वाशिंगटन: नासा (NASA) ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) द्वारा खींची र्गई पहली तस्वीरों का अनावरण किया है, जो टेलीस्कोप के 18 मुख्य दर्पण खंडों को ठीक से संरेखित करने के शुरुआती चरणों का प्रतिनिधित्व करती है. ये तस्वीरें मोजेक तारामंडल उर्सा मेजर में एक अलग उज्जवल तारे पर दूरबीन को केंद्रित करके खींची गई हैं. इस तारे को एचडी 84406 के रूप में जाना जाता है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार देर रात एक बयान में कहा कि इस तारे को विशेष रूप से इसलिए चुना गया, क्योंकि इसे आसानी से पहचाना जा सकता है और समान यह चमक वाले अन्य सितारों की भीड़ में खो नहीं सकता. मोजेक के भीतर प्रत्येक बिंदु को संबंधित प्राथमिक दर्पण खंड द्वारा लेबल किया गया है, जिसने इसे कैप्चर किया है.
इस सफलता से उम्मीद जगी है कि इस साल गर्मी में ब्रह्मांड के अभूतपूर्व दृश्यों की तस्वीरें देखने को मिलेंगी. नासा ने कहा कि अगले एक महीने में टीम धीरे-धीरे मिरर सेगमेंट को तब तक एडजस्ट करेगी, जब तक कि 18 इमेज सिंगल स्टार नहीं बन जाते. इसपर एरिजोना विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान की प्रोफेसर मार्सिया रीके ने कहा, तस्वीर लेने में कामयाबी मिलने से पूरी वेब टीम खुश है. हम यह देखकर बहुत खुश हैं प्रकाश एनआईआर कैम में अपना रास्ता बना लेता है.
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2 फरवरी से शुरू हुई तस्वीर खींचने की प्रक्रिया के दौरान टेलीस्कोप को तारे के अनुमानित स्थान के आसपास 156 अलग-अलग जगहों पर दोबारा सेट किया गया था और एनआईआरकैम के 10 डिटेक्टरों का उपयोग करके 1,560 तस्वीरें ली गईं. यह पूरी प्रक्रिया लगभग 25 घंटों तक चली, लेकिन उल्लेखनीय रूप से वेधशाला पहले छह घंटों और 16 एक्सपोजर के भीतर अपने प्रत्येक दर्पण खंड में लक्ष्य वाले तारे का पता लगाने में कामयाब हुई.
इसके बाद इन तस्वीरों को बड़े मोजेक बनाने के लिए एक साथ जोड़ा गया जो एक फ्रेम में प्रत्येक प्राथमिक दर्पण खंड के सिग्नेचर को कैप्चर करता है. वेब के डिप्टी टेलिस्कोप साइंटिस्ट मार्शल पेरिन ने कहा कि, इस प्रारंभिक खोज में यह संकेत मिला कि पूर्ण चंद्रमा के आकार के कई तारे आकाश पर फैले हुए हो सकते हैं. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के साथ एक संयुक्त प्रयास से वेब मिशन को पिछले साल 25 दिसंबर को लॉन्च किया गया था. 10 अरब डॉलर कीमत का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, ब्रह्मांडीय इतिहास के हर चरण का पता लगाएगा. इसकी पहुंच हमारे सौर मंडल के भीतर से लेकर प्रारंभिक ब्रह्मांड में सबसे दूर दिखने वाली आकाशगंगाओं तक होगी.
(आईएएनएस)