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रसायन विज्ञान को हरित बनाने वाले अणुओं के निर्माण के अभूतपूर्व तरीके के लिए नोबेल पुरस्कार

जर्मनी के बेंजामिन लिस्ट और अमेरिका के डेविड मैकमिलन को 'ऑर्गेनोकैटलिसिस' के विकास के लिए रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला है. जानिए यूनिवर्सिटी ऑफ साउथम्पटन के रेमन रियोस का इस पर क्या कहना है.

नोबेल पुरस्कार
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Published : Oct 8, 2021, 2:45 PM IST

साउथम्पटन (इंग्लैंड) : जर्मनी के बेंजामिन लिस्ट और अमेरिका के डेविड मैकमिलन 'ऑर्गेनोकैटलिसिस' के विकास के लिए रसायन विज्ञान 2021 में एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (8,70,000 यूरो) का नोबेल पुरस्कार साझा करेंगे. ऑर्गेनोकैटलिसिस अणुओं के निर्माण के लिए एक सटीक उपकरण है जिसने फार्मास्युटिकल अनुसंधान को बढ़ावा दिया है और रसायन शास्त्र को अधिक हरित एवं सस्ता बनाया है.

उनका अनुसंधान 2000 का है, जब रसायन शास्त्रियों ने स्वतंत्र रूप से 'असममिति‍क ऑर्गेनोकैटलिसिस' की दिशा में पहला कदम विकसित किया, जो कि छोटे कार्बनिक अणुओं द्वारा रासायनिक प्रतिक्रियाओं को सक्रिय करना है.

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथम्पटन के रेमन रियोस का कहना है कि कई प्रौद्योगिकियां और अनुसंधान के क्षेत्र अणुओं पर निर्भर होते हैं जिन्हें रासायनिक प्रतिक्रियाओं में बनाया जाना है. दुर्भाग्य से, ये बहुत धीमी गति से हो सकते हैं, यही कारण है कि रसायन शास्त्री अक्सर उत्प्रेरक (कैटलिस्ट) का उपयोग करते हैं. यह ऐसी सामग्री होती है जो रासायनिक प्रतिक्रियाओं को गति देती है. लिस्ट और मैकमिलन के काम से पहले, केवल दो प्रकार के उत्प्रेरक उपलब्ध थे: धातु या एंजाइम.

रेमन रियोस का कहना है कि 'मेरी राय में, दोनों की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि ऐसी चीज की खोज करना था जिसे कोई भी संभव नहीं मानता था यानी अमीनो एसिड जैसे छोटे कार्बनिक अणु भी उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकते हैं.'

उनके मुताबिक इस खोज ने जोड़ी को 'असममिति‍क प्रतिक्रियाएं' बनाने में सक्षम बनाया. रासायनिक प्रतिक्रियाओं में, कई अणु दो संस्करणों में निर्मित होते हैं जो एक दूसरे की हूबहू छवियां हैं (एक विशेषता जिसे शिरेलिटी कहा जाता है). यह तब कष्टप्रद होता है जब आप उनमें से केवल एक ही चाहते हैं, जिसकी अक्सर फार्मास्युटिकल उद्योग में जरूरत पड़ती है.

पढ़ें- Nobel in Chemistry : दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार

वास्तव में, थैलिडोमाइड दवा के साथ यही गलत हुआ, जिसे 1960 के दशक में गर्भवती महिलाओं में मितली आने की समस्या कम करने के लिए विकसित किया गया था, लेकिन यह भ्रूण की विकृतियों का कारण बन गया था. दवा दोनों प्रकार के अणुओं का एक समान मिश्रण थी, लेकिन यह पता चला कि इनमें से एक प्रभावी था, और इसकी हुबहू प्रति विषाक्त थी. ऑर्गेनोकैटलिसिस की सुंदरता यह है कि आप इसकी नकल के बिना एक विशिष्ट अणु का उत्पादन कर सकते हैं.

रासायनिक प्रतिक्रियाओं में उत्प्रेरक के रूप में धातुओं के उपयोग से बचने की संभावना ने भी दवा कंपनियों के लिए यौगिकों को शुद्ध करना आसान बना दिया है. रेमन रियोस का कहना है कि यह फार्मास्यूटिकल्स के निर्माण में एक महत्वपूर्ण अंतिम चरण है, और इसमें कुछ धातु उत्प्रेरक सहित खतरनाक रसायनों को हटाना शामिल है. अन्य प्रकार के कटैलिसिस की तुलना में ऑर्गेनोकैटलिसिस का एक और बड़ा सुधार यह है कि इसे करना आसान है. आप इसे साधारण परिस्थितियों में सामान्य तापमान पर कर सकते हैं. अन्य प्रकार के कटैलिसीस की तुलना में परिणामों की मज़बूती से भविष्यवाणी करना और उन्हें नियंत्रित करना भी आसान है.

