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अलास्का में रूसी परमाणु जेट के पीछे यूएस एफ-22 फाइटर ने भी भरी उड़ान - रूसी परमाणु जेट के पीछे यूएस एफ 22 फाइटर

रूस के परमाणु क्षमता वाले फाइटर जेट्स के पीछे अमेरिका के यूएस एफ -22 फाइटर भी अलास्का के पास उड़ाने भरते दिखे. रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका नियमित रूप से एक-दूसरे की सीमाओं के पास शीतयुद्ध काल की मिसाइल संधि रद्द होने के बाद प्रशिक्षण उड़ानें भरते रहते हैं.

रूसी परमाणु-जेट
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Published : Jun 18, 2020, 4:35 PM IST

मॉस्को : रूस के परमाणु क्षमता वाले फाइटर जेट्स ने एक मिशन पर अलास्का के पास उड़ान भरी. इस बीच अमेरिका के एफ-22 फाइटर भी गश्त के दौरान उड़ान भरते दिखे.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चार टीयू-95 जेट बॉम्बर्स ने 11 घंटे के मिशन के दौरान ओखोत्स्क सागर, बेरिंग सागर, चुच्ची सागर और उत्तरी प्रशांत के ऊपर उड़ान भरी. इस बीच अमेरिका के एफ-22 फाइटर भी गश्त के दौरान रूसी बॉम्बर का पीछा करते दिखे.

रूस की प्रशिक्षण उड़ान के पीछे यूएस एफ-22 फाइटर भी दिखे.

रूस की लंबी दूरी के विमानन के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सर्गेई कोबालाश ने बॉम्बर्स के चालक दल की उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि एसयू-35 और मिग-31 लड़ाकू विमानों ने मार्ग के सबसे जटिल चरणों में भी बॉम्बर्स का अनुरक्षण किया.

पढ़ें- नस्ल, जाति और धर्म के आधार पर भी भेदभाव का शिकार हो रहे एलजीबीटीक्यू

अमेरिका ने पिछले सप्ताह भी अलास्का के निकट रूसी युद्धक विमानों के दो समूहों के पीछे भी अपने फाइटर विमान लगाए थे.

गौरतलब है कि रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका नियमित रूप से एक-दूसरे की सीमाओं के पास शीतयुद्ध काल की मिसाइल संधि रद्द होने के बाद प्रशिक्षण उड़ानें भरते रहते हैं.

मॉस्को : रूस के परमाणु क्षमता वाले फाइटर जेट्स ने एक मिशन पर अलास्का के पास उड़ान भरी. इस बीच अमेरिका के एफ-22 फाइटर भी गश्त के दौरान उड़ान भरते दिखे.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चार टीयू-95 जेट बॉम्बर्स ने 11 घंटे के मिशन के दौरान ओखोत्स्क सागर, बेरिंग सागर, चुच्ची सागर और उत्तरी प्रशांत के ऊपर उड़ान भरी. इस बीच अमेरिका के एफ-22 फाइटर भी गश्त के दौरान रूसी बॉम्बर का पीछा करते दिखे.

रूस की प्रशिक्षण उड़ान के पीछे यूएस एफ-22 फाइटर भी दिखे.

रूस की लंबी दूरी के विमानन के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सर्गेई कोबालाश ने बॉम्बर्स के चालक दल की उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि एसयू-35 और मिग-31 लड़ाकू विमानों ने मार्ग के सबसे जटिल चरणों में भी बॉम्बर्स का अनुरक्षण किया.

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अमेरिका ने पिछले सप्ताह भी अलास्का के निकट रूसी युद्धक विमानों के दो समूहों के पीछे भी अपने फाइटर विमान लगाए थे.

गौरतलब है कि रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका नियमित रूप से एक-दूसरे की सीमाओं के पास शीतयुद्ध काल की मिसाइल संधि रद्द होने के बाद प्रशिक्षण उड़ानें भरते रहते हैं.

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