मैड्रिड : संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक समय सीमा बीत जाने के बाद भी देशों के बीच जलवायु परिवर्तन पर वार्ता में गतिरोध कायम है.
कम से कम 200 देशों के अधिकारी शनिवार को यहां रातोंरात तैयार किए गए नए मसौदे का आकलन करने के लिए एकत्रित हुए.
कई देशों और पर्यवेक्षकों ने कहा कि नवीनतम मसौदे में 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में की गई प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने का जोखिम है और वैज्ञानिकों द्वारा ऐसी किसी चेतावनी को भी रेखांकित नहीं किया गया है कि ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में तेजी से गिरावट लाने की जरूरत है.
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मैड्रिड में इस दो सप्ताह की वार्ता की अध्यक्षता कर रहीं चिली की पर्यावरण मंत्री कैरोलिना श्मिट ने देशों से नवीनतम मसौदे के समग्र संतुलन को मान्यता देने का आग्रह किया और अधिकारियों से कहा, 'दुनिया को दिखाएं कि हम काम करते हैं और बहुपक्षवाद भी काम करता है.'