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स्वीडन के प्रधानमंत्री ने विश्वास मत खोया, राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ी - प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन

स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने सोमवार को विश्वास मत खो दिया. इसके साथ ही वह विश्वास मत खोने वाले स्वीडन सरकार के पहले नेता बन गए हैं.

स्टीफन लोफवेन
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Published : Jun 21, 2021, 4:52 PM IST

Updated : Jun 21, 2021, 10:35 PM IST

स्टॉकहोम : स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने सोमवार को विश्वास मत खो दिया, जिससे वह स्वीडन सरकार के पहले नेता हो गए हैं जिन्हें इस तरह के प्रस्ताव पर हार का सामना करना पड़ा है. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के स्टीफन लोफवेन 2014 से प्रधानमंत्री हैं.

इस घटनाक्रम के बाद स्कैंडेनेवियाई देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है. 2018 में हुए चुनाव में संसद में गतिरोध पैदा हो गया था और सरकार बनाने के लिए महीनों तक वार्ताएं चलती रहीं.

स्वीडन के संविधान के तहत प्रधानमंत्री को एक हफ्ते में निर्णय करना है कि वह फिर से चुनाव कराना चाहते हैं या संसद के अध्यक्ष को नई सरकार बनाने के लिए कहते हैं.

लोफवेन ने कहा कि वह अगले कदम के बारे में निर्णय करने के लिए 'कुछ समय चाह रहे हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि पूरा हफ्ता लग जाए.'

यह सरकार सोशल डेमोक्रेटिक- ग्रीन गठबंधन की अल्पमत की सरकार थी जो कानून पारित करने के लिए छोटी लेफ्ट पार्टी के भरोसे थी.

लोफवेन की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव राष्ट्रवादी ‘स्वीडन डेमोक्रेट्स’ पार्टी ने पेश किया और आवास की कमी से निपटने के लिए एक प्रस्तावित कानून को लेकर लेफ्ट पार्टी द्वारा समर्थन वापस ले लेने के कारण सरकार अल्पमत में आ गई.

लोफवेन के खिलाफ 181 सांसदों ने वोट दिए जबकि उनके समर्थन में 109 सांसदों ने वोट किया. 51 सांसद अनुपस्थित रहे.

लेफ्ट पार्टी ने कहा कि नवनिर्मित मकानों के लिए किराया नियंत्रण खत्म करने के प्रस्ताव के कारण लोफवेन में उसका विश्वास नहीं रहा.

स्वीडन में किराये पर कड़ा नियंत्रण है जिसका उद्देश्य बड़े शहरों में सस्ती दर बनाए रखना है. बहरहाल, इससे भवन निर्माताओं में किराये के बाजार के लिए नए घर बनाने में निवेश करने को लेकर कम उत्साह है.

लेफ्ट पार्टी को डर है कि किराया बाजार को नियंत्रण मुक्त करने से मूल्यों में तेजी से बढ़ोतरी होगी और गरीब एवं अमीर के बीच खाई बढ़ेगी.

वोट के बाद 63 वर्षीय लोफवेन ने कहा, 'चाहे जो भी हो, मैं और मेरी पार्टी देश के नेतृत्व का जिम्मा संभालने के लिए तैयार रहेंगे.' उन्होंने कहा कि मेरा ध्यान इस पर रहेगा कि स्वीडन के लिए क्या बेहतर कर सकते हैं.

पढ़ें - दुबई ने भारत समेत अन्य देशों से आने वालों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी, रखी ये शर्त

लोफवेन ने सप्ताहांत में बैठक बुलाई थी ताकि अपने प्रस्तावित किराया सुधार के लिए संसद में बहुमत जुटा सकें. रविवार को उन्होंने सुधारों में नरमी बरतने के संकेत दिए और कहा कि वार्ता के लिए मकान मालिकों एवं किरायेदार संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा.

बहरहाल, लेफ्ट पार्टी की नेता नूशी डाडगोस्टर, लोफवेन का विरोध करने के अपने निर्णय पर अड़ी रहीं और कहा कि उनका प्रयास 'राजनीतिक दिखावा भर है.'

