आगे कहा कि यह रिपोर्ट सभी विशेषज्ञों और एक लंबी और जटिल प्रक्रिया का हिस्सा है.
चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार ने बुधवार को लियांग वानियान के साथ एक साक्षात्कार प्रकाशित किया था जिसमें उन्होने टीम पर राजनीतिक दबाव की बात कही है. लियांग वानियान टीम के चीनी पक्ष के प्रमुख है.
खाद्य सुरक्षा एवं रोग विशेषज्ञ पीटर बेन एम्बार्क ने कहा, 'हमें अभी तक महामारी की उत्पत्ति का पता नहीं है. उन्होंने कहा कि फ्रोजन फूड पैकेजिंग के माध्यम से कोल्ड-चेन ट्रांसमिशन कोराना के फैलाव का एक संभावित मार्ग था, लेकिन इस मुद्दे पर और विचार करने की आवश्यकता है.'
पढ़ें : रूस के विदेश मंत्री अगले सप्ताह जायेंगे चीन, दोनों देश अमेरिकी नीतियों पर साधेंगे निशाना
अमेरिका के अधिकारियों को चीनी अधिकारियों के साथ चीन की यात्रा की व्यवस्था करने में कई महीने लग गए. आलोचकों का कहना है कि कोरोना वायरस की खोज करने में चीन के दौरे पर अधिकारियों को जाने में जो देरी हुई उसकी किमत चुकानी पड़ी, जिसके कारण कम से कम 2.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हो गई.
डब्ल्यूएचओ ने बार-बार चीनी सरकार की शुरुआती प्रतिक्रिया की प्रशंसा की थी, जबकि उनसे जुड़े प्रेस एजेंसियों द्वारा प्राप्त निजी बैठकों की रिकॉर्डिंग से पता चला कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के शीर्ष अधिकारी चीन के सहयोग की कमी से निराश थे.