बर्लिन : ईरान के साथ 2015 के परमाणु करार में अमेरिका को वापस लाने के उद्देश्य से वियना में चल रही उच्चस्तरीय वार्ता आगे बढ़ रही है और विशेषज्ञ इस सप्ताह प्रस्तावों का मसौदा बनाने पर काम कर रहे हैं, लेकिन समाधान अभी दूर है. रूस के प्रतिनिधियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अमेरिका 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में एकपक्षीय तरीके से समझौते से हट गया था. इस करार में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पाबंदियों के ऐवज में ईरान को आर्थिक प्रोत्साहन देने के प्रावधान हैं.
ट्रंप ने तब कहा था कि करार पर फिर से बातचीत की जरूरत है. इसके बदले ईरान करार में उल्लेखित प्रतिबंधों का लगातार उल्लंघन कर रहा है. वह तय शुद्धता सीमा से आगे जाकर यूरेनियम संवर्द्धन कर रहा है और बड़ी मात्रा में भंडार जमा कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन चाहते हैं कि वाशिंगटन समझौते में वापस लौटे. ईरान पिछले दो सप्ताह से इस बारे में पांच बड़ी महाशक्तियों- जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और रूस से बात कर रहा है.
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इन देशों के राजनयिक ईरानी प्रतिनिधिमंडल और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच संदेशों का आदान-प्रदान कर रहे हैं. अमेरिका के प्रतिनिधि भी वियना में हैं लेकिन ईरानी पक्ष से सीधी बातचीत नहीं कर रहे. रूसी प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने कहा कि हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि बातचीत मसौदे के स्तर पर पहुंच रही है.