स्वीडन की आबादी एक करोड़ है और 2015 में इसने रिकॉर्ड एक लाख 63 हजार शरणार्थियों को शरण दी थी जो किसी भी यूरोपीय देश में सर्वाधिक संख्या थी.

(पीटीआई-भाषा)

स्टॉकहोम : स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने सोमवार को विश्वास मत खो दिया, जिससे वह स्वीडन सरकार के पहले नेता हो गए हैं जिन्हें इस तरह के प्रस्ताव पर हार का सामना करना पड़ा है. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के स्टीफन लोफवेन 2014 से प्रधानमंत्री हैं.

इस घटनाक्रम के बाद स्कैंडेनेवियाई देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है. 2018 में हुए चुनाव में संसद में गतिरोध पैदा हो गया था और सरकार बनाने के लिए महीनों तक वार्ताएं चलती रहीं.

स्वीडन के संविधान के तहत प्रधानमंत्री को एक हफ्ते में निर्णय करना है कि वह फिर से चुनाव कराना चाहते हैं या संसद के अध्यक्ष को नई सरकार बनाने के लिए कहते हैं.

लोफवेन ने कहा कि वह अगले कदम के बारे में निर्णय करने के लिए 'कुछ समय चाह रहे हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि पूरा हफ्ता लग जाए.'

यह सरकार सोशल डेमोक्रेटिक- ग्रीन गठबंधन की अल्पमत की सरकार थी जो कानून पारित करने के लिए छोटी लेफ्ट पार्टी के भरोसे थी.

लोफवेन की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव राष्ट्रवादी ‘स्वीडन डेमोक्रेट्स’ पार्टी ने पेश किया और आवास की कमी से निपटने के लिए एक प्रस्तावित कानून को लेकर लेफ्ट पार्टी द्वारा समर्थन वापस ले लेने के कारण सरकार अल्पमत में आ गई.

लोफवेन के खिलाफ 181 सांसदों ने वोट दिए जबकि उनके समर्थन में 109 सांसदों ने वोट किया. 51 सांसद अनुपस्थित रहे.

लेफ्ट पार्टी ने कहा कि नवनिर्मित मकानों के लिए किराया नियंत्रण खत्म करने के प्रस्ताव के कारण लोफवेन में उसका विश्वास नहीं रहा.

स्वीडन में किराये पर कड़ा नियंत्रण है जिसका उद्देश्य बड़े शहरों में सस्ती दर बनाए रखना है. बहरहाल, इससे भवन निर्माताओं में किराये के बाजार के लिए नए घर बनाने में निवेश करने को लेकर कम उत्साह है.

लेफ्ट पार्टी को डर है कि किराया बाजार को नियंत्रण मुक्त करने से मूल्यों में तेजी से बढ़ोतरी होगी और गरीब एवं अमीर के बीच खाई बढ़ेगी.

वोट के बाद 63 वर्षीय लोफवेन ने कहा, 'चाहे जो भी हो, मैं और मेरी पार्टी देश के नेतृत्व का जिम्मा संभालने के लिए तैयार रहेंगे.' उन्होंने कहा कि मेरा ध्यान इस पर रहेगा कि स्वीडन के लिए क्या बेहतर कर सकते हैं.

पढ़ें - दुबई ने भारत समेत अन्य देशों से आने वालों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी, रखी ये शर्त

लोफवेन ने सप्ताहांत में बैठक बुलाई थी ताकि अपने प्रस्तावित किराया सुधार के लिए संसद में बहुमत जुटा सकें. रविवार को उन्होंने सुधारों में नरमी बरतने के संकेत दिए और कहा कि वार्ता के लिए मकान मालिकों एवं किरायेदार संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा.

बहरहाल, लेफ्ट पार्टी की नेता नूशी डाडगोस्टर, लोफवेन का विरोध करने के अपने निर्णय पर अड़ी रहीं और कहा कि उनका प्रयास 'राजनीतिक दिखावा भर है.'

स्वीडन की आबादी एक करोड़ है और 2015 में इसने रिकॉर्ड एक लाख 63 हजार शरणार्थियों को शरण दी थी जो किसी भी यूरोपीय देश में सर्वाधिक संख्या थी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 21, 2021, 10:35 PM IST
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