(पीटीआई-भाषा)

साउथम्पटन (इंग्लैंड) : जर्मनी के बेंजामिन लिस्ट और अमेरिका के डेविड मैकमिलन 'ऑर्गेनोकैटलिसिस' के विकास के लिए रसायन विज्ञान 2021 में एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (8,70,000 यूरो) का नोबेल पुरस्कार साझा करेंगे. ऑर्गेनोकैटलिसिस अणुओं के निर्माण के लिए एक सटीक उपकरण है जिसने फार्मास्युटिकल अनुसंधान को बढ़ावा दिया है और रसायन शास्त्र को अधिक हरित एवं सस्ता बनाया है.

उनका अनुसंधान 2000 का है, जब रसायन शास्त्रियों ने स्वतंत्र रूप से 'असममिति‍क ऑर्गेनोकैटलिसिस' की दिशा में पहला कदम विकसित किया, जो कि छोटे कार्बनिक अणुओं द्वारा रासायनिक प्रतिक्रियाओं को सक्रिय करना है.

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथम्पटन के रेमन रियोस का कहना है कि कई प्रौद्योगिकियां और अनुसंधान के क्षेत्र अणुओं पर निर्भर होते हैं जिन्हें रासायनिक प्रतिक्रियाओं में बनाया जाना है. दुर्भाग्य से, ये बहुत धीमी गति से हो सकते हैं, यही कारण है कि रसायन शास्त्री अक्सर उत्प्रेरक (कैटलिस्ट) का उपयोग करते हैं. यह ऐसी सामग्री होती है जो रासायनिक प्रतिक्रियाओं को गति देती है. लिस्ट और मैकमिलन के काम से पहले, केवल दो प्रकार के उत्प्रेरक उपलब्ध थे: धातु या एंजाइम.

रेमन रियोस का कहना है कि 'मेरी राय में, दोनों की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि ऐसी चीज की खोज करना था जिसे कोई भी संभव नहीं मानता था यानी अमीनो एसिड जैसे छोटे कार्बनिक अणु भी उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकते हैं.'

उनके मुताबिक इस खोज ने जोड़ी को 'असममिति‍क प्रतिक्रियाएं' बनाने में सक्षम बनाया. रासायनिक प्रतिक्रियाओं में, कई अणु दो संस्करणों में निर्मित होते हैं जो एक दूसरे की हूबहू छवियां हैं (एक विशेषता जिसे शिरेलिटी कहा जाता है). यह तब कष्टप्रद होता है जब आप उनमें से केवल एक ही चाहते हैं, जिसकी अक्सर फार्मास्युटिकल उद्योग में जरूरत पड़ती है.

पढ़ें- Nobel in Chemistry : दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला पुरस्कार

वास्तव में, थैलिडोमाइड दवा के साथ यही गलत हुआ, जिसे 1960 के दशक में गर्भवती महिलाओं में मितली आने की समस्या कम करने के लिए विकसित किया गया था, लेकिन यह भ्रूण की विकृतियों का कारण बन गया था. दवा दोनों प्रकार के अणुओं का एक समान मिश्रण थी, लेकिन यह पता चला कि इनमें से एक प्रभावी था, और इसकी हुबहू प्रति विषाक्त थी. ऑर्गेनोकैटलिसिस की सुंदरता यह है कि आप इसकी नकल के बिना एक विशिष्ट अणु का उत्पादन कर सकते हैं.

रासायनिक प्रतिक्रियाओं में उत्प्रेरक के रूप में धातुओं के उपयोग से बचने की संभावना ने भी दवा कंपनियों के लिए यौगिकों को शुद्ध करना आसान बना दिया है. रेमन रियोस का कहना है कि यह फार्मास्यूटिकल्स के निर्माण में एक महत्वपूर्ण अंतिम चरण है, और इसमें कुछ धातु उत्प्रेरक सहित खतरनाक रसायनों को हटाना शामिल है. अन्य प्रकार के कटैलिसिस की तुलना में ऑर्गेनोकैटलिसिस का एक और बड़ा सुधार यह है कि इसे करना आसान है. आप इसे साधारण परिस्थितियों में सामान्य तापमान पर कर सकते हैं. अन्य प्रकार के कटैलिसीस की तुलना में परिणामों की मज़बूती से भविष्यवाणी करना और उन्हें नियंत्रित करना भी आसान है.

(पीटीआई-भाषा)

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